हमारी संस्कृति, हमारी आस्था का प्रकृति से गहरा जुड़ाव है : नरेन्द्र मोदी

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भारत के लिए ‘सूर्य देव’ सदियों से उपासना ही नहीं, जीवन-पद्धति के भी केंद्र में रहे हैं

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 30 अक्टूबर को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 94वीं कड़ी में छठ पर्व की महिमा, गुरुपुरब के महत्व, जन-जातीय गौरव दिवस, अंतरिक्ष व सौर ऊर्जा में भारत की उपलब्धियां आदि पर चर्चा की।

श्री मोदी ने कहा कि आज, देश के कई हिस्सों में सूर्य उपासना का महापर्व ‘छठ’ मनाया जा रहा है। ‘छठ’ पर्व का हिस्सा बनने के लिए लाखों श्रद्धालु अपने गांव, अपने घर, अपने परिवार के बीच पहुंचे हैं। मेरी प्रार्थना है कि छठ मइया सबकी समृद्धि, सबके कल्याण का आशीर्वाद दें।

उन्होंने कहा कि सूर्य उपासना की परंपरा इस बात का प्रमाण है कि हमारी संस्कृति, हमारी आस्था का प्रकृति से कितना गहरा जुड़ाव है। इस पूजा के जरिये हमारे जीवन में सूर्य के प्रकाश का महत्व समझाया गया है। साथ ही, ये सन्देश भी दिया गया है कि उतार-चढ़ाव, जीवन का अभिन्न हिस्सा है। इसलिए, हमें हर परिस्थिति में एक समान भाव रखना चाहिए।

श्री मोदी ने कहा कि छठ का पर्व हमारे जीवन में स्वच्छता के महत्व पर भी जोर देता है। इस पर्व के आने पर सामुदायिक स्तर पर सड़क, नदी, घाट, पानी के विभिन्न स्त्रोत सबकी सफाई की जाती है।

भारत, आज अपने पारंपरिक अनुभवों को आधुनिक विज्ञान से जोड़ रहा है, तभी आज हम सौर ऊर्जा से बिजली बनाने वाले सबसे बड़े देशों में शामिल हो गए हैं

‘मन की बात’ के दौरान उन्होंने कहा कि ‘सौर ऊर्जा’ आज एक ऐसा विषय है, जिसमें पूरी दुनिया अपना भविष्य देख रही है और भारत के लिए तो ‘सूर्य देव’ सदियों से उपासना ही नहीं, जीवन-पद्धति के भी केंद्र में रह रहे हैं। भारत, आज अपने पारंपरिक अनुभवों को आधुनिक विज्ञान से जोड़ रहा है, तभी आज हम सौर ऊर्जा से बिजली बनाने वाले सबसे बड़े देशों में शामिल हो गए हैं।

भारत ने एक साथ 36 सैटेलाइट को अंतरिक्ष में स्थापित किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अब से कुछ दिन पहले भारत ने एक साथ 36 सैटेलाइट को अंतरिक्ष में स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि इस लॉन्चिंग से कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से कोहिमा तक पूरे देश में डिजिटल कनेक्टिविटी को और मजबूती मिलेगी।

इस अवसर पर श्री मोदी ने कहा कि नवम्बर महीने में 15 तारीख को हमारा देश जन-जातीय गौरव दिवस मनाएगा। उन्होंने कहा कि देश ने पिछले साल भगवान बिरसा मुंडा की जन्म जयन्ती के दिन आदिवासी विरासत और गौरव को सेलिब्रेट करने के लिए ये शुरुआत की थी।

श्री मोदी ने कहा कि जब धरती आबा बिरसा मुंडा की बात आती है, छोटे से उनके जीवन काल की तरफ़ नज़र करते हैं, आज भी हम उसमें से बहुत कुछ सीख सकते हैं और धरती आबा ने तो कहा था— यह धरती हमारी है, हम इसके रक्षक हैं। उनके इस वाक्य में मातृभूमि के लिए कर्तव्य भावना भी है और पर्यावरण के लिए हमारे कर्तव्यों का अहसास भी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने हमेशा इस बात पर जोर दिया था कि हमें हमारी आदिवासी संस्कृति को भूलना नहीं है, उससे रत्ती-भर भी दूर नहीं जाना है। आज भी हम देश के आदिवासी समाजों से प्रकृति और पर्यावरण को लेकर बहुत कुछ सीख सकते हैं।

गुरु नानकदेव जी ने अपने पूरे जीवन मानवता के लिए प्रकाश फैलाया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आने वाले 8 नवम्बर को गुरुपुरब है। गुरु नानक जी का प्रकाश पर्व जितना हमारी आस्था के लिए महत्वपूर्ण है, उतना ही हमें इससे सीखने को भी मिलता है। गुरु नानकदेव जी ने अपने पूरे जीवन मानवता के लिए प्रकाश फैलाया।

श्री मोदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में देश ने गुरुओं के प्रकाश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए अनेक प्रयास किए हैं। हमें गुरु नानकदेव जी का 550वां प्रकाश पर्व, देश और विदेश में व्यापक स्तर पर मनाने का सौभाग्य मिला था। दशकों के इंतजार के बाद करतारपुर साहिब कॉरिडोर का निर्माण होना भी उतना ही सुखद है। कुछ दिन पहले ही मुझे हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे के शिलान्यास का भी सौभाग्य मिला है। हमें हमारे गुरुओं के विचारों से लगातार सीखना है, उनके लिए समर्पित रहना है।