राष्ट्रीय एकता की भावना कोविड 19 महामारी को हराएगी

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पूरा राष्ट्र कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर का अदम्य साहस एवं दृढ़ संकल्पशक्ति के साथ सामना कर रहा है। सारा देश इस वैश्विक महामारी पर विजय प्राप्त करने की दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ एकजुट है तथा लोग एक-दूसरे की सहायता कर अद्भुत एकता का परिचय दे रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी निरंतर विभिन्न व्यक्तियों एवं समूह से संवाद कर महामारी से प्रभावित लोगों को तत्काल राहत पहुंचाने में लगे हुए हैं। प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कई चरणों में संवाद के अलावा उन्होंने देश के प्रख्यात चिकित्सकों के समूह, दवा एवं वैक्सीन निर्माताओं से संवाद करते हुए अनेक उच्चस्तरीय बैठकों की अध्यक्षता की है, जिससे देशभर में राहत कार्य तेज हुआ है। जहां पूरा देश आज एकजुट है, वहीं इसका परिणाम महामारी के घटते प्रभाव के रूप में दिखने लगा है और इसमें अब कोई संदेह नहीं दिखता कि बहुत ही कम समय में इसे नियंत्रित कर लिया जाएगा।
मोदी सरकार ने ऑक्सीजन, आवश्यक चिकित्सीय उपकरण एवं दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं, साथ ही 80 करोड़ जनता को महामारी के दौरान नि:शुल्क राशन की व्यवस्था भी की है। इस दौरान विदेश तथा विभिन्न संगठनों से प्राप्त 17,755 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 15,961 ऑक्सीजन सिलिंडर, 19 ऑक्सीजन प्लांट तथा 12,913 वेंटिलेटर को भी केन्द्र सरकार ने कई राज्यों को आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराया है। साथ ही 1.5 लाख ऑक्सीकेयर इकाई को भी पीएम केयर के माध्यम से प्राप्त किया जा रहा है। इसके अलावा 21.80 करोड़ टीके भी प्रदेशों को उपलब्ध कराए गए हैं ताकि विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की गति और भी अधिक तेज हो सके। इन सबका परिणाम अब देश में ऑक्सीजन, आवश्यक चिकित्सकीय उपकरण एवं दवाइयां तथा टीकों की उपलब्धता के रूप में देखा जा सकता है।
विभिन्न प्रदेशों द्वारा लगाए गए ‘लॉकडाउन’ के कारण जन-जीवन जहां एक ओर धीमा पड़ा है, वहीं दूसरी ओर वैश्विक महामारी के दौर में भी देश के किसानों ने अपनी अनुपम उपलब्धियों से देश का गौरव बढ़ाया है। वर्ष 2020-21 में भारत ने रिकार्ड 2 करोड़ टन चावल का निर्यात किया, जो पिछले वर्ष 1.77 करोड़ टन था। ध्यान रहे कि पिछले वर्ष भी कोरोना महामारी में यह निर्यात 0.85 करोड़ टन से दुगुना हो गया था। ये सभी उपलब्धियां मोदी सरकार द्वारा किसानों के कल्याण के लिए किए जा रहे निरंतर प्रयासों का ही परिणाम हैं, फलस्वरूप किसान आज उत्साह एवं ऊर्जा से भरे हुए हैं। पीएम-किसान के अंतर्गत हाल ही में 9.5 करोड़ किसानों के खातों में 20 हजार करोड़ रुपए के सीधे हस्तांतरण से किसानों के लिए नकद उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई है। महामारी के दौरान भी गेहूं एवं धान की रिकार्ड खरीदी से जहां एक ओर किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुणा अधिक दाम सुनिश्चित किया गया है, वहीं दूसरी ओर किसानों के खाते में सीधे भुगतान की व्यवस्था कर बिचौलियों का खेल खत्म किया गया है। डीएपी में सब्सिडी की ऐतिहासिक बढ़ोतरी कर किसानों के और अधिक सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
एक ओर जहां पूरा देश महामारी पर विजय प्राप्त करने के लिए एकजुट है, वहीं दूसरी ओर देश के चिकित्सक, नर्स, चिकित्सकीय सहयोगी, लैब तकनीशियन, प्रशासनिक अधिकारियों एवं कोरोना योद्धाओं ने अपने आप को खतरे में डालकर जिस प्रकार लोगों की सेवा की है, उससे देश का गौरव बढ़ा है। देश के औद्योगिक क्षेत्र, दवा एवं वैक्सीन निर्माताओं ने महामारी के कठिन दौर में ऑक्सीजन, दवा एवं वैक्सीन की उपलब्धता के लिए जिस प्रकार से युद्ध-स्तर पर अपने संसाधनों को जुटाया, वह वास्तव में अभिनंदनीय है। परन्तु यह अत्यंत दुर्भाग्यजनक है कि कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष का एक वर्ग अपने निहित राजनैतिक स्वार्थ के लिए देश में संदेह एवं आशंका का वातावरण बनाना चाहा। यह समय था जब कांग्रेस देश के साथ खड़ी होती तथा लोगों के दु:ख-दर्द बांटती, परंतु उसने इस राष्ट्रीय त्रासदी के समय अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकने का कुप्रयास किया। भाजपा को अपने कार्यकर्ताओं पर गर्व है, जिन्होंने पूरे देश में ‘सेवा ही संगठन-2’ के माध्यम से लोगों की सेवा की एवं जन-जन को राहत पहुंचाया। इसमें कोई संदेह नहीं कि एकजुट भारत कोरोना पर विजय प्राप्त करेगा।

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