39000 करोड़ की लागत से 5 एस-400 ‘ट्रायंफ’ की खरीद पर डील
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति श्री व्लादिमीर पुतिन के बीच 15 अक्टूबर को कई अहम समझौते हुए। भारत और रूस के बीच करीब 39000 करोड़ की लागत से 5 एस-400 ‘ट्रायंफ’ वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की खरीद के लिए समझौते पर हस्ताक्षर हुआ। भारत और रूस के बीच 1 अरब डॉलर का हेलिकॉप्टर समझौता हुआ। इसके तहत ही भारत में ही कामोव हेलीकॉप्टर बनाने के लिए संयुक्त उपक्रम स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा कुडनकुलम प्लांट के लिए भी समझौता हुआ और प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कुडनकुलम परमाणु संयंत्रण की इकाई 3 और 4 की बुनियाद रखी। इसके साथ ही आतंकवाद को लेकर प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि हम सरहद पार आतंकवाद से निबटने के मुद्दे पर रूस की समझ और समर्थन की गहरी प्रशंसा करते हैं। आतंकवाद से निबटने की जरूरत पर रूस का स्पष्ट रुख हमारे अपने रुख को प्रतिबिंबित करता है।
रूस के राष्ट्रपति के भारत दौरे के दौरान प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने प्रेस-वक्तव्य में कहा कि दो नये मित्रों से एक पुराना मित्र बेहतर होता है। उन्होंने कहा कि पिछली दो वार्षिक शिखर वार्ताएं हमारी साझेदारी में नए विषयों एवं प्रयासों की साक्षी रहीं है। श्री पुतिन और मैंने हाल में हमारी संलिप्तता के सम्यक परिदृश्य पर विस्तृत एवं उपयोगी वार्ता को पूरा किया है।
श्री मोदी ने कहा कि कामोव 226 टी हेलीकॉप्टर के निर्माण, फ्रीगेटों के निर्माण तथा अन्य रक्षा सामग्री की खरीद एवं निर्माण में भारत की प्रौद्योगिकी एवं सुरक्षात्मक प्राथमिकताओं के अनुरूप हैं। इससे हमें मेक इन इंडिया के लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी मदद मिलती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह परियोजनाएं दोनों देशों के सशक्त एवं बहुआयामी रक्षा साझेदारी की मजबूती के लंबे इतिहास में एक नया अध्याय है और हम दोनों ही इससे गौरवान्वित हुए हैं। कुछ ही क्षण पूर्व कूडनकुलम 2 के राष्ट्र को समर्पण तथा कूडनकुलम 3 और 4 की आधारशिला रखे जाने से हमने सिविल न्यूक्लियर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत-रूस सहयोग के परिणामों को देखा है और अन्य आठ रिएक्टरों के प्रस्तावित निर्माण के साथ हमारा न्यूक्लियर सहयोग दोनों देशों के लिए अत्याधिक लाभकारी रहेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय कंपनियों ने रूस के तेल और गैस क्षेत्र में 5.5 विलियन अमरीकी डॉलर का निवेश किया है। राष्ट्रपति पुतिन के सहयोग से हम इस दिशा में अपनी संलिप्तता को तैयार हैं तथा कार्यक्षेत्र के विस्तार के इच्छुक हैं। हम अपने दो देशों के बीच गैस पाइप लाइन मार्ग पर भी संयुक्त रूप से अध्ययन कर रहे हैं।
आतंकवादियों से निपटने के लिए ‘जीरो टालरेंस’ की आवश्यकता
श्री मोदी ने कहा कि हमने आतंकवादियों और उनके समर्थकों से निपटने के लिए ‘जीरो टालरेंस’ की आवश्यकता की पुष्टि की है। राष्ट्रपति पुतिन और मेरे विचार अफगानिस्तान की स्थिति तथा पश्चिम एशिया की दशा पर एक जैसे ही रहे हैं। हम अंतरराष्ट्रीय आर्थिक और वित्तीय बाजारों के अनसुलझे प्रश्नों से उत्पन्न चुनौतियों पर निकट से काम करने पर भी सहमत हुए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र, पश्चिम एशिया शिखर वार्ता, जी-20, शंघाई सहयोग संगठन के साथ हमारे निकट सहयोग से वस्तुतः वैश्विक स्तर पर संभावना व इस कार्य क्षेत्र में हमारी भागीदारी मजबूत हुई है।
श्री मोदी ने कहा कि हम अगले वर्ष अपने राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ की ओर अग्रसर हो रहे हैं और भारत एवं रूस अतीत की उपलब्धियों का जश्न मनाने जा रहा है। हम एक ऐसी आदर्श साझेदारी के काम में जुटे हैं, जहां हमारी आम आकांक्षाएं तथा 21वीं सदी के लिए हमारे संयुक्त लक्ष्यों के अनुरूप हों। हमारी निकटस्थ मैत्री ने सुस्पष्ट दिशा, नई ताजगी, सशक्त गति तथा हमारे संबंधों की सार्थकता को उजागर किया है। आसन्न क्षेत्रीय एवं वैश्विक धरातल पर यह शक्ति एवं सार का स्रोत है, शान्ति और स्थायित्व का परिचालक है।