भोपाल में शौर्य स्मारक का उद्घाटन

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‘सेना बोलती नहीं, पराक्रम दिखाती है’ – नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भोपाल में शौर्य स्मारक का उद्घाटन 14 अक्टूबर को किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारतीय सेना मानवता की बड़ी मिसाल है। लोगों को बचाने के लिए जवान जान खपा देते हैं। यह मेरा सौभाग्य है कि इस ऐतिहासिक दिन पर यहां हमारे बहादुर सैनिकों को मुझे श्र(ांजलि अर्पित करने का अवसर मिला। श्रीनगर में बाढ़ पीड़ितों को बचाने के लिए जवानों ने जान लगाई। सेना ने कभी नहीं सोचा कि ये पत्थर फेंकते हैं। मेरी सेना की मानवता देखिए। शांति के क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा योगदान। हमने विश्व को जीतने में सफलता पाई है। श्री मोदी ने कहा कि सेना का सबसे बड़ा शस्त्र मनोबल है। सेना बोलती नहीं, पराक्रम करती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे सुरक्षा बल के जवानों ने सिर्फ शस्त्र के आधार पर नहीं, नैतिकता के अधिष्ठान पर, अपने आचरण पर, अपने व्यवहार पर विश्व को जीतने में सफलता पाई है, जब जा करके ये सि(ि प्राप्त होती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद ने भयंकर रूप ले लिया है। पश्चिम एशिया आतंकवाद से घिरा हुआ है। सेना ने यमन में हजारों लोगों को बचाया। हमारी सेना पाकिस्तान के लोगों को भी बचाकर लाई। हमने कभी किसी देश को हड़पने के लिए यु( नहीं किया। कभी जमीन के लिए झगड़ा नहीं किया। हमारी सेना मानवता के मूल्यों से कभी पीछे नहीं हटी। सैनिकों ने अपनी जवानी खपा दी। दोनों विश्व यु(ों में हमारी सेना ने योगदान दिया। दो विश्व यु(ों के दौरान 1.5 लाख भारतीय सैनिकों से लड़ाई लड़ी और अपनी जान गंवाई। विश्व को यह कभी नहीं भूलना चाहिए।

श्री मोदी ने कहा कि जल हो, थल हो, नभ हो, हमारे और भी सुरक्षा बल, बीएसएफ के जवान, जिस प्रकार से सीमा पर डटे होते हैं, सीआरपीएफ के जवान, कोस्ट गार्ड के जवान, अनगिनत व्यवस्थाएं हैं, जो इसलिए अपनी जवानी खपा देते हैं कि हम चैन की नींद सो सकें। मेरे देश की सेना को हम चैन की नींद सो जाएं, उसे सर्वाधिक खुशी मिलती है। हम चैन की नींद से सो जाएं, उसे संतोष होता है।

उन्होंने कहा कि ये सरकार आने के बाद हमने वादा किया था कि हम ‘वन रैंक वन पेंशन’ लागू करेंगे और मैं आज मेरे वीर जवानों के सामने सर झुका करके इस वादा हमने पूरा कर दिया, आज मैं सन्तोष की अनुभूति कर रहा हूं। चार किस्त में, चार किस्त में उसकी भुगतान करने के लिए हमने तय किया है, क्योंकि इतना बड़ा आर्थिक बोझ है कि एक साल में भारत सरकार के लिए भी देना मुश्किल है, तो इसलिए उसको चार किस्तों में बांटा है।

श्री मोदी ने कहा कि अब तक साढ़े पांच हजार करोड़ रुपए वितरित हो चुके हैं। फौजी के घर, उसके खाते में जमा हो चुके हैं और लाभ कितना हुआ है, जो हवालदार, जो हवालदार जिसने 17 साल फौज में काम किया और निवृत्त हुआ, ‘वन रैंक वन पेंशन’ के पहले उसको 4090 रुपया मिलता था। ‘वन रैंक वन पेंशन’ के बाद उसको करीब-करीब 7600 रुपया मिलना शुरू हुआ, यानी करीब करीब 30 प्रतिशत से भी ज्यादा इजाफा।