आशा व विश्वास का प्रतीक ‘हमारा तिरंगा’

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      अपनी शुरुआत से ही ‘हर घर तिरंगा अभियान’ लोगों में राष्ट्रीय भावना एवं देशभक्ति जगाने वाला एक जन-अभियान बन गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सोशल मीडिया पर प्रोफाइल पिक्चर बदल कर तिरंगा लगाने की अपील को भारी जनसमर्थन मिला है। करोड़ों लोग इस अभियान से जुड़कर स्वतंत्रता दिवस के राष्ट्रीय पर्व में नए रंग भर रहे हैं, साथ ही उत्साह से भरे वातावरण में ‘एकजुटता एवं भाईचारा का संदेश’ भी गूंज रहा है। ‘विकसित भारत’ की यात्रा में देश का तिरंगा आशा एवं विश्वास का प्रतीक बन गया है। इस अभियान में बच्चे, महिलाएं एवं युवाओं की भारी भागीदारी से यह सुनिश्चित प्रतीत होता है कि आने वाली पीढ़ी विकास, शांति, एकता, परस्पर विश्वास एवं भाईचारा के पथ पर अग्रसर है। यह अभियान देश के राष्ट्रनायकों को याद कर उनके बलिदानों से प्रेरणा लेने का भी अवसर प्रदान करता है। राष्ट्रीय स्मारकों पर स्वच्छता अभियान तथा महानायकों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण के कार्यक्रम, पूरे देश को देशभक्ति की भावना से ओत-प्राेत कर देते हैं। जहां ‘हर घर तिरंगा अभियान’ से सराबोर पूरा देश स्वतंत्रता दिवस को पूरे उमंग एवं उत्साह से मनाता है, वहीं ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ विभाजन की त्रासदी को याद कर उन लाखों लोगों को, जो इसकी भेंट चढ़ गए एवं उन करोड़ों लोगों को, जो अपने घर-बार से पलायन को मजबूर हुए, उनके परिवारों के साथ दर्द बांटने एवं पीढ़ियों तक के उनके संघर्षों एवं बलिदानों को सच्ची श्रद्धांजलि है।

‘विकसित भारत’ का लक्ष्य ‘विकसित प्रदेशों’ के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। नीति आयोग को आकांक्षी जिले कार्यक्रम, निवेश के लिए सकारात्मक वातावरण की योजना, राज्यों में नदियों का ग्रीड, जनसंख्या प्रबंधन योजना एवं 2047 के लिए ‘राज्यों हेतु दृष्टि’ पर कार्य करने का आह्वान किया

संसद का बजट सत्र, लोकसभा में 136 प्रतिशत एवं राज्य सभा में 118 प्रतिशत की कार्य उत्पादकता प्राप्त करने में सफल रहा। जहां बजट पर हुई, चर्चा में दोनों सदनों में बड़ी संख्या में सदस्यों ने भाग लिया, संसद में कई विधेयक लाए गए एवं पारित हुए। बहुचर्चित वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 जो वक्फ कानून, 1995 को संशोधित कर वक्फ बोर्ड की अनियंत्रित एवं निरंकुश शक्तियों को न्यायसंगत बनाते हुए उनके प्रबंधन एवं प्रशासन में सुधार करने हेतु लाया गया। कांग्रेसनीत विपक्ष का यह दावा कि यह विधेयक वक्फ बोर्ड के प्रावधानों को कमजोर कर मुसलमानों के हितों की अनदेखी करता है, पूर्णतः निराधार है। वास्तव में, वर्तमान कानून वक्फ बोर्ड को अतीत के दावों के आधार पर किसी भी संपत्ति को ‘वक्फ संपत्ति’ घोषित करने का एकतरफा अधिकार देता है। वर्तमान का वक्फ कानून, 1995 ने वक्फ बोर्ड को ऐसी असीमित शक्तियां दे दी हैं जिनसे आम मुसलमानों एवं उनकी संपत्तियों के साथ-साथ गैर-मुस्लिमों की भी संपत्तियां प्रभावित हुई हैं। इतना ही नहीं, 2013 एवं 2014 में तत्कालीन कांग्रेसनीत यूपीए सरकार ने एक के बाद एक, दो प्रयास किए जिनसे वक्फ बोर्ड को अथाह शक्तियों के साथ-साथ कड़े दंडात्मक कानूनी अधिकार भी मिल जाते हैं। अब जबकि यह विधेयक संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया है, कांग्रेसनीत विपक्ष से अपेक्षित है कि वे वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठे तथा वक्फ संपत्तियों के प्रशासन एवं प्रबंधन; मुस्लिम महिलाओं, बच्चे, गरीब एवं पिछड़े के हित में हो, इसे सुनिश्चित करने में अपनी भूमिका निभाएं।

हाल ही में संपन्न नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्पष्ट कहा है कि ‘विकसित भारत’ का लक्ष्य ‘विकसित प्रदेशों’ के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने नीति आयोग को आकांक्षी जिले कार्यक्रम, निवेश के लिए सकारात्मक वातावरण की योजना, राज्यों में नदियों का ग्रीड, जनसंख्या प्रबंधन योजना एवं 2047 के लिए ‘राज्यों हेतु दृष्टि’ पर कार्य करने का आह्वान किया। सीआईआई द्वारा आयोजित ‘विकसित भारत की ओर यात्राः केंद्रीय बजट 2024-25 के पश्चात् सम्मेलन’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने पिछले दस वर्षों में किए गए कार्यों के ‘स्पीड एवं स्केल’, राजनैतिक इच्छाशक्ति, नीयत एवं प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। इसमें कोई संदेह नहीं कि देश की जनता की आकांक्षाएं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के लिए सर्वोपरि हैं और उसके लिए वे 2047 तक ‘विकसित भारत’ के निर्माण के लिए संकल्पबद्ध हैं।
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