भारत और पोलैंड ने द्विपक्षीय संबंधों को ‘रणनीतिक साझेदारी’ में बदलने का निर्णय लिया

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प्रधानमंत्री की पोलैंड और यूक्रेन यात्रा

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने पोलैंड के प्रधानमंत्री श्री डॉनल्ड टस्क के निमंत्रण पर 21 से 22 अगस्त तक पोलैंड की आधिकारिक यात्रा की। यह ऐतिहासिक यात्रा ऐसे समय में हुई है जब दोनों देश अपने राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।

श्री मोदी ने श्री टस्क से 22 अगस्त को वारसॉ में मुलाकात की। फेडरल चांसलरी पहुंचने पर प्रधानमंत्री श्री टस्क ने प्रधानमंत्री की आगवानी की और उनका औपचारिक स्वागत किया गया।

दोनों नेताओं ने सीमित और प्रतिनिधिमंडल स्तर के प्रारूप में बातचीत की। भारत-पोलैंड संबंधों की महत्ता को देखते हुए दोनों नेताओं ने इस रिश्ते को उन्नत करके एक ‘रणनीतिक साझेदारी’ में बदलने का निर्णय लिया। दोनों नेताओं ने व्यापार एवं निवेश, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, रक्षा एवं सुरक्षा, सांस्कृतिक सहयोग और दोनों देशों के लोगों के बीच पारस्परिक संबंधों सहित द्विपक्षीय साझेदारी के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक चर्चा की।

उल्लेखनीय है कि श्री मोदी ने 21 अगस्त को पोलैंड के वारसॉ में कोल्हापुर मेमोरियल पर पुष्पांजलि और श्रद्धांजलि अर्पित की। यह स्मारक द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान कोल्हापुर रियासत द्वारा पोलैंड के लोगों के लिए दिखाई गई उदारता को समर्पित है। कोल्हापुर के वलीवाडे में स्थापित शिविर ने युद्ध के दौरान पोलैंड के लोगों को आश्रय दिया था। इस बस्ती में महिलाओं और बच्चों सहित करीब 5,000 पोलैंड के शरणार्थी रहते थे।

श्री मोदी ने पोलैंड के वारसॉ में 21 अगस्त को डोबरी महाराजा मेमोरियल पर पुष्पांजलि एवं श्रद्धांजलि अर्पित की। वारसॉ के गुड महाराजा चौराहे पर स्थित यह स्मारक पोलैंड के लोगों और सरकार द्वारा जामसाहब ऑफ नवानगर दिग्विजयसिंहजी रणजीतसिंहजी जडेजा (गुजरात के आधुनिक जामनगर) के प्रति सम्मान एवं कृतज्ञता का प्रतीक है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जामसाहब ने पोलैंड के एक हजार से अधिक बच्चों को आश्रय प्रदान किया था और आज उन्हें पोलैंड में डोबरी (अच्‍छे) महाराजा के रूप में याद किया जाता है।

श्री मोदी ने 22 अगस्त को वारसॉ में भारतीय समुदाय द्वारा उनके सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री का भारतीय समुदाय द्वारा विशेष उत्‍साह और गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया।

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प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की ने क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति श्री वलोडिमिर जेलेंस्की के निमंत्रण पर 23 अगस्त को यूक्रेन की यात्रा की। वर्ष 1992 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद से यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली यात्रा थी।

श्री मोदी ने कीव में श्री जेलेंस्की से मुलाकात की। मैरीन्स्की पैलेस पहुंचने पर प्रधानमंत्री का राष्ट्रपति श्री जेलेंस्की ने स्वागत किया। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर चर्चा की और आपसी हित के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। बैठक के बाद एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया।

प्रधानमंत्री श्री मोदी और राष्ट्रपति श्री जेलेंस्की ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर सहित क्षेत्रीय अखंडता एवं देशों की संप्रभुता के सम्मान जैसे अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों को बनाए रखने में आगे सहयोग के प्रति अपनी तत्परता दोहराई। वे इस संबंध में करीबी द्विपक्षीय संवाद की जरूरत पर सहमत हुए।

दोनों नेता चार समझौतों पर हस्ताक्षर के साक्षी बने। इन समझौतों में शामिल हैं (i) कृषि एवं खाद्य उद्योग के क्षेत्र में सहयोग से संबंधित समझौता; (ii) चिकित्सा उत्पादों के विनियमन के क्षेत्र में सहयोग से संबंधित समझौता ज्ञापन; (iii) उच्च प्रभाव वाले सामुदायिक विकास से जुड़ी परियोजनाओं के कार्यान्वयन हेतु भारतीय मानवीय अनुदान सहायता से संबंधित समझौता ज्ञापन और (iv) 2024-2028 के दौरान सांस्कृतिक सहयोग हेतु कार्यक्रम।

श्री मोदी ने यूक्रेन सरकार को चार ‘भीष्म (सहयोग, हित और मैत्री के लिए भारत स्वास्थ्य पहल) क्यूब्स’ की सौगात दी। यूक्रेन के राष्ट्रपति श्री जेलेंस्की ने मानवीय सहायता के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया। ‘भीष्म क्यूब्स’ से घायलों के शीघ्र उपचार में काफी मदद मिलेगी और इसके साथ ही अनमोल जीवन बचाने में काफी योगदान मिलेगा।

श्री मोदी ने कीव में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने सौहार्दपूर्ण समाज के निर्माण में महात्मा गांधी के शांति के संदेश की शाश्वत प्रासंगिकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी द्वारा दिखाए गए मार्ग ने वर्तमान वैश्विक चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत किया है।