5 लाख 35 हजार करोड़ रुपए की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना

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भाजपानीत केंद्र की राजग सरकार ने अधिक दक्ष परिवहन प्रणाली उपलब्ध कराने की अपनी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए न केवल सड़क सेक्टर के अवरोधों को समाप्त किया, बल्कि राजमार्ग विकास एवं सड़क निर्माण कार्यक्रम को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा भी दिया है। देशभर में माल और लोगों के आवागमन की सुगमता को और सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार एक नए अम्ब्रैला कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रही है। 83,677 किलोमीटर की सड़कों के लिए, इस सड़क निर्माण कार्यक्रम में अगले 05 वर्षों में 6.92 लाख करोड़ रुपए का पूंजीगत परिव्यय शामिल है। इसमें से, 5,35,000 करोड़ रुपए के परिव्यय से क्रियान्वित की जाने वाली भारतमाला परियोजना से रोजगार के 14.2 करोड़ श्रमदिवसों का सृजन होगा।

बीएमपी के अधीन सड़कों (34,800 किलोमीटर) की निम्नलिखित श्रेणियां प्रस्तावित की गई हैं:

आर्थिक कॉरिडोर (9000 किलोमीटर)

अंतर कॉरिडोर और फीडर मार्ग (6000 किलोमीटर)

राष्ट्रीय कॉरिडोर क्षमता सुधार (5000 किलोमीटर)

सीमा सड़क और अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी (2000 किलोमीटर)

तटीय सड़क और पत्तन कनेक्टिविटी (2000 किलोमीटर)

ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे (800 किलोमीटर)

शेष एनएचडीपी निर्माण कार्य (10,000 किलोमीटर)

भारतमाला निर्माण कार्य, एनएचएआई, एनएचआईडीसीएल, एमओआरटीएच और राज्य पीडब्ल्यूडी के माध्यम से 05 वर्षों में 2021-22 तक संपन्न किए जाने का प्रस्ताव है। साथ ही एनएचएआई, एनएचआईडीसीएल और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को महत्वपूर्ण शक्तियां प्रत्यायोजित की गई हैं, ताकि तीव्र कार्यान्वयन को समर्थ बनाया जा सके।

गौरतलब है कि बाजार से ऋण के रूप में 2.09 लाख करोड़ रुपए जुटाए जाएंगे, पीपीपी के माध्यम से 1.06 लाख करोड़ रुपए जुटाए जाएंगे और केंद्रीय सड़क निधि (सीआरएफ) की प्राप्तियों, टीओटी मुद्रीकरण अधिप्राप्तियों तथा एनएचएआई के टोल संग्रहण से 2.19 लाख करोड़ रुपए दिए जाने हैं।
भारतमाला के अधीन 34,800 किलोमीटर के अतिरिक्त, अन्य चालू स्कीमों के अधीन निर्माण कार्यों में से 48,877 किलोमीटर के शेष निर्माण कार्य का कार्यान्वयन 1.57 लाख करोड़ रुपए के परिव्यय से एनएचएआई/एमओआरटीएच द्वारा साथ-साथ किया जाएगा। इस का वित्तपोषण सीआरएफ से 0.97 लाख करोड़ रुपए और सकल बजटीय सहायता के रूप में 0.59 लाख करोड़ रुपए प्रदान करके किया जाएगा।

टीओटी मुद्रीकरण

पहली बार, एक न्यून जोखिम टोल – प्रचालन – अनुरक्षण – अंतरण (टीओटी) मॉडल के अधीन 82 कार्यरत राजमार्गों का मुद्रीकरण 34,000 करोड़ रुपए के निजी संभावित निवेश के साथ प्रारंभ किया गया है। एनएचएआई द्वारा 6258 करोड़ रुपए की संभावित मुद्रीकरण कीमत वाले 64 किलोमीटर के 09 एनएच खंडों के पहले बंडल के लिए निविदा आमंत्रित की गई है।