नए भारत के निर्माण का संकल्प

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नई दिल्ली स्थित डाॅॅॅ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में आयोजित भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के दूसरे दिन 9 सितंबर 2018 को राजनीतिक प्रस्ताव पारित हुआ। केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने यह प्रस्ताव रखा, जिसका समर्थन हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर ने किया।

इस प्रस्ताव में कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी की यह राष्ट्रीय कार्यकारिणी 130 करोड़ भारतीयों के समर्थन से प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में नए भारत के निर्माण के संकल्पों को हासिल करने की प्रतिबद्धता व्यक्त करती है। हम प्रत्येक भारतीय को भारत में हो रहे बदलाव की इस यात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं। यह राष्ट्रीय कार्यकारिणी एक बार फिर नए भारत के संकल्पों को आगे ले जाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का अभिनंदन करते हुए एक स्वर में उनके प्रति आभार व्यक्त करती है। हम यहां राजनीतिक प्रस्ताव का पूरा पाठ प्रकाशित कर रहे हैं:

भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को 2022 के नए भारत के निर्माण के उनके दृष्टिकोण के लिए कृतज्ञता व्यक्त करते हुए आभार और अभिनंदन करती है। 2022 वह वर्ष होगा, जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे कर लेगा और एक नया भारत जो भूख, बेघरी और बेरोजगारी से मुक्त होगा। यह एक ऐसा नया भारत होगा जो एकजुट, मज़बूत, समृद्ध और आत्मविश्वास से परिपूर्ण होगा। हम एक ऐसे नए भारत के निर्माण का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहे हैं, जहां- न कोई बेघर हो, न कोई गरीब हो, न आतंकवाद हो, न भ्रष्टाचार हो, न जातिवाद हो और न संप्रदायवाद हो।

आज जब हम इस राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बैठे हैं, तो निम्न आय वर्ग के लगभग एक करोड़ परिवारों को उनके अपने घर प्राप्त होने वाले हैं। अगले तीन वर्षों में देश के निम्न आय वाले 5 करोड़ से से अधिक परिवारों के पास उनका अपना घर हो और देश बेघरी की समस्या से पूर्णतया मुक्त बने, इस लक्ष्य को लेकर हम सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहे हैं। जिस प्रतिबद्धता के साथ केंद्र की सरकार इस दिशा में काम कर रही है, कार्यकारिणी विश्वास व्यक्त करती है कि देश से बेघरी की समस्या से पूरी तरह निजात अवश्य प्राप्त कर लेंगे।

आज जब हम यहां नए भारत पर विचार-विमर्श करने के लिए यहां बैठे हैं, तो भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य मिज़ोरम का एक मध्यम आयु वर्ग का कम शिक्षित किसान, वैज्ञानिक खोजों के आधार पर बनाई गई नई नई कृषि प्रणालियों का उपयोग करके अपने खेत में मशरूम के रिकॉर्ड उत्पादन की गर्व से घोषणा कर रहा है। यही वह स्वर्णिम अवसर है जब भारत अपने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषि क्षेत्र में बहुआयामी तकनीकी खोज कर रहा है।
आज देश के अलग-अलग राज्यों से हम आशाओं की खिलती किरणों को देख पा रहे हैं। ये नए भारत की आशाओं की किरणें हैं।

राजस्थान के एक छोटे से गांव का 19 वर्षीय स्नातक छात्र कुछ नया करने के उत्साह में, अपने छोटे से खेत में पेड़ के नीचे बैठकर नव तकनीक युक्त रिमोट संचालित ट्रैक्टर चलाते हुए कहता है कि अब किसानों को कड़कती धूप में परेशान होने की जरूरत नहीं है, अब वे उसके द्वारा बनाये गए 1 लाख रुपये से कम लागत के रिमोट व्हील का उपयोग करके, पास के पेड़ के नीचे चुपचाप बैठकर ऐसा कर सकते हैं। आज हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि देश भर में आविष्कार के प्रयास और नई-नई खोजों की भावना का व्यापक प्रसार हो रहा है।

यह दौर देश के देश के सामान्य आदमी के मन में बढ़ते आत्मविश्वास का दौर है। महाराष्ट्र के एक रिक्शा खींचने वाले की बेटी और तमिलनाडु के एक मदरसा शिक्षक की बेटी ने सिविल सेवा परीक्षाओं में प्रभावशाली रैंकिंग हासिल करके यह सिद्ध किया है कि वे प्रशासन का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं। यह हमारे लिए गौरव की बात है कि समाज का आखिरी व्यक्ति भी अब भारत की नई कहानी का हिस्सेदार बन रहा है। यही अन्त्योदय की सफलता का प्रमाण भी है।

विकास के मानदंडों पर नए भारत की संकल्पना बहुआयामी है। यह हर क्षेत्र में प्रगति के नए आयामों को छू रहा है। देश की छः युवा महिला नौसेना अधिकारियों का एक समूह आईएनएसवी तारिणी नामक नौकायन से दुनिया का चक्कर लगाने के बाद वापस आया है, जो भारत की समुद्री क्षेत्र में बढ़ते प्रभाव और मजबूती का उत्कृष्ट प्रमाण है। इसके अलावा सबसे शक्तिशाली युद्ध मशीन, मिग 21 लड़ाकू विमान को अकेले उड़ाने की तैयारी देश की तीन युवा महिला अधिकारी कर रही हैं। दूसरी तरफ भोपाल के एक चाय बेचने वाले की पुत्री एक लड़ाकू पायलट के रूप में वायु सेना में शामिल होने की तैयारी कर रही है। ये सारे उदाहरण इस बात के संकेत हैं कि भारत की महिलाएं बहुत साहस और आत्मविश्वास से आगे बढ़ रही हैं।

भारत और भारतीयता के विचार आज दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र बने हैं। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अन्तराष्ट्रीय स्तर पर योग दिवस की स्वीकार्यता को कार्यकारिणी एक उल्लेखनीय उपलब्धि मानती है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के शब्दों में, “190 से अधिक देशों के लोग, देहरादून से डबलिन, शंघाई से शिकागो, और जकार्ता से जोहान्सबर्ग तक, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर विभिन्न योगासन और प्राणायाम कर रहे थे और अपनी सांस को नियंत्रित कर रहे थे। भारत आज वैश्विक कल्याण का केंद्र बन गया है।”

आज का भारत बहुपक्षीय बदलावों की नई इबारतें गढ़ रहा है। इस बदलाव में देश के सवा सौ करोड़ भारतवासियों की भागीदारी है। एक ओर जहां UNHRC ने जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार स्थितियों पर एक अत्यधिक पक्षपातपूर्ण और तथ्यात्मक रूप से गलत रिपोर्ट को प्रचारित किया, तो वहीं दूसरी ओर जम्मू कश्मीर में सबसे अधिक आतंकवादी गतिविधियों के क्षेत्र अनंतनाग में हमारी सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना STAND UP INDIA की भूरि-भूरि सराहना की गई। वहां की महिला लाभार्थियों के एक समूह ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद और आशीर्वाद देते हुए कहा कि उन्होंने रमजान के पवित्र महीने के दौरान हर रोज यह प्रार्थना की है कि श्री नरेन्द्र मोदी अगले पांच वर्षों के लिए पुन: प्रधानमंत्री बनें।

एक नया भारत आगे बढ़ रहा है

भारत अब अपने गांवों के धुंआ-फूंकने वाली प्रदूषणयुक्त तथा ग्रामीण जनजीवन के लिए खतरनाक चिमनियों से बाहर निकल रहा है। हम गरीब ग्रामीण परिवारों को पर्यावरण-अनुकूल LPG के चूल्हे से युक्त सम्मानपूर्ण जीवन देने की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। हमने 5 करोड़ से अधिक परिवारों को LPG सिलेंडर देकर, देश की महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक धुआंयुक्त रसोई के दौर को समाप्त करने का कार्य तेजी से किया है।

नए भारत के निर्माण के संकल्पों के साथ हमने उन सभी गांवों तक बिजली पहुंचाने का कार्य लक्ष्यावधि से पहले पूरा किया है, जो आजादी के सात दशक बाद भी बिजली से वंचित थे। देश में सभी ग्रामीण और शहरी घरों के विद्युतीकरण को सुनिश्चित करने के लिए ‘सौभाग्य योजना’ शुरू की गई। इस योजना से आया बदलाव अब धरातल पर दिखने लगा है। जहां एक ओर 99% शहरी घरों में बिजली कनेक्शन है, तो वहीं बिजली-युक्त ग्रामीण घरों का प्रतिशत जो 2011 में 55% था, अब बढ़कर 88% हो गया है।

देश के लाखों युवा पुरुषों और महिलाओं, विशेष रूप से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के कुशल हाथों और सक्षम कन्धों के माध्यम से एक नया भारत आगे बढ़ रहा है। हमने मुद्रा योजना के माध्यम से 13 करोड़ से अधिक को सरल ऋण दिए हैं, जिसका परिणाम है कि आज भारत के युवा नौकरी तलाशने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बन रहे हैं। एक नया, आत्मविश्वासी और पूर्ण प्रशिक्षित भारत प्रगति पथ पर आगे बढ़ रहा है। 20 एम्स, 22 आईआईटी और 20 आईआईएम से हजारों से ज्यादा कुशल डॉक्टरों और इंजीनियरों का निर्माण हो रहा है। आज एक मजबूत और स्वस्थ भारत उभर रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री के ‘हम फिट हैं तो भारत फिट है’ अभियान के तहत लाखों लोग जुड़ रहे हैं। हमने पिछले 4 वर्षों में 120,000 किलोमीटर राजमार्गों का निर्माण किया है, जो मौजूदा नेटवर्क का लगभग दोगुना है। नए भारत के निर्माण की दिशा में प्रगति के नए आयाम स्थापित करते भारत के लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी माननीय प्रधानमंत्री जी के प्रति आभार व्यक्त करती है।

आधारभूत संरचना के विकास से नए भारत का निर्माण

शहरी परिवहन: हमने पहले ही 10 शहरों में मेट्रो ट्रेन सेवाएं शुरू की हैं, और 5 और शहरों को जल्द ही इससे जोड़ा जाएगा। आज शहरी सम्पर्क मार्गों का ढांचा पूरी तरह से बदल रहा है। प्रदूषण मुक्त भारत बनाने के लिए हमारी सरकार के लिए विद्युत युक्त सार्वजनिक परिवहन हमारी अगली प्राथमिकता है। ऑटो रिक्शा जैसे विद्युत स्थानीय वाहनों के माध्यम से इस पर कार्य भी शुरू भी हो चुका है। यातायात को सुलभ बनाने के लिए हम बुलेट ट्रेन की दिशा में भी तेजी से बढ़ रहे हैं।

ऊर्जा: ऊर्जा के क्षेत्र में अगर बात करें 1433 टेरावाट / बिजली उत्पादन के घंटों के साथ आज का भारत खपत से ज्यादा ऊर्जा की उपलब्धता वाला देश है। भारत में अब बिजली की कमी नहीं है।

अन्तरिक्ष में सफलता: हम इस वर्ष के अंत में चंद्रयान-II लॉन्च करने जा रहे हैं और अगले वर्ष आदित्य- एल 1 नामक एक अद्वितीय सौर मिशन भी लांच करेंगे। इस वर्ष के 12 महीनों में लगभग 12 यान लॉन्च हुए। यह प्रमाण है कि आज इसरो अपनी क्षमता में नए बदलाव और नए आविष्कार बढ़ा रहा है।
डिजिटल कनेक्टिविटी: हम 2019 के अंत तक देश के 2,50,000 गांवों को डिजिटल रूप से जोड़ने के लिए 10 लाख किलोमीटर फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क बनाने के कार्य में सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहे हैं। आज हमारे पास 1.2 बिलियन मोबाइल फोन का आधार उपलब्ध है। इसमें 45 करोड़ से अधिक स्मार्टफोन है और देश में इंटरनेट से जुड़ी आबादी पचास करोड़ से भी अधिक है। हमने डिजिटल इंडिया अभियान के माध्यम से सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक नई क्रान्ति की है। इसके माध्यम से शासन में पारदर्शिता के लक्ष्यों को शत-प्रतिशत हासिल करने की दिशा में हमें सफलता मिली है। JAM- अर्थात् जन धन, आधार और मोबाइल ने सामान्य भारतीयों के जीवन तथा शासन की कार्यप्रणाली को बदल दिया है। डीबीटी की योजनाओं ने भ्रष्टाचार को कम करने में, लाभार्थियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने में तथा सीधा लाभ उनके खातों में पहुंचाने में मदद की है।

स्वच्छता का संकल्प: यह एक निर्विवाद सत्य है कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने स्वच्छता को जनांदोलन बनाया है। आज स्वच्छता जन-मन का विषय बन चुका है। शौचालययुक्त परिवारों की संख्या जो अक्टूबर 2014 में 38.7 प्रतिशत थी, वह जुलाई 2018 में बढ़कर 87.9 प्रतिशत हो गई है। अब तक अक्टूबर 2014 और जुलाई 2018 के बीच 7 करोड़ 81 लाख से ज्यादा घरेलू उपयोग के शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है। सभी राज्यों तथा संघ शासित प्रदेशों में से कुल 417 जिलों ने स्वयं को खुले शौच से मुक्त (ODF) घोषित कर दिया है, जिसे कार्यकारिणी एक बड़ी सफलता के रूप में देखती है। इसके अलावा 19 राज्य / केंद्रशासित प्रदेश भी 100 प्रतिशत खुले शौच से मुक्त घोषित किये जा चुके हैं। इस अभियान की वास्तविक लाभार्थी, देश की महिलायें हैं, जो अब स्वयं को पहले से अधिक सुरक्षित और स्वस्थ महसूस करती हैं।

स्वास्थ्य: हमने 2018-19 के बजट में ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना (National Health Protection Scheme)’ के अंतर्गत दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी स्वास्थ्य-देखभाल योजना की घोषणा की है, ताकि 10 करोड़ गरीब और कमजोर वर्ग के परिवारों (लगभग 50 करोड़ लाभार्थियों) को प्रति वर्ष माध्यमिक और उच्च स्तर के अस्पतालों में देखभाल के लिए 5 लाख रुपये तक की राशि प्रदान की जा सके। स्वास्थ्य के क्षेत्र में ‘आयुष्मान भारत योजना’ दुनिया की सबसे बड़ी और अद्वितीय योजना है।

जलमार्ग: हम अपनी नदियों को स्वच्छ और निर्मल बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं, ताकि अनेक जलमार्गों को जल्द ही चालू किया जा सके। अगले वर्ष मार्च तक हम स्वच्छ गंगा को देखेंगे, ऐसा कार्यकारिणी को पूर्ण विश्वास है।

यह सब परिणाम हमारे प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लोकहित के लिए अपनाई गई व्यावहारिक नीति, साफ़ नीयत और कुशल नेतृत्व के कारण संभव हुआ है और हमने यह सब कुछ रिकॉर्ड समय में हासिल किया है।

आर्थिक उपलब्धियों के अहम पड़ाव: चार वर्ष पहले हमें एक कमजोर, अपारदर्शी और पूर्णत: पूंजीवादी (crony capitalist) अर्थव्यवस्था विरासत में मिली थी। हमारे समक्ष इसे बदलने की चुनौती थी। माननीय प्रधानमंत्री जी ने इस अर्थव्यवस्था के मूलभूत मानदंडों को सुधारने का कार्य किया। इसके लिए कुछ कड़े कदम उठाये जाने की आवश्यकता थी, जिसे ऑस्ट्रियाई-अमेरिकी अर्थशास्त्री जोसेफ शम्पेटर ने ‘creative destruction’ का नाम दिया। शम्पेटर के शब्दों में “औद्योगिक परिवर्तन की यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो लगातार आर्थिक संरचना में अंदरूनी क्रान्ति लाती है, लगातार पुरानी आर्थिक संरचना को नष्ट करती है और लगातार ही एक नई संरचना का निर्माण करती है।”

नोटबंदी, जीएसटी, दिवालियापन कानून और शोधन अक्षमता संहिता – IBC इत्यादि ऐसी योजनाएं हैं, जिन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में आर्थिक और कानूनी अनुशासन लाकर हमारी अर्थव्यवस्था में मूलभूत सुधार किये हैं।

परिणामस्वरूप एक संक्षिप्त मंदी के दौर के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था अब तेजी से आगे बढ़ रही है। हम अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा अनुमानित 7.5% GDP growth की वृद्धि दर के साथ आज दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ रही बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। 6.6% की वृद्धि दर के साथ चीन हमारे पीछे है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार छोटी सी अवधि में भारत में 8% से अधिक विकास दर देश में हो रहे कई संरचनात्मक सुधारों को अमल में लाकर लाई जा सकती है।

भारत विश्व में एक महत्वपूर्ण देश के रूप में उभर रहा है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत का हिस्सा लगातार बढ़ रहा है। विश्व के GDP में भारत का योगदान, (अमेरिकी डॉलर की मौजूदा कीमतों पर) 2014 से लगातार बढ़ रहा है। 2014 में यह 2.6 प्रतिशत था जो 2017 में बढ़कर 3.3 प्रतिशत हो गया। वर्ल्ड बैंक के अनुसार 2018 में ब्रिटेन को पछाड़कर भारत में विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की सम्भावना है।

सरकार द्वारा उठाए गए अनेक नीतिगत उपायों के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था में विश्वास अब बढ़ गया है, जैसाकि निम्नलिखित संकेतकों से देखा जा सकता है:

मूडी रेटिंग एजेंसी ने भारत के आर्थिक सुधारों में निरंतर हो रही प्रगति के कारण भारत की रेटिंग को BAA3 से सुधार कर भारत की स्थानीय और विदेशी मुद्रा की स्थिरता दर्शाने वाली BAA2 पर कर दिया है। 13 वर्षों बाद हमारे देश की रेटिंग में ऐसा सुधार आया है। इससे पहले जो सुधार किया गया था वह भी एनडीए कार्यकाल (जनवरी 2004) में ही हुआ था।

वर्ल्ड बैंक की 2018 की Ease of Doing Business रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 में भारत की रैंकिंग 30 स्थान सुधर कर 100वें स्थान पर पहुंच गई।
वर्ल्ड इकनोमिक फोरम के अनुसार, वर्ष 2017-18 में Global Competitiveness Index में 137 देशों में से भारत की रैंक 40 है, जो वर्ष 2014-15 की तुलना में 71 से अधिक पदों का सुधार है।

परिणामस्वरूप आज हमारे पास रिकॉर्ड $ 415 बिलियन अमेरिकन डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार उपलब्ध है। इस वर्ष एफडीआई का सकल प्रवाह (inflow) 61 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। निर्यात में 20% की वृद्धि और आयात में 15% की वृद्धि हुई है।

भ्रष्टाचार, जो पहले भारत में व्यवहार का सहज हिस्सा बन गया था,वह अब सार्वजनिक जीवन से काफी हद तक गायब हो गया है। आजकल भारत में कहा जाता है कि आज के भ्रष्टाचारियों को स्वयं को बचाने के लिए दर-दर, ‘हांगकांग से लंदन तक’ भागना पड़ रहा है। वे कुछ समय के लिए भगोड़े बने रह सकते हैं, लेकिन उन्हें रांची जेल में अपने साथियों के साथ रहने के लिए वापस भारत आना ही होगा।

हमारी सरकार की नई आर्थिक नीतियों ने भारत और भारतीयों दोनों को समृद्ध बनाया है। एक ऐसा समय भी होता था जब भारत को एक गरीब देश कहा जाता था। ऐसा तब था जब भारत सरकार और भारतीय दोनों ही गरीब थे। धीरे-धीरे लोग अमीर बनने लगे, लेकिन सरकार गरीब ही रही। आज 4 वर्षों के कुशल आर्थिक प्रबंधन के चलते, भारतीय लोग भी संपन्न हो रहे हैं और भारत सरकार भी संपन्न हुई है। साथ साथ देश के गरीबों के जीवन स्तर में व्यापक सुधार हुआ है और भारत की बहुत बड़ी जनसंख्या गरीबी से ऊपर उठाकर बेहतर जीवन जी रहे हैं।

जीएसटी ने भारत सरकार का राजस्व लगभग 1 ट्रिलियन रुपए – (150 अरब डॉलर) तक बढ़ाने में मदद की है। कुल करदाताओं की संख्या 1 करोड़ से अधिक हो गई है। इस कारण सरकार को इस वर्ष अपने राजकोषीय घाटे (Fiscal Deficit) को 3.3% तक घटाने का विश्वास है।

वर्ष 2015-16 में भारत सरकार का राजकोषीय घाटा GDP का 3.9 प्रतिशत था, जो वर्ष 2016-17 और 2017-18 में 3.5 प्रतिशत रहा और इसके वर्ष 2018-19 में 3.3 प्रतिशत होने की सम्भावना है। यदि इसकी तुलना यूपीए वर्षों में हो रहे राजकोषीय घाटे से करें तो: वर्ष 2009-10 में यह 6.5% था, फिर वर्ष 2010-11 में 4.8% हो गया, वर्ष 2011-12 में यह दोबारा बढ़कर 5.9% हुआ और वर्ष 2012-13 में 4.9% था। यूपीए के दौरान राज्यों के सकल टैक्स रेवेन्यू के 46.5 प्रतिशत से एनडीए 2 के दौरान 56% तक बढ़ने के बावजूद हमारी सरकार का प्राथमिक घाटा कभी भी जीडीपी के 1% से ज्यादा नहीं हुआ है।

कृषि क्षेत्र में, कृषि मंत्रालय के Department of Economics and Statistics द्वारा जारी तीसरे अग्रिम अनुमानों के अनुसार, वर्ष 2017-18 में 279.6 मिलियन टन अनाज का अनुमानित रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है जो वर्ष 2016-17 में हुए 275.1 मिलियन टन की तुलना में बहुत अधिक है। इस वर्ष चावल, गेहूं, मोटे अनाज और दाल इत्यादि का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। बागवानी उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में 1.6 प्रतिशत बढ़कर वर्ष 2017-18 में 305.4 मिलियन टन की नई ऊंचाई छू गया है।

वर्ष 2018-19 के खरीफ फसलों पर- 14 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) उत्पादन लागत से कम से कम 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है (A2+FL)। किसान की दशा सुधारने के लिए उठाया गया यह एक क्रांतिकारी कदम है।

केवल चार वर्षों में ही, भारत एक संयुक्त और मजबूत राष्ट्र के रूप में उभरा है। हमारे पास 4 वर्ष दंगा-मुक्त भारत का रिकॉर्ड है। देश के लगभग 160 जिलों में फैले माओवाद को आज 20 जिलों तक सीमित कर दिया गया है। हम जल्द ही एक माओवाद-मुक्त भारत बनाने जा रहे हैं। शहरी माओवाद के फैलाव को भी कड़े ढंग से रोका जा रहा है।

आंतरिक सुरक्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। उत्तर पूर्व के आठ में से छ: राज्यों में भाजपा/NDA सरकारों के बनने के कारण उत्तर पूर्व में शांतिपूर्ण वातावरण बना है। छुपे हुए नागा समूहों के साथ समझौता करने का कार्य इस क्षेत्र में स्थायी शांति बनाने की राह में प्रगति कर रहा है।

असम सरकार के 50,000 से अधिक कर्मचारियों द्वारा किए गए एक कठिन प्रयास के बाद नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन (NRC) का प्रकाशन, राज्य द्वारा अपनी सांस्कृतिक, आर्थिक और जनसांख्यिक हितों के साथ साथ देश के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को बढ़ाने का एक महान् कार्य किया गया है। यह राष्ट्रीय कार्यकारिणी प्रत्येक सही भारतीय नागरिक को आश्वस्त करना चाहता है कि अंतिम एनआरसी प्रकाशित होने पर उनमें से किसी का नाम नहीं छोड़ा जाएगा। हम भारत आने वाले अल्पसंख्यक शरणार्थियों के हितों की रक्षा के लिए भी कदम उठाएंगे। यह राष्ट्रीय कार्यकारी देश से बंगलादेशी या रोहिंग्या, सभी तरह के घुसपैठियों को बाहर निकालने में दृढ़ संकल्प के लिए मोदी सरकार की प्रशंसा करती है।

पिछले तीन वर्षों में हमारी सरकार द्वारा उठाए गए कड़े कदमों के कारण जम्मू-कश्मीर में प्रभावी ढंग से आतंकवाद को कम किया गया है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी को गर्व है कि हमारे नेतृत्व ने पार्टी के हितों से ऊपर राष्ट्रीय हित को रखकर जम्मू कश्मीर में शांति और विकास के लिए ठोस कार्रवाई करने के लिए उस राज्य में सरकार से भी स्वयं को अलग कर लिया है।

पिछले चार वर्षों में दुनिया में भारत का महत्व और सम्मान बहुत अधिक बढ़ा है। हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी की गणना विश्व के अग्रणी नेताओं में की जाती है। हमारी संतुलित तथा संवेदनशील विदेश नीति की भी चारों और सराहना की जाती है। इस संतुलन का ही परिणाम है कि हमारे संबंध इज़राइल के साथ भी अच्छे हैं और पैलेस्टाइन के साथ भी, सऊदी अरब के साथ भी अच्छे हैं और ईरान के साथ भी, अमेरिका के साथ भी अच्छे हैं और रूस तथा चीन के साथ भी। संवेदनशीलता के प्रमाण-स्वरूप हम दिसंबर 2017 तक एक लाख से ज्यादा विदेशों मे फंसे हुए लोगों को स्वदेश वापस लेकर आयें हैं।

प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में भारत वैश्विक एजेंडा तय करने वाला राष्ट्र बन गया है। मात्र 75 दिनों में 177 देशों के समर्थन से 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया जाना तथा जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने के लिए फ्रांस के साथ मिलकर मोदी जी द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का गठन किया जाना इसके प्रत्यक्ष प्रमाण हैं।

दुनिया के साथ साथ देश में भी प्रधानमंत्री मोदी जी की लोकप्रियता बहुत बढ़ी है। 4 वर्षों के बाद भी, प्रधान मंत्री जी की 70%+ की लोकप्रियता-रेटिंग पारंपरिक राजनीतिक आकलन को गलत साबित करती है। कोई अन्य भारतीय नेता उनकी इस रेटिंग के करीब भी नहीं आता। 2014 से लेकर अब तक हमने 15 राज्यों में चुनाव जीते हैं और 6 हारे हैं। आज हम 20 प्रदेशों में सत्ता में हैं, जबकि विपक्ष 10 प्रदेशों में सत्ता में है; उनमें से केवल 3 प्रदेशों में कांग्रेस की सरकारें हैं।

विपक्षी दलों को हमारे अच्छे काम और जन अनुकूल नीतियों के आधार पर हमारी सरकार की अत्यधिक सद्भावना और लोकप्रियता से बहुत बड़ा झटका लगा है। इसलिए सत्ता प्राप्त करने की हताशा में विपक्षी दल विभिन्न विकल्पों का सहारा ले रहे हैं। उनके पास न तो कोई ऐसा नेता है जो प्रधानमंत्री मोदी से मुकाबला कर सके, ना ही इसके लिए कोई रणनीति है। उनका एकमात्र उद्देश्य है “मोदी रोको”। वे चाहते हैं कि नए भारत को किसी भी तरह से नष्ट किया जाए। माननीय प्रधानमंत्री जी ने पूरे देश में वर्ष 2022 तक एक नया भारत बनाने का आह्वान किया है।

भारतीय जनता पार्टी की यह राष्ट्रीय कार्यकारिणी 130 करोड़ भारतीयों के समर्थन से प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में नए भारत के निर्माण के संकल्पों को हासिल करने की प्रतिबद्धता व्यक्त करती है। हम प्रत्येक भारतीय को भारत में हो रहे बदलाव की इस यात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी एक बार फिर नए भारत के संकल्पों को आगे ले जाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का अभिनंदन करते हुए एक स्वर में उनके प्रति आभार व्यक्त करती है।