‘विकसित भारत’ के सपनों को साकार करता केन्द्रीय बजट 2024-25

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केन्द्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत 2024-25 का बजट ‘विकसित भारत के उन स्वप्नों को साकार करेगा, जिससे देश के सर्वांगीण, समावेशी एवं संपूर्ण विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के करिश्माई एवं दूरदर्शी नेतृत्व में इस बजट के विभिन्न प्रावधानों में जन-जन का सुदृढ़ विश्वास प्रतिबिंबित हो रहा है। इससे देश के स्वप्नों एवं आकांक्षाओं को नए पंख लगे हैं। इसमें भारत के ‘अमृतकाल’ में गरीब, अन्नदाता, युवा एवं नारी समेत समाज के सभी वर्गों के सशक्तीकरण एवं सुदृढ़ीकरण पर बल दिया गया है। कैपेक्स को 11,11,111 करोड़ रुपए (सकल घरेलू उत्पाद का 3.4 प्रतिशत) करने से विशेषकर ग्रामीण भारत की अवसंरचना मजबूत होगी तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई मिलेगी।

जनजातीय परिवारों के लिए ‘प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान’ के संतृप्तीकरण, आकांक्षी जिलों का विकास और गरीबों के अपने घर के सपनों को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 3 करोड़ अतिरिक्त घरों के निर्माण का लक्ष्य इस बजट में है। अमृतपीढ़ी के विकास का मार्ग प्रशस्त करने के लिए बजट में युवाओं के लिए रोजगार, उनका कौशल विकास, एमएसएमई की

अर्थव्यवस्था में सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित कर निवेश, कैपेक्स तथा जनसेवा के कार्य से व्यापक परिवर्तन लाने में एनडीए सरकार को भारी सफलता मिली है। यह एनडीए सरकार की नीतियों का ही परिणाम है कि जब विश्व की सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाएं मुद्रास्फीति एवं गिरती विकास दर के दबाव में हैं, भारत आज एक चमकता सितारा है

मजबूती के साथ इस बजट में 20 लाख युवाओं को आने वाले पांच वर्षों में प्रशिक्षित करने की योजना है। पिछले दस वर्षों में किसानों को राष्ट्र के विकास के केन्द्र में रखने के जो निरंतर प्रयास हुए हैं तथा अनेक अभिनव योजनाओं के साथ उन्हें लागत का डेढ़-गुणा अधिक एमएसपी दिया जा रहा है, उसी दिशा में बजट में अनेक नई पहलें की गई हैं, जिससे कृषि का भविष्य उज्ज्वल होगा, आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा तथा अनुसंधान एवं डिजिटल तकनीक से कृषि क्षेत्र का विकास होगा।

महिलानीत विकास की अवधारणा के अनुरूप बजट में महिला सशक्तीकरण के लिए 3 लाख करोड़ रुपए की विभिन्न योजनाओं का प्रावधान किया गया है। मध्यम वर्ग एवं करदाताओं को सशक्त बनाने के लिए बजट उन्हें केंद्र में रखते हुए करों तथा टीडीएस एवं संबंधी व्यवस्था का सरलीकरण किया है। ‘मिशन पूर्वोदय’ के जरिए उत्तर-पूर्व के राज्यों में शांति की स्थापना कर विकास का मार्ग प्रशस्त किया गया है तथा उसमें अब पूर्व के झारखंड, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल एवं आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों को भी शामिल किया गया है। अमृतसर, कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर को गया में औद्योगिक नोड खोलकर विकसित किया जाएगा। इससे भविष्य में प्राचीन केंद्र, सांस्कृतिक विकास के साथ-साथ आधुनिक अर्थव्यवस्था के केन्द्र भी बनेंगे। यह ‘विकास भी, विरासत भी’ के लिए मोदी सरकार की अटूट प्रतिबद्धता का परिणाम है।

ध्यान देने योग्य है कि कांग्रेसनीत यूपीए के दौर के कुशासन, भ्रष्टाचार, लूट एवं पॉलिसी पैरालिसिस के फलस्वरूप निराशापूर्ण वातावरण में एक डूबती अर्थव्यवस्था एनडीए सरकार को 2014 में विरासत में मिली थी। अर्थव्यवस्था में सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित कर निवेश, कैपेक्स तथा जनसेवा के कार्य से व्यापक परिवर्तन लाने में एनडीए सरकार को भारी सफलता मिली है। यह एनडीए सरकार की नीतियों का ही परिणाम है कि जब विश्व की सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाएं मुद्रास्फीति एवं गिरती विकास दर के दबाव में हैं, भारत आज एक चमकता सितारा है। भारत की विकास दर निरंतर 6.5-7 प्रतिशत रही है और वित्तीय घाटा निरंतर कम हो रहा है। आज महंगाई नियंत्रण में है और मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। जैसाकि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि वे अपने तीसरे कार्यकाल में तीन गुणा अधिक कार्य करेंगे, श्रीमती निर्मला सीतारमण अर्थव्यवस्था पर तीन गुणा अधिक प्रभाव वाला बजट प्रस्तुत करने के लिए बधाई की पात्र हैं।

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