विष्णु दत्त शर्मा
आज भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में अमृत काल में प्रवेश कर चुका है। वैश्विक महाशक्ति बनने की हमारी आकांक्षाओं को प्राप्त करने की दिशा में कदम उठाने का यह सबसे योग्य क्षण है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पहले से ही अत्यधिक कुशल कार्यबल द्वारा संचालित एक मजबूत और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था हासिल करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है।
आने वाले दशक में भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने का अनुमान है और यह सिर्फ शुरुआत है! भारत के आर्थिक सर्वेक्षण 2023 का अनुमान है कि भारत के स्कूलों में 26 करोड़ से अधिक छात्र हैं। आने वाले 25 वर्षों में ये छात्र सबसे बड़े वैश्विक कार्यबल का हिस्सा बनेंगे और India@100 की आकांक्षाओं को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएंगे।
समकालीन दुनिया की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार की गई नई शिक्षा नीति का निर्माण भारतीय जनता पार्टी के 2014 के राष्ट्रीय चुनाव घोषणापत्र में भी एजेंडे में था। एक ऐसी शिक्षा नीति तैयार करने के लिए, जो हमारे छात्रों को 21वीं सदी के लिए सही कौशल सेट के साथ सशक्त बनाएगी, लाखों हितधारकों के साथ लगभग छह वर्षों तक परामर्श किया गया। NEP 2020 को 29 जुलाई, 2020 को भारत की तीसरी राष्ट्रीय शिक्षा नीति और 1986 के बाद पहली बार मंजूरी दी गई थी।
एक नीति के रूप में, जो बात NEP 2020 को अपने पूर्ववर्तियों से अलग करती है, वह स्कूली शिक्षा के दो पहलुओं पर जोर है— शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और कक्षाओं में बच्चों के सीखने के तरीके में बदलाव। यह शिक्षकों की क्षमता निर्माण के बारे में भी व्यापक रूप से बात करती है, जो हमारे बच्चों को पढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं, आखिरकार, गुणवत्तापूर्ण शिक्षकों के बिना गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान नहीं की जा सकती है। अतीत की कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारों द्वारा जारी की गई शिक्षा नीतियां मुख्य रूप से सभी बच्चों के लिए स्कूलों की पहुंच और उन्हें स्कूल तक पहुंचाने पर केंद्रित थीं, लेकिन NEP 2020 के हस्तक्षेप बच्चे की शैक्षणिक यात्रा के सभी चरणों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने पर केंद्रित हैं। बुनियादी स्तर से लेकर उनके स्कूल के अंत तक, उन्हें रोजगार योग्य, पूर्ण नागरिक बनाना।
हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के शब्दों में, यह नीति की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि “बच्चों को कक्षा-3 तक ‘पढ़ना-सीखना’ चाहिए ताकि वे बाद में ‘सीखने के लिए पढ़ सकें’।’’ शिक्षक पर्व 2022 के दौरान भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने उच्चतम गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के लिए सरकार की राजनीतिक इच्छाशक्ति और प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा,“वर्तमान में, प्राथमिक विद्यालय स्तर के कई छात्रों को मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (FLN) कौशल प्राप्त करने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसीलिए 2025 तक इन्हें हासिल करने को सबसे बड़ी प्राथमिकता दी गई है।”
सभी बच्चों को FLN कौशल प्रदान करने के लिए 2021 में NIPUN भारत मिशन का शुभारंभ कक्षा में शिक्षण और सीखने के तरीके में एक ‘आदर्श बदलाव’ है, जिसमें परीक्षा पास करने के लिए रटने के बजाय बच्चों के आवश्यक कौशल विकसित करने पर एक नया ध्यान केंद्रित किया गया है।
विज्ञान, गणित आदि जैसे विषयों को पढ़ाने के लिए घरेलू भाषा/मातृभाषा की शुरुआत हमारे बच्चों के जीवन में एक और महत्वपूर्ण परिवर्तन है। इससे उन्हें अपनी संस्कृति, दृष्टिकोण और इतिहास से जुड़ने में मदद मिलेगी, जिससे उन्हें अपने स्थानीय समुदायों के प्रति जुड़ाव और गर्व की भावना मिलेगी। संस्कृति और मूल्य गतिशील NEP 2020 के लिए मौलिक हैं, हालांकि इसमें कोई संदेह नहीं है कि इसे एक गतिशील, समकालीन नीति के रूप में विकसित किया गया है।
जैसे-जैसे हमारे बच्चे अपनी शैक्षणिक यात्रा में आगे बढ़ रहे हैं, NEP 2020 भारत को उद्यमिता और नवाचार का ‘हब’ बनाने के लिए उनका लाभ उठाने की दिशा में संरेखित है। आज, भारत के पास दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम है, और NEP 2020 के भीतर ‘स्टार्ट-अप इंडिया’, ‘कौशल विकास योजना’ और ‘अटल इनोवेशन मिशन’ जैसे नीतिगत पहलों के माध्यम से मोदी सरकार ने दुनिया के सबसे बड़े टैलेंट पूल के अपस्किलिंग का समर्थन किया है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक महत्वपूर्ण बात कही है, हमारी भावी पीढ़ियों को दुनिया की अग्रणी ‘जॉब-क्रिएटर’ बनना चाहिए। 2021-22 में, भारतीय स्टार्ट-अप ने रिकॉर्ड 35 बिलियन डॉलर जुटाए, और 2022-23 में 24 बिलियन डॉलर की फंडिंग की। यह भारतीय युवाओं और सृजन एवं नवप्रवर्तन के प्रति उनकी भूख का प्रमाण है और आने वाली चीजों का संकेत है। वे भारत के युवाओं में मौजूद आत्मनिर्भरता की भावना और दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनने के लिए उत्साह, प्रेरणा और भूख का एक चमकदार उदाहरण हैं।
NEP 2020 मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई एक अभूतपूर्व और दूरदर्शी नीति है, जो दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी को उनकी क्षमताओं का दोहन करने के लिए सशक्त बना रही है। इसी सन्दर्भ में, भारत के शिक्षा क्षेत्र के लिए दृष्टिकोण और महत्वाकांक्षा को राजनीतिक इच्छाशक्ति और कार्यान्वयन द्वारा बढ़ाया गया है। उदाहरण के लिए, केंद्रीय बजट 2023-24 में शिक्षा क्षेत्र के लिए 1.12 लाख करोड़ रुपए से अधिक का आवंटन किया गया था, जिसका लक्ष्य India@100 को प्रौद्योगिकी-संचालित और ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था बनाना है। आज यह अभूतपूर्व नीति तीन साल का मील का पत्थर पूरा कर रही है और इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह अभी से ही भारत की विकास कहानी में गेम-चेंजर साबित हो रही है।
(लेखक भाजपा, मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद हैं)