एक ऐसा ‘न्यू इंडिया’ बने, जहां हर व्यक्ति की पूरी क्षमता उजागर हो : रामनाथ कोविंद

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स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या (14 अगस्त, 2017) पर माननीय राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने राष्ट्र के नाम संदेश दिया। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त, 1947 को हमारा देश एक स्वतंत्र राष्ट्र बना था। संप्रभुता पाने के साथ-साथ उसी दिन से देश की नियति तय करने की जिम्मेदारी भी ब्रिटिश हुकूमत के हाथों से निकलकर हम भारतवासियों के पास आ गई थी। कुछ लोगों ने इस प्रक्रिया को ‘सत्ता का हस्तांतरण’ भी कहा था, लेकिन वास्तव में वह केवल सत्ता का हस्तांतरण नहीं था। वह एक बहुत बड़े और व्यापक बदलाव की घड़ी थी। वह हमारे समूचे देश के सपनों के साकार होने का पल था – ऐसे सपने जो हमारे पूर्वजों और स्वतंत्रता सेनानियों ने देखे थे। अब हम एक नये राष्ट्र की कल्पना करने और उसे साकार करने के लिए आजाद थे।

राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि हमारे लिए यह समझना बहुत जरूरी है कि स्वतंत्र भारत का उनका सपना, हमारे गांव, गरीब और देश के समग्र विकास का सपना था। आजादी के लिए हम उन सभी अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों के ऋणी हैं, जिन्होंने इसके लिए कुर्बानियां दी थीं। कित्तूर की रानी चेन्नम्मा, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, भारत छोड़ो आंदोलन की शहीद मातंगिनी हाज़रा जैसी वीरांगनाओं के अनेक उदाहरण हैं।

राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए ऐसे कर्मठ लोगों के साथ सभी को जुड़ना चाहिए। साथ ही सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का लाभ हर तबके तक पहुंचे इसके लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए। इसके लिए नागरिकों और सरकार के बीच साझेदारी महत्त्वपूर्ण हैः

-सरकार ने ‘स्वच्छ भारत’अभियान शुरू किया है लेकिन भारत को स्वच्छ बनाना – हममें से हर एक की जिम्मेदारी है।

-सरकार शौचालय बना रही है और शौचालयों के निर्माण को प्रोत्साहन दे रही है, लेकिन इन शौचालयों का प्रयोग करना और देश को ‘खुले में शौच से मुक्त’ कराना – हममें से हर एक की जिम्मेदारी है।

-सरकार देश के संचार ढांचे को मजबूत बना रही है, लेकिन इंटरनेट का सही उद्देश्य के लिए प्रयोग करना, ज्ञान के स्तर में असमानता को समाप्त करना, विकास के नए अवसर पैदा करना, शिक्षा और सूचना की पहुंच बढ़ाना-हममें से हर एक की जिम्मेदारी है।

-सरकार ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ के अभियान को ताकत दे रही है, लेकिन यह सुनिश्चित करना कि हमारी बेटियों के साथ भेदभाव न हो और वे बेहतर शिक्षा प्राप्त करें- हममें से हर एक की जिम्मेदारी है।

-सरकार कानून बना सकती है और कानून लागू करने की प्रक्रिया को मजबूत कर सकती है लेकिन कानून का पालन करने वाला नागरिक बनना, कानून का पालन करने वाले समाज का निर्माण करना – हममें से हर एक की जिम्मेदारी है।

-सरकार पारदर्शिता पर जोर दे रही है, सरकारी नियुक्तियों और सरकारी खरीद में भ्रष्टाचार समाप्त कर रही है, लेकिन रोजमर्रा की जिंदगी में अपने अंतःकरण को साफ रखते हुए कार्य करना, कार्य संस्कृति को पवित्र बनाए रखना- हममें से हर एक की जिम्मेदारी है।

-सरकार ने टैक्स की प्रणाली को आसान करने के लिए जी.एस.टी. को लागू किया है, प्रक्रियाओं को आसान बनाया है, लेकिन इसे अपने हर काम-काज और लेन-देन में शामिल करना तथा टैक्स देने में गर्व महसूस करने की भावना को प्रसारित करना- हममें से हर एक की जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि देश की जनता ने जी.एस.टी. को सहर्ष स्वीकारा है। सरकार को जो भी राजस्व मिलता है, उसका उपयोग राष्ट्र निर्माण के कार्यों में ही होता है। इससे किसी गरीब और पिछड़े को मदद मिलती है, गांवों और शहरों में बुनियादी सुविधाओं का निर्माण होता है, और हमारे देश की सीमाओं की सुरक्षा मजबूत होती है। सन् 2022 में हमारा देश अपनी आजादी के 75 साल पूरे करेगा। तब तक ‘न्यू इंडिया’ के लिए कुछ महत्त्वपूर्ण लक्ष्यों को प्राप्त करने का हमारा ‘राष्ट्रीय संकल्प’ है।