तीन पनबिजली परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित

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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 18 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश  के मंडी में एनटीपीसी के 800 मेगावाट के कोलदाम जल विद्युत घर, एनएचपीसी की 520 मेगावाट की पार्वती परियोजना और एसजेवीएनएल के 412 मेगावाट के रामपुर ताप बिजली घर को राष्ट्र को समर्पित किया। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री वीर भद्र सिंह, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय विद्युत, कोयला, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा, तथा खान राज्य मंत्री ;स्वतंत्र प्रभारद्ध श्री पीयूष गोयल और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

देश के विकास में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के योगदान की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इन जल विद्युत परियोजनाओं से हिमाचल प्रदेश और देश के अन्य भागों में समृ(ि आएगी। एचएचपीसी की पार्वती प्प्प् परियोजना नदी योजना संचालित है और इसमें 43मीटर ऊंचा राॅकफिल बांध है, बिजली घर भूमिगत है और इसमें 10.58 किमी लंबी जल कंडक्टर प्रणाली है। 520 मेगावाट स्थापित क्षमता के साथ चार वर्टिकल फ्रैंसिस टरबाइनों को चलाने के लिए 326 मीटर के कुल सिरे का उपयोग किया गया है। इस विद्युत परियोजना से सालाना 1963.29 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन होगा। पार्वती प्प्प् परियोजना से हिमाचल प्रदेश, जम्मू तथा कश्मीर, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान तथा केंद्र शासित क्षेत्र चंडीगढ़ लाभान्वित होंगे। यह विद्युत घर 13 प्रतिशत बिजली निःशुल्क गृह राज्य को सप्लाई करता है। 13 प्रतिशत में 12 प्रतिशत हिस्सा गृह राज्य का और 1 प्रतिशत स्थानीय क्षेत्र विकास निधि के लिए है। परियोजना की पूर्णता लागत लगभग 2600 करोड़ रुपये है और 30.09.2016 तक 816 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति के साथ कुल 1880एमयू बिजली उत्पादन हुआ है।

200 मेगावाट की चार इकाइयों में उत्पादन शुरु होने के साथ एनटीपीसी की कोलदाम परियोजना ने 800 मेगावाट की क्षमता हासिल कर ली है और यह उत्तरी ग्रिड को शीर्ष क्षमता प्रदान कर रही है। 90 प्रतिशत निर्भरता वर्ष आधार पर इस परियोजना से 3054 जीडब्ल्यूएच बिजली उत्पादन होगा। कोलदाम में उत्पादित 12 प्रतिशत बिजली गृह राज्य हिमाचल प्रदेश को निःशुल्क दी जाएगी और 1 प्रतिशत बिजली स्थानीय क्षेत्र विकास निधि के लिए दी जाएगी। परियोजना से प्रभावित सभी परिवारों को हर महीने 100 यूनिट बिजली निःशुल्क दी जाएगी जो कि यह कुल उत्पादन का 0.62 प्रतिशत है। इस तरह संयंत्र से उत्पादित कुल 13.62 प्रतिशत बिजली निःशुल्क हिमाचल प्रदेश को मिलेगी।