प्रधानमंत्री ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए ई ग्राम स्वराज व सरकारी ई मार्केटप्लेस का किया एकीकरण

| Published on:

आज देश भर में ई ग्राम स्वराज शत-प्रतिशत कार्य कर रहा है, 2.3 लाख से अधिक ग्राम पंचायतें और पारंपरिक स्थानीय निकाय पहले से ही ऑनलाइन भुगतान के लिए इसका उपयोग कर रहे हैं

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर 24 अप्रैल को पंचायत स्तर पर सार्वजनिक खरीद के लिए एकीकृत ई ग्राम स्वराज और सरकारी ई मार्केटप्लेस (जीईएम) पोर्टल का उद्घाटन किया। ई ग्राम स्वराज–सरकारी ई मार्केटप्लेस के एकीकरण का उद्देश्य पंचायतों को ई ग्राम स्वराज प्लेटफॉर्म का लाभ उठाते हुए जीईएम के माध्यम से अपने सामान और सेवाओं की खरीद करने में सक्षम बनाना है।

हमारा देश प्रत्येक वर्ष 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के रूप में मनाता है। संविधान के (73वां संशोधन) अधिनियम, 1992 के माध्यम से पंचायती राज के संस्थागतकरण के साथ जमीनी स्तर पर सत्ता के विकेंद्रीकरण के इतिहास में 24 अप्रैल का दिवस एक निर्णायक क्षण है, जिस दिन इसे लागू किया गया था। साथ ही, इस वर्ष का राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस एक विशेष महत्व रखता है क्योंकि हम भारत में पंचायती राज के 30 वर्ष पूर्ण होने का उत्सव मना रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि ई ग्राम स्वराज (ईजीएस) का शुभारंभ 24 अप्रैल, 2020 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर किया गया था, इसे योजना से ऑनलाइन भुगतान तक पंचायतों के दिन-प्रतिदिन के कामकाज के लिए एकल खिड़की समाधान के रूप में संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया था।

24 अप्रैल, 2020 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर प्रधानमंत्री द्वारा किए गए आह्वान के बाद इस पर तेजी से काम हुआ। आज देश भर में ई ग्राम स्वराज शत-प्रतिशत कार्य कर रहा है, 2.3 लाख से अधिक ग्राम पंचायतें और पारंपरिक स्थानीय निकाय पहले से ही ऑनलाइन भुगतान के लिए इसका उपयोग कर रहे हैं। अब तक इस प्रणाली के माध्यम से 1.35 लाख करोड़ से अधिक भुगतान ऑनलाइन किए जा चुके हैं।

ई ग्राम स्वराज — सरकारी ई मार्केटप्लेस एकीकरण की मुख्य विशेषताएं

 लगभग 60,000 के जीईएम के मौजूदा उपयोगकर्ता आधार को चरणबद्ध तरीके से 3 लाख से अधिक तक बढ़ाने की परिकल्पना की गई है।

 प्रक्रिया को डिजिटल बनाकर पंचायतों द्वारा खरीद में पारदर्शिता लाना, पंचायतों द्वारा उठाई गई एक प्रमुख मांग है।

 स्थानीय विक्रेताओं (मालिकों, स्वयं सहायता समूहों, सहकारी समितियों आदि) को जीईएम पर पंजीकरण करने के लिए प्रोत्साहित करना, क्योंकि पंचायतें बड़े पैमाने पर ऐसे विक्रेताओं से खरीद करती हैं। साथ ही, ऐसे वेंडर्स द्वारा ऑनलाइन बिक्री करने से उनके लिए नए बाजार खुल सकते हैं।

 मनमाने तरीके से ठेके देने पर रोक लगेगी, अनुपालक वेंडरों को समय पर भुगतान मिलेगा।

 पंचायतें मानकीकृत और प्रतिस्पर्धी दरों पर गुणवत्ता सुनिश्चित सामान की घर पर डिलीवरी तक पहुंच बनाएगी।