जीएसटी परिषद की 25वीं बैठक में कई प्रमुख नीतिगत बदलाव

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केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने 18 जनवरी को नई दिल्ली में जीएसटी परिषद की 25वीं बैठक की अध्यक्षता की। जीएसटी परिषद द्वारा अपनी 25वीं बैठक में निम्नलिखित नीतिगत बदलावों की अनुशंसा की:

फॉर्म जीएसटीआर-1 (आपूर्ति विवरण), फॉर्म जीएसटीआर- 5 (अनिवासी टैक्स योग्य व्यक्ति) अथवा फॉर्म जीएसटीआर- 5ए (ओआईडीएआर) दाखिल करने में विफल रहने पर किसी भी पंजीकृत व्यक्ति द्वारा देय विलंब शुल्क को घटाकर 50 रुपये प्रतिदिन किया जा रहा है और यह कोई भी फॉर्म दाखिल न करने वालों के लिए 20 रुपये प्रतिदिन होगा। फॉर्म जीएसटीआर- 6 (इनपुट सेवा वितरक) दाखिल करने में विफल रहने पर देय विलंब शुल्क 50 रुपये प्रतिदिन होगा।

स्वैच्छिक पंजीकरण प्राप्त करने वाले कर योग्य लोगों को अब पंजीकरण की प्रभावी तिथि के बाद एक वर्ष की समाप्ति से पहले भी पंजीकरण रद्द करने के लिए आवेदन करने की अनुमति होगी।

जीएसटी प्रणाली अपनाने वाले करदाताओं के लिए पंजीकरण रद्द करने हेतु फॉर्म जीएसटी आरईजी-29 दाखिल करने की अंतिम तिथि तीन माह और बढ़ाकर 31 मार्च 2018 की जा रही है।

ई-वे बिल सृजित, संशोधन एवं रद्द करने की सुविधा प्रायोगिक आधार पर nic.in पोर्टल पर मुहैया कराई जा रही है। इस व्यवस्था के पूरी तरह परिचालन में आ जाने पर ई-वे बिल प्रणाली ewaybillgst.gov.in पोर्टल पर काम करना शुरू कर देगी।

ई-वे बिल से संबंधित नियमों में कुछ विशेष संशोधन किए जा रहे हैं। इन नियमों को 1 फरवरी, 2018 से वस्तुओं की अंतर-राज्य आवाजाही के लिए देश भर में अधिसूचित किया जाना है। इसी तरह एक विशेष तिथि से राज्य के भीतर वस्तुओं की आवाजाही के लिए भी इन्हें अधिसूचित किया जाना है जिसकी घोषणा प्रत्येक राज्य द्वारा अलग-अलग की जाएगी, लेकिन यह तिथि 1 जून 2018 से आगे नहीं जाएगी। दरअसल, हस्तशिल्प पर गठित समिति द्वारा पेश की गई रिपोर्ट और सिफारिशों को भी जीएसटी परिषद द्वारा स्वीकार कर लिया गया।