आज भारत में डेयरी कोऑपरेटिव का एक विशाल नेटवर्क है : नरेन्द्र मोदी

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ग्रेटर नोएडा में अंतरराष्ट्रीय डेयरी महासंघ विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन 2022 का उद्घाटन

डेयरी कॉपरेटिव्स देश के दो लाख से ज्यादा गांवों में करीब-करीब दो करोड़ किसानों से
दिन में दो बार दूध जमा करती हैं और उसे ग्राहकों तक पहुंचाती हैं

त 12 सितंबर को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित अंतरराष्ट्रीय डेयरी महासंघ विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन (आईडीएफ डब्ल्यूडीएस) 2022 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला, केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन, केंद्रीय कृषि और खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री श्री संजीव कुमार बालियान, सांसद श्री सुरेन्द्र सिंह नागर और डॉ. महेश शर्मा, अंतरराष्ट्रीय डेयरी फेडरेशन के अध्यक्ष श्री पी. ब्रेजाले और अंतरराष्ट्रीय डेयरी महासंघ की महानिदेशक सुश्री कैरोलिन एमोंड उपस्थित थे। प्रौद्योगिकी के माध्यम से 75 लाख किसान इस आयोजन से जुड़े।

पिछले आठ वर्षों में दूध उत्पादन में 44
फीसदी से अधिक की वृद्धि

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन से
प्रेरित होकर केंद्र सरकार ने डेयरी क्षेत्र
की बेहतरी के लिए कई कदम उठाए हैं,
जिसके परिणामस्वरूप पिछले आठ वर्षों
में दूध उत्पादन में 44 फीसदी से अधिक
की वृद्धि हुई है। भारतीय डेयरी उद्योग
की सफलता की कहानी, जो वैश्विक दूध
का लगभग 23 प्रतिशत हिस्सा है, सालाना
लगभग 210 मिलियन टन का उत्पादन
करती है और 8 करोड़ से अधिक डेयरी
किसानों को सशक्त बनाती है।

श्री मोदी ने सभा को अपने संबोधन में प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि डेयरी सेक्टर के विश्व भर के गणमान्य व्यक्ति आज भारत में एकत्रित हुए हैं। उन्होंने कहा कि विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन विचारों के आदान-प्रदान का एक बड़ा माध्यम बनने जा रहा है। श्री मोदी ने कहा कि डेयरी सेक्टर का सामर्थ्य न सिर्फ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देता है, बल्कि ये दुनिया भर में करोड़ों लोगों की आजीविका का भी प्रमुख साधन है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व के अन्य विकसित देशों से अलग भारत में डेयरी सेक्टर की असली ताकत छोटे किसान हैं। भारत के डेयरी सेक्टर की पहचान ‘मास प्रोडक्शन’ से ज्यादा ‘प्रोडक्शन बाय मासेस’ की है। एक, दो या तीन मवेशियों वाले इन छोटे किसानों के प्रयासों के आधार पर भारत सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। उन्होंने बताया कि यह क्षेत्र देश में 8 करोड़ से अधिक परिवारों को रोजगार प्रदान करता है।

भारतीय डेयरी प्रणाली की दूसरी अनूठी विशेषता इसके बारे में चर्चा करते हुए श्री मोदी ने कहा कि आज भारत में डेयरी कोऑपरेटिव का एक ऐसा विशाल नेटवर्क है, जिसकी मिसाल पूरी दुनिया में मिलना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि ये डेयरी कॉपरेटिव्स देश के दो लाख से ज्यादा गांवों में करीब-करीब दो करोड़ किसानों से दिन में दो बार दूध जमा करती हैं और उसे ग्राहकों तक पहुंचाती हैं।
डेयरी क्षेत्र में महिलाओं की शक्ति पर प्रकाश डालते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत के डेयरी सेक्टर में विमेन पावर 70 प्रतिशत वर्कफोर्स का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने कहा कि भारत के डेयरी सेक्टर की असली कर्णधार महिलाएं हैं। श्री मोदी ने कहा कि इतना ही नहीं, भारत के डेयरी कॉपरेटिव्स में भी एक तिहाई से ज्यादा सदस्य महिलाएं ही हैं।

प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि 2014 के बाद से हमारी सरकार ने भारत के डेयरी सेक्टर के सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए निरंतर काम किया है। आज इसका परिणाम दूध उत्पादन से लेकर किसानों की बढ़ी आय में भी नजर आ रहा है। श्री मोदी ने कहा कि 2014 में भारत में 146 मिलियन टन दूध का उत्पादन होता था। अब ये बढ़कर 210 मिलियन टन तक पहुंच गया है।

संबोधन के समापन में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एक डिजिटल सिस्टम पर काम कर रहा है, जो पशुधन क्षेत्र की एंड-टू-एंड गतिविधियों को कैप्चर करेगा। यह इस क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक सटीक जानकारी प्रदान करेगा।