इस बार ऐसी सामानों से ही घर को रोशन करें जिसमें मेरे किसी देशवासी के पसीने की महक हो, मेरे देश के किसी युवा का हुनर लगा हो, उसके बनने में मेरे देशवासियों को रोज़गार मिला हो
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 29 अक्टूबर को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 106वीं कड़ी में देशवासियों से स्थानीय वस्तुओं को खरीदने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हर बार की तरह इस बार भी हमारे त्योहारों में हमारी प्राथमिकता हो ‘वोकल फॉर लोकल’ और हम मिलकर उस सपने को पूरा करें, हमारा सपना है ‘आत्मनिर्भर भारत’।
श्री मोदी ने कहा कि इस बार ऐसी सामानों से ही घर को रोशन करें जिसमें मेरे किसी देशवासी के पसीने की महक हो, मेरे देश के किसी युवा का हुनर लगा हो, उसके बनने में मेरे देशवासियों को रोज़गार मिला हो, रोज़मर्रा की जिन्दगी की कोई भी आवश्यकता हो, हम लोकल ही लेंगे।
उन्होंने कहा कि इस महीने चल रहे खादी महोत्सव ने एक बार फिर बिक्री के अपने सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। आपको एक और बात जानकार भी बहुत अच्छा लगेगा कि दस साल पहले देश में जहां खादी प्रोडक्ट्स की बिक्री बड़ी मुश्किल से 30 हजार करोड़ रुपये से भी कम की थी, अब ये बढ़कर सवा लाख करोड़ रुपये के आसपास पहुंच रही है।
श्री मोदी ने कहा कि खादी की बिक्री बढ़ने का मतलब है इसका फायदा शहर से लेकर गावं तक में अलग-अलग वर्गों तक पहुंचता है। इस बिक्री का लाभ हमारे बुनकर, हस्तशिल्प के कारीगर, हमारे किसान, आयुर्वेदिक पौधे लगाने वाले कुटीर उद्योग सबको लाभ मिल रहा है।
लहरा रहा स्पोर्ट्स का भी परचम
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि त्योहारों के इस मौसम में इस समय देश में स्पोर्ट्स का भी परचम लहरा रहा है। पिछले दिनों एशियाई खेलों के बाद पैरा एशियाई खेलों में भी भारतीय खिलाड़ियों ने जबरदस्त कामयाबी हासिल की है। इन खेलों में भारत ने 111 मेडल जीतकर एक नया इतिहास रच दिया है। मैं पैरा एशियाई खेलों में हिस्सा लेने वाले सभी खिलाड़ियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
श्री मोदी ने कहा कि 31 अक्टूबर का दिन हम सभी के लिए बहुत विशेष होता है। इस दिन हमारे लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जन्म-जयंती मनाते हैं। हम भारतवासी उन्हें कई वजहों से याद करते हैं और श्रद्धापूर्वक नमन करते हैं। सबसे बड़ी वजह है, देश की 580 से ज्यादा रियासतों को जोड़ने में उनकी अतुलनीय भूमिका।
15 नवंबर: जनजातीय गौरव दिवस
प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले 15 नवंबर को पूरा देश जनजातीय गौरव दिवस मनाएगा। यह विशेष दिन भगवान बिरसा मुंडा की जन्म-जयंती से जुड़ा है। भगवान बिरसा मुंडा हम सब के ह्रदय में बसे हैं। सच्चा साहस क्या है और अपनी संकल्प शक्ति पर अडिग रहना किसे कहते हैं, ये हम उनके जीवन से सीख सकते हैं। उन्होंने विदेशी शासन को कभी स्वीकार नहीं किया। उन्होंने ऐसे समाज की परिकल्पना की थी, जहां अन्याय के लिए कोई जगह नहीं थी। वे चाहते थे कि हर व्यक्ति को सम्मान और समानता का जीवन मिले।
श्री मोदी ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने प्रकृति के साथ सद्भाव से रहना इस पर भी हमेशा जोर दिया। आज भी हम देख सकते हैं कि हमारे आदिवासी भाई-बहन प्रकृति की देखभाल और उसके संरक्षण के लिए हर तरह से समर्पित हैं। हम सबके लिए हमारे आदिवासी भाई-बहनों का ये काम बहुत बड़ी प्रेरणा है।
उन्होंने कहा कि आज जीवन का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं, जहां हमें नारी शक्ति का सामर्थ्य देखने को नहीं मिल रहा हो। इस दौर में जब हर तरफ उनकी उपलब्धियों को सराहा जा रहा है, तो हमें भक्ति की शक्ति को दिखाने वाली एक ऐसी महिला संत को भी याद रखना है, जिसका नाम इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज है। देश इस वर्ष महान संत मीराबाई की 525वीं जन्म-जयंती मना रहा है। वो देशभर के लोगों के लिए एक प्रेरणाशक्ति रही हैं।