राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति देश को स्वस्थ और मजबूत बनाएगी

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हमने उच्च किस्म की ऐसी दवाईयां बनाई हैं जिन्हें पूरे विश्व में निर्यात किया जाता है। एक अनुमान के अनुसार पूरे विश्व में सप्लाई की जाने वाली जेनेरिक दवाओं का लगभग 20 प्रतिशत भारत में निर्मित होता है। हालांकि हमें इस बात पर गर्व है, लेकिन हम यह भी हम जानते हैं कि इससे भी अधिक बेहतर हम कर सकते हैं। स्वास्थ्य पर हमारा खर्च कम हो सकता है, जिससे नागरिकों को वित्तीय संकट से बचाया जा सकता है। हम उस लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं जहां प्रत्येक नागरिक स्वस्थ और उत्पादक जीवन जी सकता है।

जगत प्रकाश नड्डा

विगत दस वर्षों से भारत ने स्वास्थ्य क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। इस विशाल देश में प्रत्येक बच्चे को रोगमुक्त करने के लिए पोलियो वेक्सीन की बहुआयामी खुराकें दी गई हैं। पूरे राष्ट्र में हमारी शिशु और मातृत्व मृत्यु दर में एक-तिहाई से भी कहीं अधिक गिरावट आई है। हमने उच्च किस्म की ऐसी दवाईयां बनाई हैं जिन्हें पूरे विश्व में निर्यात किया जाता है। एक अनुमान के अनुसार पूरे विश्व में सप्लाई की जाने वाली जेनेरिक दवाओं का लगभग 20 प्रतिशत भारत में निर्मित होता है। हालांकि हमें इस बात पर गर्व है, लेकिन हम यह भी हम जानते हैं कि इससे भी अधिक बेहतर हम कर सकते हैं। स्वास्थ्य पर हमारा खर्च कम हो सकता है, जिससे नागरिकों को वित्तीय संकट से बचाया जा सकता है। हम उस लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं जहां प्रत्येक नागरिक स्वस्थ और उत्पादक जीवन जी सकता है।

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राज्य सरकारों और अन्य लोगों के साथ विचार-विमर्श कर हमने स्वास्थ्य व्यवस्था को व्यापक स्वरूप प्रदान किया है। हमने स्वास्थ्य क्षेत्र में धन की उपलब्धता बढ़ाई है। बेहतर स्वास्थ्य के लिए बीमारियों की रोकथाम का प्रबंध किया है। हमने तकनीक और मानव संसाधनों का बेहतर प्रयोग किया है। विभिन्न स्वास्थ्य पद्धतियों को प्रोत्साहित किया है ताकि हम बेहतर और स्वस्थ जीवन जी सकें। राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति का लक्ष्य सभी को, विशेष रूप से वंचित लोगों तक उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जा सके।

सौभाग्य से, हमने इस दिशा में काफी प्रगति की है जिससे हम स्वास्थ्य व्यवस्था को और बेहतर बना सकते हैं। हम मातृत्व और शिशु स्वास्थ्य को बेहतर बना कर ऐसी इंफ्रास्ट्रक्चर बना पाने में समर्थ हो गए हैं, जिससे हम सभी को स्वास्थ्य मुहैया कराने की स्थिति पैदा कर सकें। हमने चार तरह के निवेशों को प्राथमिकता दी है, जिनके जरिए हम भविष्य के लिए भारतीय स्वास्थ्य व्यवस्था का निर्माण कर सकते हैं।

सबसे पहले हमारा ध्यान बीमारियों की रोकथाम कर बेहतर स्वास्थ्य को प्रोन्नत करना है। साथ ही हमें यह भी सुनिश्चित करना है कि सभी को व्यापक व गुणवŸापूर्ण प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हों। हमारा जोर रूग्णता देखभाल की बजाय आरोग्यता पर है। ‘स्वस्थ नागरिक अभियान’ के अन्तर्गत लोक अभियान की शुरूआत की गई है ताकि लोग स्वस्थ रहें और उन्हें अस्पताल जाने की जरूरत ही न हो। साथ ही यह भी आवश्यक है कि हम चुनिंदा प्राइमरी हैल्थकेयर सेवाओं से अपना ध्यान हटाकर टू वे रेफरल की तरफ ले जाएं जिसमें एनसीडी, मेंटल हैल्थ आदि शामिल हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति की मुख्य बात यह है कि स्वास्थ्य सेवाओं पर होने वाले खर्च को धीरे-धीरे जीडीपी के 2.5 प्रतिशत तक ले जाएं। इसमें प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं पर दो-तिहाई या इससे अधिक के आवंटन का निर्णय किया गया है।

इस नीति का दूसरा मुख्य उद्देश्य स्वास्थ व्यवस्था को मजबूत करने पर है, ताकी सभी को सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके और लोगाें को जरूरी निःशुल्क दवाएं, रोग निदान और सरकारी अस्पतालों में आपातकालीन सेवाएं प्राप्त हो सके। ‘गोल्डन समय’में माताओं और बच्चों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना भी है कि देश के सभी हिस्सों में प्रति 10 लाख आबादी पर 2000 बिस्तरों की व्यवस्था हो।
हमारा तीसरा स्तम्भ नागरिकों का शक्तिकरण और उत्तम प्रकार का रोगी उपचार है। ऐसे उपाय किए जाएंगे ताकि अस्पतालों को समय-समय पर गुणवत्ता स्तर को प्रमाणित करना पड़े। नीति में सिफारिश की गई है कि सभी विवादों के समाधान के लिए तंत्र स्थापित किया जाए और उनके लिए आदर्श दिशा-निर्देश और प्रारूपों पर आधारित प्रमाण तैयार किए जाएं। सरकारी अस्पतालां में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि विभिन्न प्रकार के रोगियों को संसाधनों का उचित लाभ मिले।

हमारी स्वास्थ्य नीति का चौथा स्तम्भ भारत की इनोवेशन पॉवर, टेक्नालॉजी और आइसीटी क्षमता को बेहतर बनाना है। पॉलिसी में कहा गया है कि स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग पर अधिक ध्यान दिया जाए, ताकि हमारे नागरिकों को अधिक कारगर स्वास्थ्य का लाभ मिल सके और साथ ही साथ रोजगार सृजन भी हो सके। पॉलिसी में फेडरल हैल्थ इंफार्मेशन आर्किटेक्चर की स्थापना की बात कही गई है जो एमडीडीएस के साथ संगत बैठती है। इसके अलावा विशेष रूप से कुछ राज्यों में विशेषज्ञों की कमी को पूरा करने के लिए मेडिकल कालेजों के जिला अस्पतालों को अपग्रेड किया गया है। अन्य सुविधाओं ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है कि दूरदराज के इलाकों तक पर स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बन सके। इस नीति में क्षमता तथा ज्ञान विस्तार के लिए दूर-शिक्षा, नेशनल नॉलिज नेटवर्क, टेली-सीएमई, टेली-विचार विमर्श और डिजिटल पुस्तकालय तक पहुंच सुनिश्चित करने का प्रावधान रखा गया है।

मृत्यु दर और जीवन प्रत्याशा और स्वस्थ जीवन से संबंधित समुचित लक्ष्य रखे गए हैं ताकि बीमारियों से बचा जा सके। यही नहीं, भारत सरकार सभी व्यक्तियों के भावी स्वास्थ्य के प्रति वचनबद्ध है। सभी लोगों के लिए उत्कृष्ट स्वास्थ्य प्रदान करने हेतु सरकार की भूमिका को प्राथमिकता दी गई है, जिसके लिए हमने राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 की घोषणा की है और हम राज्य सरकारों के निकट सहयोग के साथ इसे कार्यान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसे समयबद्ध तरीके से प्रदान किया जाएगा ताकि सभी भारतीय पूरी तरह स्वस्थ रहे और अपना पूरा जीवन व्यतीत कर सकें।

(लेखक केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हैं।)