भारत-ऑस्ट्रेलिया ने आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते पर किए हस्ताक्षर

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केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल एवं ऑस्ट्रेलिया के व्यापार, पर्यटन एवं निवेश मंत्री श्री डैन तेहान, एमपी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री श्री स्कॉट मॉरीसन की उपस्थिति में एक वर्चुअल समारोह में दो अप्रैल को भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किये।

भारत-ऑस्ट्रेलिया ईसीटीए की मुख्य बातें

भारत-ऑस्ट्रेलिया ईसीटीए एक दशक के बाद किसी विकसित देश के साथ भारत का पहला व्यापार समझौता है। इस समझौते में दोनों मित्र देशों के बीच द्विपक्षीय आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों की एक व्यापक शृंखला सन्निहित है तथा यह वस्तुओं में व्यापार, उत्पत्ति के नियम, व्यापार की तकनीकी बाधाएं (टीबीटी), स्वच्छता एवं पादप स्वच्छता (एसपीएस) उपाय, विवाद निपटान, तटस्थ व्यक्तियों की आवाजाही, दूरसंचार, सीमा शुल्क प्रक्रियाएं, फार्मास्यूटिकल उत्पाद एवं अन्य क्षेत्रों में सहयोग जैसे क्षेत्रों को कवर करता है।

द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग के विभिन्न पहलुओं को कवर करते हुए आठ विषय विशिष्ट सहायक अनुबंध पत्रों (साइड लेटर) पर भी समझौते के हिस्से के रूप में हस्ताक्षर किए गए।

प्रभाव या लाभ

ईसीटीए दोनों देशों के बीच व्यापार को प्रोत्साहित करने तथा सुधार लाने के लिए एक संस्थागत तंत्र उपलब्ध कराता है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ईसीटीए भारत और ऑस्ट्रेलिया द्वारा प्रबंधित लगभग सभी टैरिफ लाइनों को कवर करता है। भारत, ऑस्ट्रेलिया द्वारा उसके 100 प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर उपलब्ध कराए गए वरीयतापूर्ण बाजार पहुंच से लाभान्वित होगा। इसमें रत्न एवं आभूषण, कपड़े, चमड़ा, फुटवियर, फर्नीचर, खाद्य एवं कृषि उत्पाद, इंजीनियरिंग उत्पाद, चिकित्सा उपकरण एवं ऑटोमोबाइल जैसे भारत की निर्यात दिलचस्पी के सभी श्रम केन्द्रित सेक्टर शामिल हैं।

दूसरी तरफ, भारत ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया के निर्यात की लाइनों सहित अपनी टैरिफ लाइनों के 70 प्रतिशत से अधिक की वरीयतापूर्ण पहुंच प्रस्तुत करेगा, जो कोयला, खनिज अयस्क तथा वाइन आदि जैसे मुख्य रूप से कच्चे माल तथा इंटरमीडियरीज़ है।

जहां तक सेवाओं में व्यापार का प्रश्न है तो ऑस्ट्रेलिया ने लगभग 135 उप-क्षेत्रों में व्यापक प्रतिबद्धताओं तथा 120 उप-क्षेत्रों में सर्वाधिक पसंदीदा राष्ट्र (एमएफएन) जो आईटी, आईटीईएस, व्यवसाय सेवाएं, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं ऑडियो विजुअल जैसे भारत की रुचि के प्रमुख क्षेत्रों को कवर करते हैं, की पेशकश की है।

ऑस्ट्रेलिया से सेवा क्षेत्र में की गई कुछ प्रमुख प्रस्तुतियां है: शेफ तथा योग शिक्षकों के लिए कोटा, पारस्परिक आधार पर भारतीय छात्रों के लिए दो-चार वर्षों के लिए अध्ययन उपरांत कार्य वीज़ा; प्रोफेशनल सेवाओं तथा अन्य लाइसेंस प्राप्त/विनियमित व्यवसायों को परस्पर मान्यता; युवा प्रोफेशनलों के लिए वर्क तथा हॉलिडे वीज़ा।

दूसरी तरफ, भारत ने ऑस्ट्रेलिया को लगभग 103 उप-क्षेत्रों में बाजार पहुंच तथा ‘व्यवसाय सेवाओं’, ‘संचार सेवाओं’, ‘निर्माण एवं संबंधित इंजीनियरिंग सेवाओं’ इत्यादि जैसे 11 व्यापक सेवा सेक्टरों से 31 उप-क्षेत्रों में सर्वाधिक पसंदीदा राष्ट्र की प्रस्तुति की है। दोनों पक्षों ने इस समझौते के तहत फार्मास्यूटिकल उत्पादों पर एक पृथक परिशिष्ट पर भी सहमति जताई है जो पैटेंटीकृत, जेनेरिक तथा जैवप्रकार औषधियों के लिए शीघ्रता से मंजूरी प्राप्त करने में सक्षम बनाएंगे।

समय-सीमा

भारत-ऑस्ट्रेलिया ईसीटीए के लिए बातचीत औपचारिक रूप से 30 सितम्बर, 2021 को फिर से आरंभ हुई तथा मार्च, 2022 के अंत तक फास्ट ट्रैक आधार पर संपन्न हुई।

पृष्ठभूमि

भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी 4 जून, 2020 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तथा ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री श्री स्कॉट मॉरीसन एमपी के बीच भारत आस्ट्रेलिया लीडर्स वर्चुअल समिट के दौरान आरंभ हुई, जो कि हमारे बहुपक्षीय तथा द्विपक्षीय संबंधों की आधारशिला है।

ऑस्ट्रेलिया भारत का 17वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है तथा भारत ऑस्ट्रेलिया का नौवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वस्तु एवं सेवाओं दोनों के लिए भारत-ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय व्यापार का मूल्य 2021 में 27.5 बिलियन डॉलर आंका गया है। 2019 तथा 2021 के बीच ऑस्ट्रेलिया को भारत का वस्तु निर्यात 135 प्रतिशत बढ़ा। भारत के निर्यातों में मुख्य रूप से परिष्कृत उत्पादों का एक व्यापक बास्केट शामिल है तथा 2021 में ये 6.9 बिलियन डॉलर के थे। ऑस्ट्रेलिया से भारत का वस्तु आयात 15.1 बिलियन डॉलर का था, जिसमें मुख्य रूप से कच्चे माल, खनिज अवयव तथा इंटरमीडिएट वस्तुएं थीं।