यह विधानसभा चुनाव; तीन राजनीतिक खानदानों और जम्मू-कश्मीर के नौजवानों के बीच में है: प्रधानमंत्री

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के डोडा में चुनावी रैली को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में होने वाला इस बार का विधानसभा चुनाव तीन खानदानों और जम्मू-कश्मीर के नौजवानों के बीच है। प्रधानमंत्री ने लोगों को उस दौर की भी याद दिलाई जब दिन ढलते ही राज्य में अघोषित कर्फ्यू लग जाता था। उन्होंने कहा कि राज्य में मेडिकल कॉलेज खुलना सपना था, लेकिन भाजपा सरकार ने डोडा मेडिकल कॉलेज की लंबे समय से की जा रही मांग को पूरा किया। उन्होंने कहा कि जिन राजनीतिक दलों ने वर्षों तक जम्मू-कश्मीर पर राज किया, उन्होंने यहां के बच्चों के भविष्य पर कभी ध्यान नहीं दिया। प्रधानमंत्री ने डोडा, किश्तवाड़ और रामबन के अलग-अलग हिस्सों से घंटों सफर कर सभा में पहुंचे लोगों का आभार व्यक्त किया और कहा, “हम और आप मिल करके एक सुरक्षित और समृद्ध जम्मू-कश्मीर का निर्माण करेंगे, ये मोदी की गारंटी है।”

परिवारवाद की राजनीति पर प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “जम्मू-कश्मीर का इस बार का विधानसभा चुनाव तीन खानदानों और जम्मू-कश्मीर के नौजवानों के बीच में है। इन तीनों में पहला खानदान कांग्रेस का है, दूसरा नेशनल कॉन्फ्रेंस का है और तीसरा खानदान पीडीपी का है। इन तीन खानदानों ने मिलकर आपके साथ जो किया है वो किसी पाप से कम नहीं है। सालों तक जम्मू-कश्मीर को बर्बाद करने के लिए यही तीनों खानदान जिम्मेदार हैं। बीते सालों में जम्मू कश्मीर में विकास का नया दौर आया है। इसका श्रेय यहां के नौजवानों को ही जाता है। मैं आज जम्मू कश्मीर के युवा को चाहे वो बेटी हो या बेटा, उनके जोश और जज्बे को सैल्यूट करता हूं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन तीन खानदानों ने यहां करप्शन और ज़मीन कब्ज़ा करने वाले गिरोहों को बढ़ावा दिया। छोटी-छोटी सुविधाओं के लिए लोगों को तरसाया। सरकारी नौकरियों में सिर्फ उन्हीं लोगों को भर्ती किया गया, जो इन तीनों खानदान के खास थे। इन तीन खानदानों ने ही यहां अलगाव और आतंक के लिए ज़रूरी ज़मीन तैयार की। ये लोग आतंकवाद को इसलिए पाल-पोस रहे थे ताकि इनके अरबों-खरबों का व्यापार चलते रहे। एक समय था जब दिन ढलते ही अघोषित कर्फ्यू लग जाता था, सारी दुकानदारी, सारा कामकाज ठप हो जाता था। उस वक्त के कांग्रेस सरकार के, केंद्रीय गृहमंत्री तक लालचौक जाने से डरते थे।

जम्मू-कश्मीर पर राज करने वाली परिवारवादी पार्टियों ने किस तरह जनता को ठगा इस पर पीएम मोदी ने कहा, “जिन राजनीतिक दलों ने बरसों तक जम्मू-कश्मीर पर राज किया, उन्होंने आपके बच्चों के भविष्य पर कभी ध्यान नहीं दिया। आप याद कीजिए, पहले एक-एक स्कूल खोलने के लिए आपको कितना संघर्ष करना पड़ता था। छोटी सी सड़क बनवानी हो, पानी की टंकी बनवानी हो, आपको आंदोलन किए बिना, कोई सुनने को तैयार नहीं था। मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज ये सब खुलना तो यहां किसी सपने से कम नहीं था। जिन्हें आप अपना समझते रहे, उन्होंने आपको कभी अपना माना ही नहीं। आप तो उनके लिए सत्ता तक पहुंचने की सीढ़ी मात्र थे। एक समय था, जब यहां के नौजवान अच्छी पढ़ाई के लिए देश के दूसरे राज्य में जाने के लिए मजबूर थे। आज मेडिकल कॉलेज हो, AIIMs हो, IIT हो, जम्मू-कश्मीर में सीटें कई गुणा बढ़ाई गई हैं।”

हर नागरिक के अधिकार की रक्षा की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “जम्मू-कश्मीर में रहने वाला कोई भी व्यक्ति, चाहे वो किसी भी मजहब का हो, किसी भी आस्था से जुड़ा हो, किसी भी वर्ग का हो, उनके हर अधिकार की रक्षा की गारंटी मोदी ने दी है। जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का काम भी भाजपा सरकार ही करेगी। लेकिन आपको ऐसे लोगों से सावधान रहना है जो अपने स्वार्थ के लिए आपका अधिकार छीनते रहे हैं। आपने देखा है, आजकल ये लोग संविधान को अपनी जेब में रखते हैं। ये दिखावा क्यों कर रहे हैं। अपने काले कारनामों को छिपाने के लिए कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में ये SC/ST/OBC का नाम तक नहीं लेते थे। इतनी पीढ़ियां गुजरने के बाद, उनको भाजपा सरकार ने आरक्षण दिया। आज ऐसे अनेक साथी हैं, जिनको पहली बार वोट डालने का हक मिला है। भारत का संविधान हर किसी को वोट का अधिकार देता है। संविधान को जेब में लेकर घूमने वालों ने 75 साल तक आप में से कुछ लोगों का वोट देने का अधिकार छीन लिया था।”

परिवारवादी पार्टियों से लोगों को सावधान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं सभी माताओं-बहनों और सभी मुस्लिम बेटियों को भी कहना चाहता हूं कि जब हमने तीन तलाक की बात की तो नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस ने इसका विरोध किया था। ये आपके नहीं, सिर्फ अपने हित के बारे में सोचते हैं। एनसी, पीडीपी और कांग्रेस जैसी पार्टियां आर्टिकल 370 को वापस लाना चाहती है, इसका मतलब है कि ये तीन खानदान मिलकर पहाड़ी समाज का आरक्षण फिर से छीन लेंगे, वोटिंग का हक छीन लेंगे, 35A वापस आया तो माताओं-बहनों के हकों पर पुरानी पाबंदी लग जाएगी। इनके घोषणा पत्र लागू हुए तो बच्चों के हाथों में पत्थर होंगे, कारोबार पर ताले लगेंगे, नौजवान बेरोजगार घूमेंगे। आप इनको वो खौफनाक दिन वापस लाने देंगे क्या।’

प्रधानमंत्री ने अमेरिका की धरती पर हिंदुस्तान के एक पत्रकार के साथ हुए जुल्म का मुद्दा उठाते हुए कहा, “लोकतंत्र का एक पिलर हमारा मीडिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका गए एक अखबार के प्रतिनिधि के साथ जुल्म किया गया, उसने अपनी कहानी पब्लिक के सामने रखी है। अमेरिका की धरती पर भारत के एक पत्रकार को कमरे में बंद करके उनकी जो दुर्गति की गई, विपक्षी पार्टी की यह करतूत क्या संविधान और लोकतंत्र की प्रतिष्ठा बढ़ाने वाली है।”