यह संविधान संशोधन विधेयक महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक बढ़ता हुआ कदम : अर्जुन राम मेघवाल

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केंद्रीय विधि और न्याय मंत्रालय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अर्जुन राम मेघवाल ने 20 सितंबर को लोकसभा में ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ प्रस्तुत करते समय कहा कि इस विधेयक से महिलाओं की प्रतिष्ठा तो बढ़ेगी ही, उन्हें रिप्रेजेन्टेशन भी मिलेगा। यहां प्रस्तुत है उनके संबोधन की प्रमुख बातें :

केंद्रीय विधि और न्याय मंत्रालय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री तथा संस्कृति मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि यह संविधान संशोधन विधेयक है और महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक बढ़ता हुआ कदम है। यह अमृत काल की बेला में भारत को विकसित भारत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी ने कहा था कि 26 जनवरी, 1950 को राजनीतिक समानता तो प्राप्त हो जाएगी, लेकिन सामाजिक, आर्थिक क्षेत्र में मौजूद असमानता को सरकारों को दूर करना होगा।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने वर्ष 2014 से ही सामाजिक, आर्थिक असमानता को दूर करने के लिए बहुत सी योजनायें बनाई हैं, जिनमें महिला सशक्तीकरण की अनेक योजनायें भी सम्मिलित हैं। आज इस विधेयक से महिलाओं की प्रतिष्ठा तो बढ़ेगी ही, उन्हें रिप्रेजेन्टेशन भी मिलेगा। इस विधेयक के माध्यम से हम संविधान के अनुच्छेद 239 में 239कक जोड़ रहे हैं, जिससे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की विधान सभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित होगा।

केंद्रीय विधि और न्याय मंत्रालय के राज्य मंत्री ने कहा कि हम दूसरा क्लॉज़ 3 जोड़ रहे हैं, जिसके अंतर्गत संविधान के अनुच्छेद 330 में 33क जोड़ रहे हैं। जिसके अनुसार लोक सभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण होगा। यह बहुत बड़ा कदम है। संविधान के अनुच्छेद 332 के बाद एक नया अनुच्छेद 33क जोड़ा जा रहा है, जिसके अनुसार हम महिलाओं के लिए राज्य विधान सभाओं में 33 प्रतिशत सीटों का प्रावधान करने जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यह आरक्षण 15 सालों के लिए प्रभावी रहेगा। 15 सालों के बाद इसे बढ़ाने का अधिकार संसद को ही रहेगा। इतिहास में जाए, तो इस विधेयक को 9 मार्च, 2010 को राज्य सभा में चर्चा के लिए लाया गया था। इस पर दो दिन चर्चा हुई और चर्चा के दौरान इस विधेयक का काफी विरोध भी हुआ। भारतीय जनता पार्टी ने इस विधेयक का खुले मन से समर्थन किया था। राज्य सभा में पारित होने के बाद यह विधेयक लोक सभा में भेजा गया, पर यह विधेयक लोक सभा में कभी चर्चा के लिए नहीं लाया गया और 18 मई, 2014 को लोक सभा के भंग होने के साथ ही यह विधेयक व्यपगत (lapse) हो गया। वस्तुतः यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण विधेयक है। इस पर चर्चा प्रारंभ की जाए और सर्वसम्मति से इसे पारित करने का प्रयास किया जाए।

संसद के विशेष सत्र की मुख्य बातें

नारी शक्ति वंदन विधेयक पर चर्चा

• केंद्रीय विधि और न्याय मंत्रालय के राज्य मंत्री; संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री तथा संस्कृति मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा और राज्यसभा में ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ प्रस्तुत किया।
• लोकसभा में हुई चर्चा में 60 सदस्यों ने हिस्सा लिया। विधेयक के पक्ष में 454 सांसदों ने मतदान दिया, जबकि दो सांसदों ने इसके विरुद्ध मतदान किया।
• राज्यसभा में हुई चर्चा में 70 सदस्यों ने हिस्सा लिया। राज्यसभा ने सर्वसम्मति से विधेयक को पारित कर दिया, जिसमें 215 सांसदों ने इसके पक्ष में मतदान किया और किसी ने भी इसके विरुद्ध मतदान नहीं किया।
• विधेयक के पारित होने के बाद महिला सांसदों ने इस ऐतिहासिक कानून के अधिनियमन को सुनिश्चित करने में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को उनके दृष्टिकोण और नेतृत्व के लिए हार्दिक अभिनन्दन और धन्यवाद ज्ञापित किया।
चंद्रयान-3 और अंतरिक्ष क्षेत्र पर चर्चा
• दोनों सदनों ने भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र और चंद्रयान-3 की सफलता पर व्यापक चर्चा की।
• राज्यसभा में चर्चा 20 सितंबर, 2023 को हुई जिसमें 35 सांसदों ने हिस्सा लिया, जबकि लोकसभा में चर्चा 21 सितंबर को हुई जिसमें 87 सांसदों ने हिस्सा लिया।