भारत को अवैध घुसपैठियों के सुरक्षित ठिकाने के रूप में इस्तेमाल नहीं होने देगी मोदी सरकार

| Published on:

नई दिल्ली स्थित डाॅॅॅ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में 8 एवं 9 सितंबर 2018 को संपन्न भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर प्रस्ताव पारित किया गया। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार भारत को अवैध घुसपैठियों के सुरक्षित ठिकाने के रूप में इस्तेमाल नहीं होने देगी। प्रस्तुत है प्रस्ताव का पूरा पाठ:

भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चल रही केन्द्र सरकार तथा असम के मुख्यमंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व में चल रही राज्य सरकार को बधाई देती है कि उन्होंने वर्षों से लंबित राष्ट्रीय नागरिक (NRC) के वायदे को पूरा किया। यह कार्य भारत की सुरक्षा तथा असम के लोगों की आर्थिक, राजनीतिक तथा सांस्कृतिक अधिकारों के प्रति काफी महत्वपूर्ण है।

भारत के स्वतंत्र होने से पूर्व ही असम में बड़ी संख्या में अवैध घुसपैठ होना शुरू हुआ। स्वतंत्रता के बाद भी यह घुसपैठ लगातार होती रही, क्योंकि अलग-अलग सरकारों की इसे रोकने की इच्छाशक्ति नहीं थी। इस बेलगाम घुसपैठ के कठोर अनुपात के कारण ही असम की जनता को सड़क पर उतरना पड़ा। इसके विरुद्ध असम की जनता ने 1979 से 1985 के बीच एक ऐतिहासिक आंदोलन शुरू किया और विशेष रूप से ऑल असम स्टूडेंट यूनियन – AASU के नेतृत्व में छात्र तथा युवाओं ने इस बेलगाम अवैध घुसपैठ के खिलाफ विरोध किया। घुसपैठियों को Detect, Delete & Deport करने के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए शुरू किये गये इस आंदोलन में 800 नागरिक भी शहीद हुये। भारतीय जनता पार्टी ने 1980 में अपनी स्थापना के समय से ही असम के लोगों के इस ऐतिहासिक संघर्ष को समर्थन दिया और उस आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल रही।

2013 में सर्वोच्च न्यायालय ने भारत सरकार को असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) पर काम शुरू करने का आदेश दिया, लेकिन पूर्व सरकारों की राजनैतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण इस पर काम नहीं किया गया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के तुरंत बाद दृढ़संकल्प के साथ वैज्ञानिक और पारदर्शी तरीके से इस प्रक्रिया को आरंभ किया गया और इसी कारण अंतिम प्रारूप 31 जुलाई 2018 को पूरा हुआ। सरकार असम और उसके नागरिकों के हितों की रक्षा के लिये प्रतिबद्ध है और साथ ही सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि कोई भारतीय नागरिकता से वंचित न रहे।

इस NRC पर विपक्षी राजनैतिक दलों द्वारा की जा रही आलोचना की दृढ़तापूर्वक निंदा करते हैं। ये सारी पार्टियां इस समस्या की गंभीरता को जानते थे। विपक्ष जब सत्ता में था, उसने स्वयं इसको स्वीकार किया था कि करोड़ों घुसपैठिये असम तथा अन्य राज्यों में अवैध रूप से रह रहे हैं। विश्व का कोई भी देश घुसपैठियों को अपनी जमीन पर रहने नहीं देता, लेकिन वोट बैंक की राजनीति के लिये विपक्षी पार्टियों ने असम तथा देश के लोगों की हितों की रक्षा का साहस नहीं दिखाया और साथ ही आज वे अवैध घुसपैठियों के साथ खड़े दिख रहे हैं।

भारतीय जनता पार्टी बार-बार स्पष्ट रूप से कहती रही है कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार भारत को अवैध घुसपैठियों के सुरक्षित ठिकाने के रूप में इस्तेमाल नहीं होने देगी। एक-एक घुसपैठिये की पहचान की जायेगी और नागरिकता से वंचित करने के उपरांत उन्हें निर्वासित किया जायेगा। सरकार ने रोहिंग्या घुसपैठियों को पहचानने की प्रक्रिया देश के कई शहरों में शुरू कर दी है और उनके निर्वासन के लिये उचित कार्यवाही भी की जायेगी।
भारतीय जनता पार्टी बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हिन्दू, बौद्ध, सिख और ईसाई अल्पसंख्यकों की समस्याओं की गंभीरता को समझती है जो अपनी जान की रक्षा धर्म के सम्मान, महिलाओं की इज्जत की सुरक्षा और इन देशों में उनके ऊपर हो रहे अत्याचार के कारण भारत में शरण लेने के लिये आ रहे है। इसी उद्देश्य के साथ भारतीय जनता पार्टी केन्द्र सरकार के नागरिकता विधेयक का समर्थन करती है।