स्मार्ट शहरी मिशन के तहत 1872 करोड़ रुपये की 148 परियोजनाएं पूरी

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आवास एवं शहरी मामलों के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि स्मार्ट शहरी मिशन के तहत 1,35,958 करोड़ रुपये की 2,864 परियोजनाएं लागू होने के विभिन्न चरणों में हैं। 1872 करोड़ रुपये की 148 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जबकि 15,600 करोड़ रुपये की 407 परियोजनाओं पर काम चल रहा है। 13,514 करोड़ रुपये की 237 परियोजनाओं के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 1,02,260 करोड़ रुपये की 2,025 परियोजनाओं के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा रही हैं। परियोजनाओं को लागू करने के तहत स्मार्ट समाधान, स्मार्ट सड़कें, स्मार्ट जलापूर्ति, छतों पर सौर प्रणाली जैसे क्षेत्रों पर भी काम चल रहा है।

श्री पुरी ने यह जानकारी 1 जनवरी को आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय से संबद्ध परामर्शदात्री समिति की एक बैठक को संबोधित करते हुए दी। इस बैठक में संसद सदस्य श्री राघव लखनपाल, श्री संतोख सिंह चौधरी, डॉ. श्रीकांत एकनाथ शिंदे और डॉ. सत्यनारायण जाटिया, श्री दुर्गा शंकर मिश्रा, सचिव आवास और शहरी मामले मंत्रालय और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

साथ ही श्री पुरी ने यह भी कहा कि स्मार्ट शहर परियोजना के तहत 90 शहरों ने कुल 1,91,155 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव दिया है। विशेष क्षेत्र की परियोजनाओं में तेजी लाने की अनुमानित लागत 1,52,500 करोड़ रुपए होगी।

36,655 करोड़ के शेष निवेश को प्राप्त करने के लिए सभी शहरों में विशेष पहल की जा रही है। क्षेत्रवार परियोजनाएं और शहरी परियोजनाओं के अन्य व्यय के लिए अलग से 1998.49 करोड़ का कोष तैयार किया गया है। यह धन मिशन से जुड़े अन्य खर्चों में प्रयोग होगा। स्मार्ट शहर मिशन का कार्यान्वयन कंपनी अधिनियम 2013 के तहत एक लिमिटेड कंपनी के रूप में शहरी स्तर पर स्थापित विशेष उद्देश्य वाहक (एसपीवी) द्वारा किया जाता है और इसमें राज्य/केंद्र शासित प्रदेश और शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) की संयुक्त रूप से बराबर हिस्सेदारी होती है।