‘हमारे कार्यकर्ताओं का बलिदान भारत को पुनः विश्व गुरु के पद पर प्रतिष्ठित करेगा’

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने 27 अक्टूबर को कुन्नूर, केरल में भारतीय जनता पार्टी के नए जिला कार्यालय का उद्घाटन करते हुए इस अवसर पर आयोजित जनसभा को भी संबोधित किया। उन्होंने केरल की कम्युनिस्ट सरकार पर भारत की महान परम्परा और संस्कृति का अपमान का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री पी. विजयन को भगवान् अयप्पा के भक्तों पर अत्याचार बंद करने की चेतावनी दी।

श्री शाह ने कहा कि आज का दिन भारतीय जनता पार्टी और देश भर के पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए बहुत बड़ा दिन है, क्योंकि कुन्नूर में पार्टी का कार्यालय आज सबके सामने है जो हमारी विचारधारा का स्तंभ है। उन्होंने कहा कि कुन्नूर में हमारे 120 से अधिक कार्यकर्ताओं ने अपने प्राणों की आहुति देकर पार्टी की विचारधारा को मजबूत करने का निरंतर संघर्ष किया है। हमारे कार्यकर्ताओं का बलिदान भारत को पुनः विश्वगुरु के पद पर प्रतिष्ठित करेगा।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि केरल में आस्था, श्रद्धा और धर्म पर कम्युनिस्ट पार्टी की विजयन सरकार का दमन चक्र चल रहा है। केरल की कम्युनिस्ट सरकार द्वारा राज्य में इमरजेंसी जैसे हालात पैदा कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि केरल में भक्त, श्रद्धालु और राज्य की जनता अपनी आस्था और परम्पराओं की रक्षा के लिए संघर्ष कर रही है जबकि केरल की कम्युनिस्ट सरकार उन पर दमन का कुचक्र चला रही है। उन्होंने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी की विजयन सरकार ने अब तक भाजपा, हमारे विचार परिवार और हमारी सहयोगी संस्थाओं के 2000 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को गलत प्रकार से डैमेज ऑफ़ पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट में फंसाकर जेल में डाल दिया है।

श्री शाह ने कहा कि आर्टिकल 14 की दुहाई दी जाती है, जबकि आर्टिकल 25 और 26 में मुझे भी अपने धर्म के अनुसार जीने का अधिकार है। आखिर एक फंडामेंटल राईट दूसरे फंडामेंटल राईट को ओवरराईट कैसे कर सकता है? उन्होंने कहा कि कोर्ट के कई ऐसे जजमेंट हुए हैं जिनका आज तक अमल ही नहीं हो पाया। जल्ली-कट्टू, मस्जिदों पर माइक से अजान, दही-हांडी में हाईट रेस्ट्रिक्शन, बनारस में शिया-सुन्नी कब्रिस्तान का विवाद और भगवान् स्वामी पद्मनाभ के सातवें द्वार को खोलने के जजमेंट पर आज तक अमल नहीं हो पाया। केरल के मुख्यमंत्री से प्रश्न पूछते उन्होंने कहा कि क्या केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन सुप्रीम कोर्ट के मस्जिदों में माइक पर अजान के जजमेंट को लागू करेंगे? क्या उन्हें ऐसा कर पाने का साहस है? जब पी. विजयन ऐसा नहीं कर सकते तो फिर भगवान् अयप्पा के भक्तों पर अत्याचार क्यों किया जा रहा है?

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि हमारी संस्कृति में और सभी धार्मिक अनुष्ठानों में महिलाओं को पूजनीय माना गया है। हम महिलाओं को देवी और भगवती के रूप में पूजते हैं। हमने हमेशा महिलाओं का सम्मान और आदर किया है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में कई प्रकार की परम्पराएं हैं। देश में कई ऐसे मंदिर हैं जो अलग-अलग मान्यताओं एवं परम्पराओं के आधार पर चलते हैं। उन्होंने कहा कि देश भर में कई ऐसे मंदिर हैं जहां केवल महिलाओं का प्रवेश है, पुरुषों का प्रवेश वर्जित है। स्त्री-पुरुष समानता किसी मंदिर में दर्शन से नहीं आती है। हमने बाल-विवाह, सती प्रथा, बहुविवाह जैसे कई सामाजिक सुधार स्वयं किये। सबरीमाला में भगवान् अयप्पा के ब्रह्मचर्य स्वरूप की पूजा होती है, इसलिए हमें यहां की आस्था और परम्पराओं का भी सम्मान करना चाहिए। केरल की माताएं-बहनें स्वयं कह रही हैं कि 10 से 50 वर्ष के आयु वर्ग की महिलाओं का प्रवेश सबरीमाला में नहीं होना चाहिए और कम्युनिस्ट सरकार भगवान् अयप्पा के भक्तों पर वीभत्स अत्याचार कर रही है।

श्री शाह ने कहा कि जहां आस्था का प्रश्न है, भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता भक्तों के साथ चट्टान की तरह खड़े रहेंगे। उन्होंने विजयन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कम्युनिस्ट सरकार जितना ध्यान भगवान् अयप्पा के भक्तों पर अत्याचार करने में लगा रही है, उतना ध्यान यदि केरल की जनता की भलाई के लिए लगाती तो आज राज्य के किसानों की यह हालत नहीं होती। उन्होंने कहा कि केरल में केंद्र सरकार ने विकास की कई परियोजनाएं दी हैं, लेकिन उन योजनाओं को पूरा करने के लिए तो मुख्यमंत्री पी विजयन के पास समय नहीं है, लेकिन भगवान् अयप्पा के भक्तों पर दमनचक्र चलाने के लिए उनके पास पूरा समय है। उन्होंने कहा कि केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन को एक पल भी मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है, उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।

उन्होंने केरल की जनता से भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़ने की अपील करते हुए कहा कि भारत की महान संस्कृति, धर्म, आस्था और परम्पराओं की रक्षा के लिए आप भारतीय जनता पार्टी का समर्थन करें।