आदिवासी योद्धाओं ने देश के हर कोने में स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया: नरेन्द्र मोदी

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‘जनजातीय गौरव दिवस’
समारोह, खूंटी, झारखंड

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का यह निरंतर प्रयास रहा है कि सरकार की प्रमुख योजनाओं को पूर्णता प्रदान की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि इन योजनाओं का लाभ सभी लक्षित लाभार्थियों तक समयबद्ध तरीके से पहुंचे। योजनाओं की संतृप्ति के इस लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में एक बड़े कदम में श्री मोदी ने ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के अवसर पर 15 नवंबर को झारखंड के खूंटी में ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ शुरू की।

यात्रा का लक्ष्य लोगों तक पहुंचने, जागरूकता पैदा करने और स्वच्छता सुविधाएं, आवश्यक वित्तीय सेवाएं, बिजली कनेक्शन, एलपीजी सिलेंडर तक पहुंच, गरीबों के लिए आवास, खाद्य सुरक्षा, उचित पोषण, विश्वसनीय स्वास्थ्य देखभाल, स्वच्छ पेयजल इत्यादि जैसी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करने पर केंद्रित होगा। यात्रा के दौरान तैयार किए गए विवरण के माध्यम से संभावित लाभार्थियों का नामांकन किया जाएगा

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 15 नवंबर को झारखंड के खूंटी में जनजातीय गौरव दिवस, 2023 के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान श्री मोदी ने ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ और प्रधानमंत्री विशेष कमजोर जनजातीय समूह विकास मिशन का शुभारंभ किया। उन्होंने पीएम-किसान की 15वीं किस्त भी जारी की। श्री मोदी ने झारखंड में रेल, सड़क, शिक्षा, कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस जैसे कई क्षेत्रों में 7200 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का एक वीडियो संदेश चलाया गया तथा श्री मोदी ने विकसित भारत संकल्प की शपथ भी दिलाई।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू गांव के साथ-साथ रांची में भगवान बिरसा मुंडा मेमोरियल पार्क-सह-स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय की अपनी यात्रा को याद करते हुए की। उन्होंने दो साल पहले आज ही के दिन स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का उद्घाटन करने का भी जिक्र किया। श्री मोदी ने जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर प्रत्येक नागरिक को बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने झारखंड के स्थापना दिवस के अवसर पर अपनी शुभकामनाएं दीं और इसके गठन में पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान पर प्रकाश डाला।

स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी योद्धाओं का महत्वपूर्ण योगदान

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आदिवासी गौरव के लिए भगवान बिरसा मुंडा के प्रेरक संघर्ष का जिक्र करते हुए असंख्य आदिवासी नायकों के साथ झारखंड की भूमि के जुड़ाव का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि तिलका मांझी, सिधू कान्हू, चांद भैरव, फूलो झानो, नीलांबर, पीतांबर, जतरा टाना भगत और अलबर्ट एक्का जैसे अनेक वीरों ने इस धरती को गौरवान्वित किया है। श्री मोदी ने कहा कि आदिवासी योद्धाओं ने देश के हर कोने में स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और मानगढ़ धाम के गोविंद गुरु, मध्य प्रदेश के तांत्या भील, छत्तीसगढ़ के भीमा नायक, शहीद वीर नारायण सिंह, मणिपुर के वीर गुंडाधुर, रानी गाइदिनल्यू, तेलंगाना के वीर रामजी गोंड, आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू, गोंड प्रदेश की रानी दुर्गावती के बारे में बताया। प्रधानमंत्री ने ऐसी शख्सियतों की उपेक्षा पर दु:ख जताते हुए अमृत महोत्सव के दौरान इन नायकों को याद करने पर संतोष व्यक्त किया।

विकसित भारत के चार ‘अमृत स्तंभ’

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज झारखंड से दो ऐतिहासिक पहल की शुरुआत हो रही है। पहली विकसित भारत संकल्प यात्रा जो सरकार और पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान की पूर्णता के लक्ष्यों का एक माध्यम होगी जो विलुप्त होने वाली जनजातियों की रक्षा करेगी और उनका पोषण करेगी।
श्री मोदी ने विकसित भारत के चार ‘अमृत स्तंभ’ या विकसित भारत के स्तंभों अर्थात् महिला शक्ति या नारी शक्ति, भारत के खाद्य उत्पादकों, देश के युवाओं और अंत में भारत के नव-मध्यम वर्ग और गरीबों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत में विकास की डिग्री विकास के इन स्तंभों को मजबूत करने की हमारी क्षमता पर निर्भर करती है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने वर्तमान सरकार के पिछले 9 वर्षों में चार स्तंभों को मजबूत करने के लिए किए गए प्रयास और कार्यों पर संतोष व्यक्त किया।

श्री मोदी ने 13 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धि पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 2014 से पहले गांवों में स्वच्छता का दायरा महज 40 प्रतिशत था, जबकि आज देश पूर्णता का लक्ष्य लेकर चल रहा है। 2014 के बाद की अन्य उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एलपीजी कनेक्शन 50-55 प्रतिशत गांवों से बढ़कर आज लगभग 100 प्रतिशत हो गया है, 55 प्रतिशत से 100 प्रतिशत बच्चों को जीवनरक्षक टीके लगाए जा रहे हैं, आज़ादी के कई दशकों के बाद नल के पानी के कनेक्शन 70 प्रतिशत परिवारों में दिए गए जो लगभग एक दशक पहले महज 17 प्रतिशत था। उन्होंने कहा, “मोदी ने वंचितों को अपनी प्राथमिकता बनाई है।”

श्री मोदी ने कहा कि सरकार ने आसान परिणामों की ओर जाने के प्रलोभन का विरोध किया है और लंबे समय से लंबित मुद्दों पर ध्यान दिया है। उन्होंने 18,000 गांवों के विद्युतीकरण का उदाहरण दिया जो अंधकार युग में रहने के लिए अभिशप्त थे। शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन-यापन में आसानी के प्रमुख मापदंडों को 110 जिलों में उठाया गया, जिन्हें पिछड़ा घोषित किया गया था। आकांक्षी जिला कार्यक्रम ने इन जिलों में क्रांतिकारी बदलाव लाए। श्री मोदी ने बताया कि इन जिलों में सबसे ज्यादा आदिवासी आबादी है। उन्होंने कहा, “आकांक्षी जिला कार्यक्रम की सफलता को आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम के माध्यम से विस्तारित किया जा रहा है।”

विकसित भारत संकल्प यात्रा

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा, “सच्ची धर्मनिरपेक्षता तभी आती है जब देश के किसी भी नागरिक के खिलाफ भेदभाव की सभी संभावनाएं समाप्त हो जाती हैं।” उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय का भरोसा तभी मिलता है, जब सबको बराबरी से, समान भावना से सरकारी योजनाओं का लाभ मिले। श्री मोदी ने यह भी कहा कि ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ के पीछे यही भावना है, जो आज भगवान बिरसा मुंडा की जयंती से शुरू होकर अगले वर्ष 26 जनवरी तक चलेगी।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “इस यात्रा में सरकार मिशन मोड में देश के हर गांव में जाएगी और हर गरीब और वंचित व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का लाभार्थी बनाएगी।”

पीएम जनमन

प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत के संकल्प का एक प्रमुख आधार पीएम जनमन या पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान है। उन्होंने कहा कि यह अटलजी की सरकार थी जिसने

श्री मोदी ने 13 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धि पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 2014 से पहले गांवों में स्वच्छता का दायरा महज 40 प्रतिशत था, जबकि आज देश पूर्णता का लक्ष्य लेकर चल रहा है

आदिवासी समाज के लिए एक अलग मंत्रालय बनाया और एक अलग बजट आवंटित किया। श्री मोदी ने बताया कि आदिवासी कल्याण का बजट पहले की तुलना में 6 गुना बढ़ाया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम जनमन के तहत सरकार आदिवासी समूहों और आदिम जनजातियों तक पहुंचेगी, जिनमें से अधिकांश अभी भी जंगलों में रहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने लाखों की आबादी वाले 75 ऐसे आदिवासी समुदायों और आदिम जनजातियों की पहचान की है जो देश के 22 हजार से अधिक गांवों में रहते हैं। श्री मोदी ने कहा, “पहले की सरकारें आंकड़ों को जोड़ने का काम करती थीं, लेकिन मैं आंकड़ों को नहीं, जिंदगियों को जोड़ना चाहता हूं। इस लक्ष्य के साथ पीएम जनमन आज शुरू हो गया है।” उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार इस महाअभियान पर 24,000 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है।

पीएम-किसान की 15वीं किस्त जारी

किसानों के कल्याण को लेकर प्रधानमंत्री श्री मोदी की प्रतिबद्धता का एक और उदाहरण प्रस्तुत करने वाले कदम में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत 8 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को लगभग 18,000 करोड़ रुपये की 15वीं किस्त प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से जारी की गई। योजना के तहत अब तक 14 किश्तों में किसानों के खातों में 2.62 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जा चुके हैं।

प्रधानमंत्री ने रांची स्थित भगवान बिरसा मुंडा मेमोरियल पार्क-सह-स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का दौरा किया

पीएम किसान सम्मान निधि की 15वीं किस्त के बारे में चर्चा करते हुए श्री मोदी ने कहा कि अब तक 2,75,000 करोड़ रुपये से अधिक किसानों के खातों में जमा किए जा चुके हैं। उन्होंने पशुपालकों और मछुआरों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड, पशुओं के मुफ्त टीकाकरण पर 15,000 करोड़ रुपये के सरकारी खर्च, मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए मत्स्य सम्पदा योजना के तहत वित्तीय सहायता और देश में 10 हजार नए किसान उत्पादन संघों के गठन के बारे में भी बताया। बाजार को अधिक सुलभ बनाकर किसानों के लिए लागत में कमी लायी जा रही है।

संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि अमृत काल के चार अमृत स्तंभ यानी भारत की महिला शक्ति, युवा शक्ति, कृषक शक्ति और हमारे गरीब और मध्यम वर्ग की शक्ति भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे और भारत को एक विकसित भारत बनाएंगे।
इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा झारखंड के राज्यपाल श्री सी.पी. राधाकृष्णन, झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन और केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा उपस्थित थे।

पीएम पीवीटीजी मिशन

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपनी तरह की पहली पहल— ‘प्रधानमंत्री विशेष कमजोर जनजातीय समूह (पीएम पीवीटीजी) विकास मिशन’ भी लॉन्च की। देश के 18 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 75 पीवीटीजी 22,544 गांवों (220 जिलों) में रहते हैं, जिनकी आबादी लगभग 28 लाख है।
ये जनजातियां बिखरी हुई सुदूर और दुर्गम बस्तियों में रहती हैं, अक्सर वन क्षेत्रों में और इसलिए लगभग 24,000 करोड़ रुपये के बजट वाले एक मिशन में पीवीटीजी परिवारों और बस्तियों को सड़क और दूरसंचार कनेक्टिविटी, बिजली, सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण तक बेहतर पहुंच और स्थायी आजीविका के अवसर जैसी बुनियादी सुविधाओं से परिपूर्ण करने की योजना बनाई गई है।

इसके अलावा पीएमजेएवाई, सिकल सेल रोग उन्मूलन, टीबी उन्मूलन, शत-प्रतिशत टीकाकरण, पीएम सुरक्षित मातृत्व योजना, पीएम मातृ वंदना योजना, पीएम पोषण, पीएम जनधन योजना आदि के लिए अलग से पूर्णता सुनिश्चित की जाएगी।

मुख्य बातें

 प्रधानमंत्री श्री मोदी ने रेल, सड़क, शिक्षा, कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस जैसे कई क्षेत्रों में लगभग 7200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शुभारंभ, लोकार्पण और शिलान्यास किया।
 प्रधानमंत्री ने जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी, उनमें एनएच 133 के महगामा-हंसडीहा खंड के 52 किमी लंबे हिस्से को चार लेन का बनाना, एनएच 114 ए के बासुकीनाथ-देवघर खंड के 45 किलोमीटर लंबे हिस्से को चार लेन का बनाना; केडीएच-पूर्णाडीह कोल हैंडलिंग प्लांट; आईआईआईटी रांची का नया शैक्षणिक और प्रशासनिक भवन शामिल है।
 जिन परियोजनाओं का उद्घाटन और लोकार्पण किया गया, उनमें आईआईएम रांची का नया परिसर, आईआईटी आईएसएम धनबाद का नया छात्रावास; बोकारो में पेट्रोलियम तेल और स्नेहक (पीओएल) डिपो; कई रेलवे परियोजनाएं जैसे हटिया-पकरा खंड, तलगरिया-बोकारो खंड और जारंगडीह-पतरातू खंड का दोहरीकरण शामिल है। इसके अलावा, झारखंड राज्य में शत-प्रतिशत रेलवे विद्युतीकरण की उपलब्धि भी प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित की गई।
 भारत में विकास की डिग्री अमृत काल के चार स्तंभों— महिला शक्ति, युवा शक्ति, कृषक शक्ति और हमारे गरीब और मध्यम वर्ग की शक्ति को मजबूत करने की क्षमता पर निर्भर करती है।
 मोदी ने वंचितों को अपनी प्राथमिकता बनाई है।
 मैं भगवान बिरसा मुंडा की इस भूमि पर वंचितों का कर्ज चुकाने आया हूं।
 सच्ची धर्मनिरपेक्षता तभी आती है, जब देश के किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव की सभी संभावनाएं खत्म हो जाएं।
 ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ आज भगवान बिरसा मुंडा की जयंती से शुरू होकर अगले वर्ष 26 जनवरी तक चलेगी।