ऊंचे लक्ष्यों की ओर

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चुनाव आयोग द्वारा पांच राज्यों में चुनावों की तिथियां घोषित करने के बाद इन चुनावी राज्यों में राजनैतिक गतिविधियां और भी अधिक तेज हो गई हैं। आने वाले नवंबर माह में मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना एवं मिजोरम में लोग मतदान कर सरकारें चुनेंगे। जहां प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा एवं केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह इन राज्यों में विशाल रैलियों को संबोधित कर रहे हैं, वहीं जमीन पर भाजपा के लिए बढ़ता जनसमर्थन स्पष्ट दिखाई दे रहा है। मोदी सरकार के पिछले नौ वर्षों में आम जन-जीवन में हुए व्यापक परिवर्तन के

‘पंच प्रण’ के संकल्प के साथ ‘विकसित भारत’ बनाने का प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आह्वान ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के मंत्र से अभिमंत्रित है

फलस्वरूप आज भारत विश्व के अग्रिम पंक्ति के देशों में गिना जा रहा हैं, यही कारण है कि जन-जन के हृदय में आज भाजपा का एक विशिष्ट स्थान बन गया है। ‘पंच प्रण’ के संकल्प के साथ ‘विकसित भारत’ बनाने का प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आह्वान ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के मंत्र से अभिमंत्रित है। यदि राज्य सरकारें भी समान दृष्टि, समान दिशा एवं समान संकल्प से कार्य करें तब ‘विकसित भारत’ के स्वप्न को साकार किया जा सकता है। यह तब ही संभव है जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का ऊर्जावान नेतृत्व हो एवं इन सभी प्रदेशों में भाजपा की सरकारें हों।

एशियाई खेलों में भारत के ऐतिहासिक प्रदर्शन से पूरे देश का मस्तक गौरव से ऊंचा हुआ है। 28 स्वर्ण, 38 रजत एवं 41 कांस्य पदकों के साथ कुल 107 पदक जीतकर भारत ने पहली बार तीन अंकों को पार कर एशिया के शीर्षस्थ देशों में अपना स्थान बनाया है, जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। इससे यह एक बार पुनः स्थापित होता है कि यदि नियत, नीति एवं प्रयास ईमानदार तथा दिशायें सही हों, तो सफलता कदम चूमती ही है। इससे यह भी पता चलता है कि आज का भारतीय युवा नए आत्मविश्वास से ओत-प्रोत है और वह नित नई ऊंचाइयों को छूना चाहता है। वह आज वैसी उड़ान भर रहा है जिसकी कुछ वर्ष पूर्व तक कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। इससे यह भी प्रमाणित होता है कि यदि भारतीय प्रतिभाओं को उचित अवसर मिले, वह किसी भी अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में अपनी अमिट छाप छोड़ सकती हैं। ‘खेलो इंडिया’ कार्यक्रम से ठीक ऐसा ही हुआ है। इसने घरेलू स्पर्धा के अवसर सृजित करने के साथ-साथ प्रतिभावान खिलाड़ियों को नए अवसर एवं वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई है। ‘खेलो इंडिया’ के प्रदेश स्तरीय खेलो इंडिया केंद्र, वार्षिक खेल प्रतियोगिताएं, प्रतिभा खोज एवं विकास, महिलाओं के लिए खेल, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय एवं प्रदेश खेल अकादमियों को सहयोग, दिव्यांगजनों के बीच खेलों को बढ़ावा, ग्रामीण, स्थानीय/जनजातीय खेलों को बढ़ावा एवं स्कूली छात्रों के शारीरिक क्षमता का विकास जैसे आयाम भारतीय खेलों की स्पर्धात्मकता एवं दक्षता को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है। भारत की खेल-संस्कृति में व्यापक परिवर्तन के परिणामस्वरूप अब पूरा ध्यान जमीनी स्तर पर उभरते प्रतिभाओं के विकास पर है तथा खेल से भाई-भतीजावाद, भ्रष्टाचार एवं अंदरूनी राजनीति को खत्म किया गया है।

आज युवा खिलाड़ी वित्तीय सहायता के मोहताज तो नहीं ही हैं, साथ ही उन्हें आवश्यक अवसंरचनात्मक सहयोग, प्रशिक्षण की व्यवस्था एवं अन्य समर्थन उपलब्ध कराये जा रहे हैं। खेल के हर क्षेत्र में प्रतिभाओं को हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराकर उनका उत्साह एवं मनोबल बढ़ाया जा रहा है। यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की ही दूरदृष्टि का परिणाम है कि आज हर क्षेत्र में कार्य-संस्कृति में ‘व्यापक परिवर्तन’ देखा जा सकता है। इससे पूरी व्यवस्था में एक नई ऊर्जा के साथ नवजीवन का प्रवाह स्पष्ट देखा जा सकता है। यह नई ऊर्जा से ओत-प्रोत कार्य-संस्कृति जो श्रेष्ठ प्रतिभाओं की पहचान, उनका विकास, उन्हें सहयोग तथा उनका मनोबल बढ़ाती है, का ही परिणाम है कि आज खेल-कूद के क्षेत्र में ऐसे वातावरण का निर्माण हुआ है जिसमें देश को अभूतपूर्व परिणाम प्राप्त हो रहे हैं।
जहां आज देश चीन में संपन्न हुए एशियाई खेलों में अपने खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन का उत्सव मना रहा है, वहीं देश का मनोबल चंद्रयान-3 एवं आदित्य एल-1 की सफलता एवं जी-20 के सफल आयोजन से कई गुणा बढ़ा हुआ है। आज जब भारत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सुदृढ़ एवं करिश्माई नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है, देश की जनता ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य एवं नित नए स्वप्नों के साथ बड़े से बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने की ओर अग्रसर है।

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