भ्रम और भय फैलाना कांग्रेस की नीति बन गई है

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रविशंकर प्रसाद

भ्रम और भय की राजनीति की उम्र लंबी नहीं होती। जनता न केवल इसे तुरंत समझ जाती है, बल्कि भ्रम और भय फैलाने वाले को सत्ता से बेदखल करने में जरा भी देर नहीं लगाती। नॉर्थ ईस्ट के तीन राज्यों में आए चुनावी नतीजों ने एक बार फिर ये बात स्पष्ट कर दी है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दो दिन पहले ही बहुत अच्छी बात कही कि, “भ्रम और भय फैलाने वालों, झूठ फैलाने वालों को सबसे अच्छा जवाब लोकतंत्र में मतदाता ही देते हैं और लोकतंत्र ने सारे झूठ को जवाब दे दिया है।”

नॉर्थ ईस्ट के तीनों राज्यों ने कांग्रेस की भ्रम और भय की राजनीति को नकार दिया है। आज नॉर्थ ईस्ट के दो राज्यों त्रिपुरा और नगालैंड में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है। त्रिपुरा और नगालैंड में कांग्रेस पार्टी खाता तक नहीं खोल पाई, जबकि मेघालय में जनता ने उसे सत्ता से बेदखल कर दिया।

कांग्रेस के पास आज मुद्दे नहीं है, वह जनता से पूरी तरह से कटी हुई है और सत्ता में आने के लिए नित नए तरीक़े ढूंढ़ती है। पिछले चार साल में कांग्रेस की एक नीति constant रही है और वह है अलग – अलग विषयों पर भ्रम फैलाना, लोगों में भय पैदा करना और इन विषयों की लिस्ट बहुत लंबी है।

एनपीए: एनपीए संकट इस देश को कांग्रेस की देन है। कांग्रेस ने अपने 10 वर्षों के शासन में अपने सभी करीबी उद्योगपतियों को लोन दिया, जनता की मेहनत का बैंकों में जमा धन से उन्हें मनमाफिक पैसा दिया और planning देखिए, बैंकों की बैलेंस शीट में उसे दिखाया भी नहीं, उन्हें छिपा दिया।

मार्च 2008 में बैंकों द्वारा दिया गया कुल एडवांस 18.06 लाख करोड़ रुपये था और UPA शासन के अगले 6 साल में, यह 3 गुना बढ़कर मार्च 2014 में 52.15 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। मार्च 2014 में, केवल 36% stressed assets को NPA के रूप में identify किया गया। जून 2017 में, stressed assets का खुलासा 82% पर पहुंच गया। मोदी सरकार ने भारी मात्रा में NPAs का पता लगाया जो अब तक छिपे हुए थे। हमने उनके 10 वर्षों के कारनामे को उजागर किया।

नीरव मोदी घोटाले की शुरुआत भी साल 2011 यूपीए शासन के दौरान ही हुआ था और आज कांग्रेस के लोग नीरव मोदी और चोकसी पर झूठ फैलाने के प्रयास कर रहे हैं। यह कौन नहीं जानता कि जतिन मेहता 2012 में कांग्रेस सरकार के समय बैंकों का हजारों करोड़ लेकर फरार हुआ था। आखिर किसने उस वक्त मदद की थी जतिन मेहता की। जबकि सच्चाई यह है कि मौजूदा सरकार के दौरान दो बार जतिन मेहता की संपत्ति अटैच की गई।

अभी कुछ दिन पहले तो हद ही हो गई जब कांग्रेस के ही एक और दामाद के द्वारा किसानों की गाढ़ी कमाई पर किए गए घोटाले के लिए भी कांग्रेस शोर मचाकर BJP सरकार पर आरोप लगाने लगी।

Fact – NPA दरअसल पूर्ववर्ती यूपीए सरकार का सबसे बड़ा घोटाला है। यह मौजूदा सरकार को UPA सरकार से मिली सबसे बड़ी Liability है। कांग्रेस अपने शासन काल में घोटालों की जो landmines बिछा के गई है, वो जब-जब फूटती है तो कांग्रेस शोर मचाकर जनता में भ्रम फैलाने की कोशिश करती है।

13 अंकों का मोबाइल नंबर: एक मज़ेदार उदाहरण मैं आपको देता हूँ, आप भी हंसेंगे कि कांग्रेस के जीवन में मुद्दे क्या है और वो देश की जनता को कितना मूर्ख समझते हैं।

कुछ दिन पहले कांग्रेस पार्टी ने एक important topic पर सर्वे कराया। जानते हैं, विषय क्या था? उन्होंने सर्वे कराया कि मोबाइल नंबर 13 अंकों का होने वाला है और देश की जनता को बहुत परेशानी होने वाली है, इस पर आप अपनी राय दें।

Fact– इस सर्वे का लोगों में बहुत मजाक उड़ा, क्योंकि ऐसा कुछ था ही नहीं। सच्चाई यह है कि 13 अंकों के नए नंबर सिम आधारित मशीन टू मशीन (M2M) संचार के लिए उपलब्ध कराए जाने हैं। इसका सामान्य मोबाइल नंबर से कोई लेना देना नहीं है, लेकिन कांग्रेस ने इस बहाने आम लोगों में भ्रम और भय फैलाने की कोशिश की।

दरअसल कांग्रेस हमेशा ही टेक्नोलॉजी का जनता-जनार्दन के कल्याण के लिए उपयोग के विरुद्ध रही है चाहे वो DBT हो या AADHAR। क्योंकि उन्हें पता है कि टेक्नोलॉजी का उपयोग दलाली की दुकानें बंद कर देता है।

आज मोदी सरकार टेक्नोलॉजी से हर भारतीय को जोड़ना चाहती है। सरकारी सेवाओं का लाभ सीधा जनता तक पहुंचे इसके लिए बहुत बड़ा अभियान शुरू किया है तब कांग्रेस टेक्नॉलोजी के बारे में भ्रम फैलाकर जनता के बीच भय पैदा करना चाहती है।

FRDI (Financial Resolution and Deposit Insurance) Bill: FRDI का जो बिल अभी चर्चा में ही है, जिस पर अभी काम चल ही रहा है, उसको लेकर भी कांग्रेस ने अफवाह फैलाने और जनता को भ्रमित करने की कोशिश की, जबकि यह बिल यह सुनिश्चित करने के लिए है कि जनता का पैसा सुरक्षित रहे।

Fact – जो बिल अभी प्रक्रिया में ही है, उस पर सवाल उठाकर कांग्रेस ने खुद को ही कठघरे में खड़ा किया है।

Bank convenience Charges: इसको लेकर भी कांग्रेस ने जनता के बीच अफवाह फैलाई कि बैंक लोगों के खातों पर Convenience fee charge करेगी, बैंकों की services महंगी हो जाएंगी। पूरे WhatsApp को झूठे और भ्रामक messages से भर दिया।

Fact – कांग्रेस की फैलाई गई ये अफवाह भी गलत, आधारहीन और झूठी थी। सच्चाई यह है कि ऐसी कोई चर्चा तक नहीं थी। प्रधानमंत्री मोदी ने देश के गरीबों को बैंकों से जोड़ने का एक अभूतपूर्व काम किया, जबकि कांग्रेस बैंकों पर अविश्वास पैदा करने की कोशिश करती रही।

डोकलाम: कांग्रेस ने डोकलाम में चीनी सेना की भारी उपस्थिति को लेकर प्रेस कांफ्रेंस कर ऐसा चित्र खड़ा करने की कोशिश की, जैसे चीन ने भारत पर आक्रमण कर दिया हो और भारत की हालत खराब है। आज हम भी यहीं हैं और आप भी यहीं हैं। डोकलाम में जो कुछ हो रहा है, पूरा देश देख रहा है।

Fact – डोकलाम मुद्दे पर पहली बार पूरे विश्व ने देखा कि भारत ने अपना लोहा मनवाया। चीन को अपने कदम पीछे खींचने पड़े।
कांग्रेस देश के गौरव को, देश के आत्म-विश्वास को भी दांव पर लगाकर भ्रम और भय फैलाना चाहती है।

राफेल डील: राफेल डील पर हर रोज कांग्रेस का नया झूठ बाहर आता है। वो परिवार जिसने defence deals में सिर्फ भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार किया है जिसे पूरा देश जानता है और ऐसे लोग अब राफेल पर सवाल उठा रहे हैं।

Fact – सच यह है कि कांग्रेस ने 10 सालों तक राफेल डील को लटकाकर देश की सुरक्षा के साथ समझौता किया, लेकिन सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण यह डील हमने न केवल प्राप्त की, बल्कि देश के करोड़ों रुपये भी बचाए। राफेल विमान की कीमत कांग्रेस शासन में हुए सौदे के अनुपात में काफी कम है।
कांग्रेस देश की सुरक्षा और सेना के मनोबल को दांव पर लगाकर कांग्रेस भ्रम और भय फैलाना चाहती है।

GST: भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व ने GST को भारत में आर्थिक क्रांति के रूप में माना। GST लागू होने के बाद गरीबों, निम्न मध्यम वर्गीय और मध्यम वर्गीय परिवारों को बहुत बड़ा लाभ हुआ है। देश के व्यापारी tax terrorism से मुक्त हुए हैं।

लेकिन GST को लेकर पिछले 8 महीनों में कांग्रेस ने व्यापारियों में भ्रम और भय फैलाकर इस बात के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है कि देश में GST fail हो जाए।

Fact – जीएसटी ने देश के पूरे टैक्स सिस्टम को सरलतम बनाया। सरकार को जहां भी सुधार की आवश्यकता दिखी, उसने आगे बढ़कर वो सुधार किए। आम उपभोक्ता वस्तुओं के लिए कम से कम टैक्स देना पड़े, सरकार ने यह सुनिश्चित करने का काम किया है।

नोटबंदी: जब हमने देश हित में, हमारे गरीबों के हितों के लिए नोटबंदी का निर्णय लिया, पूरे देश ने हमारा साथ दिया लेकिन कांग्रेस और कुछ चुनिंदा लोगों को जब इसका नुकसान हुआ तो उन्होंने जनता के बीच भ्रम फैलाना शुरू कर दिया, लोगों को बरगलाना शुरू कर दिया।

नोटबंदी के समय राहुल गांधी जी ने एक फोटो ट्वीट की, जिसमें एक बुजुर्ग व्यक्ति बैंक की लाइन में लगा रो रहा था और कहा गया कि ये बुजुर्ग नोटबंदी से पीड़ित होकर रो रहा है जबकि सच्चाई क्या थी, पूरे देश ने देखा। उन्होंने मीडिया को खुद बताया कि जब वह बैंक के बाहर कतार में खड़े थे तो किसी ने उन्हें धक्का दे दिया। इस क्रम में एक महिला ने उनके पैर कुचल दिए थे और इसलिए वे रो रहे थे न कि नोटबंदी के कारण।

कांग्रेस के सहयोगी दल NCP के मजीद मेनन ने कहा कि नीरव मोदी ने 8 नवंबर, 2017 से पहले बैंक में सारे पैसे जमा कर दिए थे, क्योंकि उन्हें नोटबंदी का पहले से पता था। अब उन्हें कौन याद दिलाए कि नोटबंदी 8 नवंबर, 2016 को हुआ था।

नोटबंदी के दौरान जब पूरा देश एकजुट होकर भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान को आगे बढ़ा रहा था, तब कांग्रेस गरीबों की आड़ में खुद के काले धन को सफ़ेद करने के लिए देश में भ्रम और भय का माहौल पैदा करने की कोशिश कर रही थी।

Fact – नोटंबंदी को लेकर कांग्रेस के सारे आरोप गलत साबित हुए हैं। इसका असर उसे उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के चुनावों में भुगतना भी पड़ा है। सच्चाई यह है कि नोटबंदी भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सशक्त कदम साबित हुआ है। नोटबंदी का एक बड़ा असर यह भी हुआ कि देश डिजिटल लेन-देन की ओर तेजी से आगे बढ़ा है।

कांग्रेस को समझना होगा कि लोकहित के कार्यों में, देश की सुरक्षा से जुड़े विषयों में, आर्थिक क्षेत्र में हो रहे reforms के बारे में आए दिन भ्रम और भय फैलाने की उनकी राजनीति को देश अच्छी तरह जानता है और जनता जनार्दन लगातार जवाब भी उन्हें दे रही है।

(लेखक वरिष्ठ भाजपा नेता एवं केन्द्रीय मंत्री हैं)