मध्य प्रदेश विभिन्न नागरिक केंद्रित सुधारों को सफलतापूर्वक लागू कर, पूंजीगत परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त पूंजी पाने वाले देश का पहला राज्य बन गया है। वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने इसके तहत राज्य को पूंजीगत खर्च के लिए 660 करोड़ रुपये आवंटित किया है। इस राशि को राज्य वन नेशन, वन राशन कार्ड सुधार, ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस सुधार (बिजनेस करना आसान), और शहरी निकाय सुधार को पूरा करने के मद में खर्च करेगा। इसके अलावा राज्य ने चौथे प्रमुख सुधार – पावर सेक्टर (बिजली क्षेत्र) में सुधार का भी एक अहम हिस्सा पूरा कर लिया है।
व्यय विभाग द्वारा 660 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली पूंजीगत परियोजनाओं की एक सूची को मंजूरी दी गई थी। इसके तहत पहली किस्त के रूप में 50 फीसदी राशि (330 करोड़ रुपये )अनुमोदित परियोजनाओं के लिए राज्य को जारी भी कर दी गई है। जारी की गई 660 करोड़ रुपये की राशि, योजना के भाग-2 के तहत पूंजीगत परियोजनाओं के लिए पहले जारी की गई 660 करोड़ रुपये की राशि से अतिरिक्त राशि है।
वित्त मंत्री ने “आत्मनिर्भर भारत पैकेज” के तहत 12 अक्टूबर, 2020 को “पूंजीगत व्यय के लिए राज्यों की विशेष सहायता” योजना की घोषणा की थी। इस योजना का उद्देश्य इस साल कोविड-19 महामारी की वजह से, राजस्व में आई कमी की वजह से वित्तीय दिक्कतों का सामना कर रहे राज्यों के लिए पूंजीगत व्यय को बढ़ाना है।
अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए पूंजीगत खर्च का कई स्तरों पर पर असर होता है। जिसका फायदा ऊंजी आर्थिक विकास दर के रुप में दिखता है। इसलिए, केंद्र सरकार ने प्रतिकूल वित्तीय परिस्थिति के बावजूद, वित्त वर्ष 2020-21 में पूंजीगत व्यय के संबंध में राज्य सरकारों को विशेष सहायता देने का निर्णय लिया था।
इस योजना को राज्य सरकारों की तरह से काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। अब तक 27 राज्यों के पूंजीगत व्यय प्रस्तावों के लिए 10,657 करोड़ रुपये की राशि वित्त मंत्रालय द्वारा अनुमोदित की गई है। योजना के तहत पहली किस्त के रूप में राज्यों को 5,328 करोड़ रुपये की राशि पहले ही जारी की जा चुकी है। राज्यवार आवंटन, दी
गई मंजूरी और जारी की गई राशि की जानकारी संलग्न हैं। अभी तक तमिलनाडु ने इस योजना का लाभ नहीं उठाया है।
इसके तहत स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, जल आपूर्ति, सिंचाई, बिजली, परिवहन, शिक्षा, शहरी विकास जैसे अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में पूंजी व्यय परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
योजना के तीन भाग हैं। योजना के भाग-1 में उत्तर-पूर्वी और पर्वतीय राज्यों को शामिल किया गया है। इसके तहत, 7 पूर्वोत्तर राज्यों (अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा) में से प्रत्येक को 200 करोड़ रुपये आवंटित किए जाते हैं और 450 करोड़ रुपये की राशि, प्रत्येक पर्वतीय राज्यों (हिमाचल, उत्तराखंड) को आवंटित की गई है। साथ ही असम राज्य में अधिक जनसंख्या और ज्यादा भौगोलिक क्षेत्र को देखते हुए, उसे योजना के तहत 50 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि आवंटित की गई है।
योजना के भाग- 2 में वह राज्य शामिल किए गए हैं, जो पहले भाग में शामिल नहीं है। इस भाग के लिए 7,500 करोड़ रुपये की राशि रखी गई है। यह राशि इन राज्यों को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 15 वें वित्त आयोग द्वारा केंद्रीय कर में हिस्से के तहत तय अनुपात के आधार पर राज्यों को आवंटित की गई है।
योजना के भाग-3 का उद्देश्य राज्यों में विभिन्न नागरिक-केंद्रित सुधारों को आगे बढ़ाने का है। इस भाग के तहत 2000 करोड़ रुपये की राशि अनुमोदित की गई है। यह राशि केवल उन राज्यों को उपलब्ध होगी जो वित्त मंत्रालय द्वारा 17 मई 2020 को तय किए गए 4 सुधारों में से कम से कम 3 को , 15 फरवरी, 2021 तक लागू कर, उस संबंध में अपनी सिफारिशें नोडल मंत्रालय को भेजेंगे। इसके तहत वन नेशन वन राशन कार्ड सुधार, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस सुधार, शहरी निकाय / यूटिलिटी सुधार और पावर सेक्टर सुधार शामिल हैं।
पूंजीगत व्यय के लिए राज्यों को विशेष सहायता की योजना के तहत आवंटित राशि, स्वीकृत राशि और जारी राशि | ||||
(करोड़ रुपये में) | ||||
क्रम.संख्या | राज्य | अवंटित राशि | स्वीकृत राशि | जारी राशि |
1 | आंध्र प्रदेश | 344.00 | 344.00 | 172.00 |
2 | हिमाचल प्रदेश | 233.66 | 233.66 | 116.83 |
3 | असम | 450.00 | 450.00 | 225.00 |
4 | बिहार | 843.00 | 843.00 | 421.50 |
5 | छत्तीसगढ़ | 286.00 | 286.00 | 143.00 |
6 | गोवा | 65.66 | 65.66 | 32.83 |
7 | गुजरात | 285.00 | 285.00 | 142.50 |
8 | हरियाणा | 91.00 | 91.00 | 45.50 |
9 | हिमाचल प्रदेश | 450.00 | 450.00 | 225.00 |
10 | झारखंड | 277.00 | 277.00 | 138.50 |
11 | कर्नाटक | 305.00 | 305.00 | 152.50 |
12 | केरल | 163.00 | 163.00 | 81.50 |
13 | मध्य प्रदेश | 1320.00 | 1320.00 | 660.00 |
14 | महाराष्ट्र | 514.00 | 514.00 | 257.00 |
15 | मणिपुर | 233.66 | 233.66 | 116.83 |
16 | मेघालय | 200.00 | 200.00 | 100.00 |
17 | मिजोरम | 200.00 | 200.00 | 100.00 |
18 | नागालैंड | 200.00 | 200.00 | 100.00 |
19 | ओडीसा | 388.00 | 388.00 | 194.00 |
20 | पंजाब | 150.00 | 146.50 | 73.25 |
21 | राजस्थान | 501.00 | 501.00 | 250.50 |
22 | सिक्किम | 200.00 | 200.00 | 100.00 |
23 | तमिलनाडु | 0.00 | 0.00 | 0.00 |
24 | तेलंगाना | 179.00 | 179.00 | 89.50 |
25 | त्रिपुरा | 200.00 | 200.00 | 100.00 |
26 | उत्तर प्रदेश | 1501.00 | 1501.00 | 750.50 |
27 | उत्तराखंड | 450.00 | 450.00 | 225.00 |
28 | पश्चिम बंगाल | 630.00 | 630.00 | 315.00 |
कुल | 10,660 | 10,657 | 5,328 |