‘अगर पाकिस्तान उकसाने की कोशिश करेगा तो उसे कड़ा जवाब मिलेगा’

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भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने ‘मशाल रैली’ को संबोधित किया

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा 25 जुलाई, 2024 को दिल्ली के कनॉट प्लेस में आयोजित मशाल रैली में सम्मिलित हुए और कारगिल युद्ध में विपरीत परिस्थितियों में देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले वीर जवानों को याद करते हुए नमन किया। उन्होंने कारगिल दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित मशाल रैली में भाग भी लिया और उपस्थित जनसमूह को संबोधित करने के पश्चात् प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया। कार्यक्रम के दौरान मंच पर भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री एवं युवा मोर्चा प्रभारी श्री सुनील बंसल, भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री तेजस्वी सूर्या, राष्ट्रीय सचिव श्री मनजिंदर सिंह सिरसा, दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री वीरेंद्र सचदेवा सहित पार्टी के अन्य नेता एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे।

श्री नड्डा ने कहा कि 25 वर्ष पहले भारतीय सेना ने कारगिल पर विजय प्राप्त की थी और कल कारगिल विजय दिवस को रजत जयंती के रूप में मनाया जाएगा। कारगिल का विजय दिवस मनाकर हम भारत के उन वीर सपूतों को याद करेंगे जिनके शौर्य ने कारगिल पर पाकिस्तान के इरादों को चकनाचूर कर दिया था और भारत का झण्डा लहराया था। कारगिल का युद्ध एक विशेष परिस्थिति का युद्ध था। पाकिस्तान ने सीधी तरीके से आक्रमण नहीं किया था, बल्कि चोरों की तरह चुपके-चुपके पाकिस्तान के सैनिकों ने कारगिल पर अड्डा जमाया था। लेफ्टिनेंट कालिया और विक्रम बत्रा जैसे शहीदों को याद करते हुए यह बात भी याद रखी जानी चाहिए कि विपरीत परिस्थितियों में भी देश के जवानों ने ये लड़ाई लड़ी थी। दुश्मन कारगिल की चोटियों पर था और भारत के वीर जवानों को पहाड़ पर चढ़कर उस दुर्गम चोटी पर कब्जा करना था। यह बहुत ही कठिन कार्य था। हमारे वीर जवान रुके नहीं, उन्होंने हार नहीं मानी, बल्कि लगातार योजनाबद्ध तरीके से लड़े और फिर से कारगिल की दुर्गम चोटियों पर तिरंगा लहराया।

भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि जब कारगिल का युद्ध चल रहा था, तब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी उत्तर भारत के भारतीय जनता पार्टी के महामंत्री और प्रभारी थे। उस समय भाजपा के प्रतिनिधि के तौर पर श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कारगिल के युद्ध के दौरान वहां जाकर जवानों का उत्साहवर्धन किया था। श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपेयी जी ने उस दौरान कहा था कि जो भी शहीद होगा, वो शहादत किसी परिवार की नहीं बल्कि देश की होगी। पूरे सम्मान के साथ उनके शरीर को लाया जाएगा और अंतिम संस्कार किया जाएगा। जब 1962 में चीन से और 1971 में पाकिस्तान से युद्ध हुआ तो हमारे शहीद जवानों के कपड़े, टोपी और उनका पहचान पत्र तो घर आता था लेकिन जवान नहीं आता था। प्रधानमंत्री अटल जी ने यह तय किया कि कोई भी जवान जो देश के लिए शहादत देता है, पूरे सम्मान के साथ उसका अंतिम संस्कार उसके गांव में होगा और इनकी पूरी जिम्मेदारी सरकार व भारतीय सेना लेगी।

श्री नड्डा ने कहा कि जब यूपीए के कार्यकाल में रक्षामंत्री से पूछा गया कि आप सीमा पर सैनिकों के लिए सड़क क्यों नहीं बनवाते हैं? तो उत्तर दिया गया था कि सरकार की प्राथमिकता में इस कार्य के लिए पैसे नहीं हैं। पहले सीमा का काफिला वन-वे सड़क से जाता था, आज हमारी फौज सीमा तक जाने के लिए डबल-लेन सड़क और पक्के डबल-लेन पुलों का उपयोग कर रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने बीते 10 वर्षों में सीमावर्ती क्षेत्रों में 24 घंटे, 12 महीने चलने वाली सड़कों का निर्माण किया है। आज अरुणाचल प्रदेश से लेकर लद्दाख तक भारतीय सेना डेढ़ दिन में पहुंच जाती है। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भारतीय सेना के पास लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों, बुलेटप्रूफ उपकरणों की भी कमी थी और रक्षा उपकरणों की कोई नई खरीद नहीं की गई थी। आज भारत न केवल अपने रक्षा उपकरण बनाता है, बल्कि इसे अन्य देशों को निर्यात भी कर रहा है। भारत आज लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टरों का भी निर्माण कर रहा है। यदि पाकिस्तान उरी और पुलवामा जैसी घटनाओं को दोहराने की कोशिश करेगा तो उसे सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के जरिए करारा जवाब दिया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा हर जिले में ‘विजय ज्योति’ जलाकर विजय दिवस मनाएगा, हमारे वीर सैनिकों का सम्मान करेगा और संदेश देगा कि 140 करोड़ लोगों का देश वीर जवानों के साथ खड़ा है।