प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी 2.0 को मिली मंजूरी

| Published on:

शहरी गरीब एवं मध्‍यमवर्गीय परिवारों के लिए 1 करोड़ आवास बनाए जाएंगे; पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश और 2.30 लाख करोड़ रुपये की सरकारी सब्सिडी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नौ अगस्त को प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) 2.0 को मंजूरी दे दी। पीएमएवाई-यू 2.0 पांच वर्षों में शहरी क्षेत्रों में घर बनाने, खरीदने या किराए पर लेने के लिए राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों/प्राथमिक ऋण संस्थानों (पीएलआई) के माध्यम से 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को केंद्रीय सहायता प्रदान करेगी। इस योजना के तहत 2.30 लाख करोड़ रुपये की सरकारी सहायता प्रदान की जाएगी I

प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी विश्व की सबसे बड़ी किफायती आवास परियोजनाओं में से एक है। 2015 में शुरू की गई इस योजना ने देशभर में करोड़ों परिवारों को सभी बुनियादी सुविधाओं सहित उनका अपना पक्का आवास प्रदान कर उन्हें नई पहचान दिलाई है। पीएमएवाई-यू के तहत 1.18 करोड़ आवासों को स्वीकृति दी गई थी, जिनमें से 85.5 लाख से अधिक आवास पूरे कर लाभार्थियों को सौंपे जा चुके हैं और बाकी आवास निर्माणाधीन हैं।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 15 अगस्त, 2023 को लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के भाषण में घोषणा की थी कि भारत सरकार आने वाले वर्षों में कमजोर वर्ग और मध्यम वर्ग के परिवारों को घर के स्वामित्व का लाभ प्रदान करने के लिए एक नई योजना लाएगी।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10 जून, 2024 को पात्र परिवारों की संख्या में वृद्धि के कारण उत्पन्न होने वाली आवास आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 3 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण और शहरी परिवारों को घरों के निर्माण के लिए सहायता प्रदान करने का संकल्प लिया था। प्रधानमंत्री मोदी जी के विजन के अनुसरण में 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश के साथ पीएमएवाई-यू 2.0 योजना के तहत एक करोड़ पात्र परिवारों की पक्के आवास की आवश्यकता को पूरा किया जाएगा तथा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक नागरिक बेहतर जीवन जी सके।

इसके अलावा, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस)/निम्न आय वर्ग (एलआईजी) को उनके पहले घर के निर्माण/खरीद के लिए बैंकों/हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी)/प्राथमिक ऋण संस्थानों से लिए गए किफायती आवास ऋण पर क्रेडिट रिस्क गारंटी का लाभ प्रदान करने के लिए क्रेडिट रिस्क गारंटी फंड ट्रस्ट (सीआरजीएफटी) का कॉर्पस फंड 1,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। साथ ही, क्रेडिट रिस्क गारंटी फंड का प्रबंधन राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) से राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी कंपनी (एनसीजीटीसी) को हस्तांतरित किया जाएगा।