लड़के-लड़कियों में कोई भेदभाव नहीं: प्रधानमंत्री

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प्रधानमंत्री  श्री नरेंद्र मोदी ने 8 मार्च को गांधी नगर में आयोजित स्वच्छ शक्ति 2017- महिला संरपंचों के सम्मेलन को सम्बोधित किया। इस अवसर पर श्री मोदी ने कहा कि लड़कियों के प्रति भेदभावपूर्ण मानसिकता को बदलने जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘देश में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढाओ’ के लिए काफी कुछ किए जाने की आवश्यकता है। कम से कम जिन गांवों में महिला सरपंच हैं, वहां कन्या भ्रूण हत्या का कोई मामला नहीं होना चाहिए। यदि सरपंच जागरूकता पैदा करने का निर्णय लेती है तो वह ऐसा कर सकती है।’

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भेदभाव पूर्ण सोच को कदापि स्वीकार नहीं किया जा सकता और शिक्षा में लड़के और लड़कियों को बराबरी मिलनी चाहिए। प्रौद्योगिकी के लक्ष्य पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे हमारे गांवों में काफी बदलाव आ सकता है। पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वे उनसे सारा देश प्रेरणा लेगा।

श्री मोदी ने कहा कि (विभिन्न राज्यों में) 1000 पुरूषों के मुकाबले 800, 850 या 900 महिलाएं हैं। यदि समाज में इस प्रकार का असंतुलन पैदा होता है तो वह विकास कैसे करेगा? यह समाज की जिम्मेदारी है और महिला सरपंच समाज की मानसिकता को बदलने में संभवत: अधिक सफल हो सकती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘बेटी बचाओ हमारी सामाजिक, राष्ट्रीय, मानवीय जिम्मेदारी है।’

श्री मोदी ने कहा, ‘भेदभावपूर्ण मानसिकता से लड़ने और इसे दृढ़ता के साथ बदलने की आवश्यकता है। बदलाव हो रहा है। हमारी बेटियों ने ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीते और हमें गौरवान्वित किया। बोर्ड परीक्षाओं में केवल लड़कियां सूची में शीर्ष पर देखी जा रही हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मैं महिला सरपंचों से अनुरोध करूंगा कि वे लड़कियों का स्कूल जाना सुनिश्चित करें।’

उन्होंने कहा कि यह आयोजन स्वच्छ भारत अभियान में भारी योगदान करने वाली महिला सरपंचों को सम्मानित करने के लिए आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि 2019 में हम महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती मनायेंगे और उन्होंने स्मरण कराया कि गांधी जी ने स्वच्छता को राजनीतिक स्वतंत्रता से कहीं ज्यादा महत्व दिया था।

उन्होंने उपस्थित महिला सरपंचों का आह्वान किया कि वे स्वच्छता की दिशा में इस उत्साह को बनाए रखें। उन्होंने कहा कि स्वच्छता हमारी आदत में शुमार होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वच्छता का लक्ष्य प्राप्त करने तथा गंदगी दूर करने का सबसे ज्यादा लाभ गरीबों को पहुंचता है।

साथ ही श्री मोदी ने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ में महिलाओं के योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने तकनीकी रूप से सक्षम ग्रामीण भारत के निर्माण की अपील की। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन महिलाओं को आज यहां सम्मानित किया जा रहा है, उन्होंने अनेक मिथकों को तोड़ा है और ग्रामीण भारत में किस प्रकार से सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है, यह भी कर दिखाया है। श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मूल-चूल परिवर्तन के लिए महिला सरपंचों से मिलकर उनका निश्चय दृढ़ हो चला है और वे गुणात्मक परिवर्तन लाने के इच्छुक हैं।