भाजयुमो ने राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर कार्रवाई की मांग की

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भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) ने राष्ट्रीय महिला आयोग से राजस्थान में महिलाओं के बढ़ते उत्पीड़न और दलितों के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर कार्रवाई करने की मांग की।

भाजयुमो की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राजस्थान प्रदेश प्रभारी श्रीमती नेहा जोशी एवं भाजयुमो राजस्थान अध्यक्ष श्री हिमांशु शर्मा ने 29 मार्च, 2022 को राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती रेखा शर्मा से मुलाकात की और इस मुद्दे पर ज्ञापन सौंपा। उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार को महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया जाए। आयोग अध्यक्ष ने मामले पर कार्रवाई का आश्वासन दिया और जल्द ही राजस्थान सरकार के समक्ष इस मुद्दे को उठाने का वादा किया।

भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री तेजस्वी सूर्या ने आक्रोश प्रकट करते हुए कहा, “राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान में पिछले दो वर्षों में बलात्कार के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। भाजयुमो लगातार राजस्थान में महिला सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को उठाता रहा है। राजस्थान सरकार महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रही है, विशेष रूप से वंचित वर्गों से आने वाली महिलाओं की। भाजयुमो ने मांग की है कि एनसीडब्ल्यू राज्य में बिगड़ती स्थिति का संज्ञान ले। मैं एनसीडब्ल्यू से अनुरोध करता हूं कि वह राजस्थान सरकार को हमारी बहनों और बेटियों की सुरक्षा के उपाय करने का निर्देश दे।’’

भाजयुमो उपाध्यक्ष श्रीमती नेहा जोशी ने कहा, “राजस्थान में प्रतिदिन बलात्कार के मामलों का दर्ज होना चिंताजनक है। हाल ही में जयपुर में एंबुलेंस में रोटी मांग रही दलित महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। राज्य की राजधानी में एक और महिला के जेवर लूट लिए गए, उसकी हत्या कर दी गई और उसके पैर काट दिए गए। अलवर में एक मूक-बधिर लड़की के साथ बलात्कार किया गया, जबकि बांसवाड़ा में एक मानसिक रूप से बीमार महिला के साथ बर्बरता की गई। दौसा जिले के मंडावर थाने में कांग्रेस विधायक के बेटे के खिलाफ दुष्कर्म का मामला भी दर्ज किया गया है। यह दर्शाता है कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना राजस्थान सरकार की सबसे कम प्राथमिकता है। भाजयुमो की मांग है कि एनसीडब्ल्यू इस पर संज्ञान लेकर तुरंत आवश्यक कदम उठाए।”

भाजयुमो ने सरकार की नीतियों, विज़न और शासन पर संवाद कार्यक्रम शुरू किया

भाजयुमो द्वारा एक संवाद वार्ता कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है जिसमें देशभर के युवा शीर्ष मंत्रियों/नेताओं के साथ सीधे बातचीत कर सकेंगे और नीति निर्माण की बारीकियों को पहली बार समझ सकेंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 21वीं सदी के नए भारत की परिकल्पना को साकार करने और युवाओं को राष्ट्र निर्माण में परोक्ष रूप से शामिल करने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम किया जा रहा है। ऐसे संवाद कार्यक्रम में भविष्य के लिए नेताओं को तैयार करने की क्षमता है, जो जमीनी स्तर से नीति निर्माण में प्रभावी रूप से अपना योगदान दे सकेंगे।
इन सत्रों में केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियों, शिक्षा जगत के शीर्ष राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विद्वानों और विभिन्न थिंक टैंक के प्रतिनिधियों के बीच नीति निर्माण क्षेत्र पर बातचीत एवं चर्चा आयोजित किए जाएंगे। भाजयुमो देश के युवाओं को यह मंच प्रदान करके और उनकी सहायता करके उत्साहित है। इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से देश वास्तविकता में अपने जनसांख्यिकीय लाभांश का लाभ उठा सकता है।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण, देशभर से 30 युवाओं के साथ जुड़ी और उनसे विभिन्न नीति संबंधी मुद्दों पर बात की। उन्होंने जिन विषयों को संबोधित किया उनमें मोदीनॉमिक्स, वित्त के कोविड दृष्टिकोण, वित्त मंत्रालय, रोजगार, स्टार्टअप, डिजिटल अर्थव्यवस्था, डिजिटल रुपया, भारत के आर्थिक विकास का भविष्य, देश के सामने आने वाली चुनौतियां, पसंदीदा पुस्तकें, वित्त से रक्षा का अनुभव और उनका व्यक्तिगत जीवन अनुभव जैसे विषय शामिल थे। चर्चा के विषय भाजयुमो द्वारा पूरे देश से एकत्र किए गए थे। भाजयुमो ने सत्र से पहले युवाओं के लिए अपने सवाल प्रेषित करने एक फॉर्म जारी किया था जिनमे से चयनित प्रश्नों को सीधा केंद्रीय वित्त मंत्रीजी से पूछा गया।
भाजयुमो राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री तेजस्वी सूर्या ने 8 अप्रैल को कहा, “भारत विश्व में सबसे अधिक युवा जनसंख्या वाला देश है इसीलिए देश के नीति निर्धारण करते समय युवा वर्ग की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को सम्मिलित करना अति आवश्यक है। संवाद, लोकतंत्र में सामंजस्य स्थापित करने और समेकित विकास की परिकल्पना साकार करने के लिए एक सशक्त माध्यम है। इस पहल से युवा वर्ग को देश के नीति निर्धारण की प्रक्रिया में भागीदार बनने का अवसर मिलेगा। साथ ही, वरिष्ठ नेताओं के ज्ञान, अनुभव और मार्गदर्शन से देशहित में लिए जा रहे एवं भविष्य में लिए जाने वाले निर्णयों को और बेहतर ढंग से समझने में सहायता करेगा।”