पीएम गतिशक्ति की 7,000 किलोमीटर से अधिक एक्सप्रेसवे की योजना बनाने में रही महत्वपूर्ण भूमिका

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पीएम गतिशक्ति ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस पाइपलाइनों के लिए विस्तृत सर्वेक्षण की तैयारी में भी
क्रांति ला दी है, इस प्रक्रिया में लगने वाले समय को 6-9 महीने से घटाकर केवल कुछ घंटों का कर दिया है

13 अक्टूबर को जारी ‘पीएम गतिशक्ति का सार-संग्रह’ के अनुसार पिछले दो वर्षों में पीएम गतिशक्ति 7,000 किलोमीटर से अधिक एक्सप्रेसवे की योजना बनाने में महत्वपूर्ण रही है, जिसमें जीआईएस मानचित्रों के माध्यम से डिजिटल सर्वेक्षणों से क्षेत्रीय सर्वेक्षणों में तेजी आई है। वर्ष 2022-23 में 400 से अधिक परियोजनाओं के साथ नई रेलवे लाइनों के लिए अंतिम स्थान सर्वेक्षण (एफएलएस) में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या केवल 57 थी, जिसके परिणामस्वरूप 13,500 किलोमीटर लंबी रेल लाइनों की योजना बनाई गई।

इस मंच ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस पाइपलाइनों के लिए विस्तृत सर्वेक्षण की तैयारी में भी क्रांति ला दी है, इस प्रक्रिया में लगने वाले समय को 6-9 महीने से घटाकर केवल कुछ घंटों का कर दिया है, जिससे वनों की कटाई को कम करके पर्यावरण संरक्षण के प्रति वचनबद्धता प्रदर्शित की गई है।

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल ने पीएम गतिशक्ति के दो साल पूरे होने के अवसर पर 13 अक्टूबर को नई दिल्ली में ‘पीएम गतिशक्ति का सार-संग्रह’ जारी किया।

इस सार-संग्रह में आठ अनुकरणीय उपयोग के मामले पूरे देश में पीएम गतिशक्ति को व्यापक रूप से अपनाने और गहन लाभों को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं। इन मामलों में परियोजनाओं की एक विस्तृत शृंखला शामिल है, जिसमें सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा एक्सप्रेसवे और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क की योजना, रेल मंत्रालय द्वारा रेल कनेक्टिविटी योजना, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा हरित ऊर्जा गलियारों की योजना और उत्तर प्रदेश के असेवित क्षेत्रों में स्कूल स्थापित करने आदि जैसी पहल शामिल है। यह सार-संग्रह हितधारकों के लिए पीएम गतिशक्ति के लाभों एवं उपयोगिता को प्रदर्शित करने और व्यापक रूप से अपनाने को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में काम करेगा।