‘पिछले 10 वर्षों में रेलवे और राजमार्गों के बजट में 8 गुना वृद्धि हुई’

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प्रधानमंत्री ने ‘विकसित भारत की ओर यात्रा: केंद्रीय बजट 2024-25 के पश्चात् सम्मेलन’ को किया संबोधित

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 30 जुलाई को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित ‘विकसित भारत की ओर यात्रा: केंद्रीय बजट 2024-25 के पश्चात् सम्मेलन’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। सम्मेलन का उद्देश्य विकास के लिए सरकार के व्यापक दृष्टिकोण और उद्योग की भूमिका की रूपरेखा प्रस्तुत करना है। उद्योग, सरकार, राजनयिक समुदाय और थिंक टैंकों सहित अन्य क्षेत्रों से एक हजार से अधिक प्रतिभागियों ने व्यक्तिगत रूप से सम्मेलन में भाग लिया, जबकि देश और विदेश में स्थित विभिन्न सीआईआई केंद्र इस कार्यक्रम से जुड़े थे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उपस्थित गणमान्यों को संबोधित करते हुए कहा कि जब देश के नागरिक जीवन के हर पहलू में स्थिरता प्राप्त कर लेते हैं और उत्साह से भरे होते हैं तो देश कभी पीछे नहीं रह सकता। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के आमंत्रण के प्रति आभार व्यक्त किया।

पूंजीगत व्यय में पांच गुने से अधिक की वृद्धि: आज 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक

हाल ही में पेश किए गए बजट के कुछ तथ्य सामने रखते हुए श्री मोदी ने मौजूदा 48 लाख करोड़ रुपये के बजट की तुलना 2013-14 के 16 लाख करोड़ रुपये के बजट से की, जिसमें अब तीन गुना की वृद्धि है। संसाधन निवेश का सबसे बड़ा पैमाना पूंजीगत व्यय 2004 में 90 हजार करोड़ रुपये था, जो 2014 तक के 10 वर्षों में 2 लाख करोड़ रुपये हो गया, यानी दोगुना वृद्धि जबकि इसकी तुलना में यह महत्वपूर्ण संकेतक आज 5 गुना से भी अधिक वृद्धि के साथ 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।

पिछली सरकार से तुलना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में रेलवे और राजमार्गों के बजट में 8 गुना वृद्धि देखी गई है। कृषि और रक्षा बजट में क्रमशः 4 और 2 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है।

श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि हर क्षेत्र के बजट में रिकॉर्ड बढ़ोतरी टैक्स में रिकॉर्ड कटौती के बाद की गई है। उन्होंने बताया कि 2014 में एक करोड़ रुपये कमाने वाले एमएसएमई को अनुमानित टैक्स देना पड़ता था, अब 3 करोड़ रुपये तक की आय वाले एमएसएमई भी इसका लाभ उठा सकते हैं। 2014 में 50 करोड़ रुपये तक की आय वाले एमएसएमई को 30 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता था, आज यह दर 22 प्रतिशत है। 2014 में कंपनियां 30 प्रतिशत कॉर्पोरेट टैक्स देती थीं, आज 400 करोड़ रुपये तक की आय वाली कंपनियों के लिए यह दर 25 प्रतिशत है।

वर्तमान वैश्विक परिदृश्य की अनिश्चितताओं का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत की वृद्धि और स्थिरता के अपवाद पर भी विचार व्यक्त किए। भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में जबरदस्त वृद्धि देखी गई और भारत कम वृद्धि और उच्च मुद्रास्फीति वाले वैश्विक परिदृश्य में उच्च वृद्धि और कम मुद्रास्फीति दिखा रहा है। उन्होंने महामारी के दौरान भारत की राजकोषीय बुद्धिमता को भी दुनिया के लिए एक आदर्श बताया। वैश्विक वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात में भारत का योगदान निरंतर बढ़ रहा है।

श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि महामारी, प्राकृतिक आपदाओं और युद्धों जैसे महत्वपूर्ण वैश्विक आघातों के बावजूद वैश्विक विकास में भारत का योगदान 16 प्रतिशत तक पहुंच गया है।

पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर

प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र विकसित भारत के संकल्पों के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आ चुके हैं। श्री मोदी ने जीवन को आसान बनाने और जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सरकार के प्रयासों पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि सरकार उद्योग 4.0 मानकों को ध्यान में रखते हुए कौशल विकास और रोजगार पर अत्यधिक ध्यान केंद्रित कर रही है। श्री मोदी ने मुद्रा योजना, स्टार्टअप इंडिया और स्टैंड अप इंडिया अभियानों का उदाहरण दिया और बताया कि 8 करोड़ से अधिक लोगों ने नए व्यवसायों की शुरुआत की है।

उन्होंने कहा कि भारत में 1.40 लाख स्टार्टअप हैं जो लाखों युवाओं को रोजगार दे रहे हैं। इस वर्ष के बजट में 2 लाख करोड़ रुपये के बहुचर्चित पीएम पैकेज का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे 4 करोड़ से अधिक युवाओं को लाभ होगा। उन्होंने बताया कि पीएम पैकेज समग्र और व्यापक है। यह अंतिम छोर तक समाधानों से जुड़ा हुआ है।

श्री मोदी ने युवाओं के कौशल और अनुभव को बढ़ाने के लिए शुरू की गई इंटर्नशिप योजना का भी जिक्र किया, जिससे उनके रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी, साथ ही बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करने वालों को प्रोत्साहन मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने ईपीएफओ योगदान में प्रोत्साहन की घोषणा की है।

श्री मोदी ने बजट में विनिर्माण पहलू पर भी चर्चा की। उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ और विभिन्न क्षेत्रों में एफडीआई नियमों के सरलीकरण के साथ-साथ 14 क्षेत्रों के लिए बहु-उद्देश्‍य लॉजिस्टिक्स पार्क, पीएलआई का उल्लेख किया। इस बजट में देश के 100 जिलों के लिए प्लग-एंड-प्ले निवेश-तैयार निवेश पार्कों की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि ये 100 शहर विकसित भारत के नए केंद्र बनेंगे। श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार मौजूदा औद्योगिक गलियारों का भी आधुनिकीकरण करेगी।

एमएसएमई पर जोर

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) को सशक्त बनाने के लिए अपनी सरकार के दृष्टिकोण को साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने एमएसएमई के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान किया है और उन्हें आवश्यक सुविधाएं प्रदान की हैं। श्री मोदी ने कहा कि हम 2014 से लगातार यह सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं कि एमएसएमई को आवश्यक कार्यशील पूंजी और ऋण मिले, उनकी बाजार पहुंच और संभावनाएं बेहतर हों और उन्हें औपचारिक बनाया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए कर में कमी और उनके लिए अनुपालन बोझ को कम करना सुनिश्चित किया गया है।

श्री मोदी ने बजट में कुछ बिंदुओं का उल्लेख किया जैसे परमाणु ऊर्जा उत्पादन के लिए बढ़ा हुआ आवंटन, कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, किसानों की भूमि खंडों को नंबर प्रदान करने के लिए भू-आधार कार्ड, अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के लिए 1000 करोड़ रुपये का उद्यम पूंजी कोष, महत्वपूर्ण खनिज मिशन और खनन के लिए अपतटीय ब्लॉकों की आगामी नीलामी। उन्होंने कहा कि ये नई घोषणाएं प्रगति के नए मार्ग प्रशस्त करेंगी।

भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, विशेषकर उभरते क्षेत्रों में अवसरों का सृजन हो रहा है। उन्होंने सेमीकंडक्टर वैल्यू चेन में नाम कमाने की जरूरत बताई, ताकि भविष्य में इसकी अहम भूमिका हो। श्री मोदी ने कहा कि सरकार सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है। उन्होंने विशेष रूप से मोबाइल विनिर्माण क्रांति के मौजूदा दौर में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को प्रोत्साहित करने पर भी चर्चा की।

श्री मोदी ने बताया कि कैसे भारत अतीत में आयातक से शीर्ष मोबाइल निर्माता और निर्यातक बन गया है। प्रधानमंत्री ने भारत में ग्रीन जॉब्स सेक्टर के लिए रोडमैप का भी उल्लेख किया, जिसमें ग्रीन हाइड्रोजन और ई-वाहन उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा।

छोटे परमाणु रिएक्टरों पर किए जा रहे काम का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने कहा कि इससे न सिर्फ उद्योग को ऊर्जा पहुंच के रूप में लाभ मिलेगा, बल्कि इस क्षेत्र से जुड़ी पूरी आपूर्ति शृंखला को भी नए कारोबारी अवसर मिलेंगे।

इस अवसर पर केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष श्री संजीव पुरी उपस्थित थे।

मुख्य बातें
 हमारी सरकार अभूतपूर्व गति और पैमाने पर बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रही है
 आज हम विकसित भारत की ओर यात्रा की चर्चा कर रहे हैं; यह सिर्फ भावना के परिवर्तन को ही नहीं अपितु विश्वास में परिवर्तन को भी दर्शाता है
 भारत का विकास और स्थिरता वर्तमान में अनिश्चित दुनिया के मामले में एक अपवाद है
 हम अपने सभी नागरिकों के लिए ‘जीवन की सरलता’ और ‘जीवन की गुणवत्ता’ सुनिश्चित कर रहे हैं
 महामारी के बावजूद भारत की राजकोषीय बुद्धिमता विश्व के लिए आदर्श है
 हमारी सरकार की मंशा और प्रतिबद्धता बहुत स्पष्ट है, हमारी दिशा में कोई भटकाव नहीं है
 हमारी सरकार में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कोई कमी नहीं है, हमारे लिए देश और हमारे नागरिकों की आकांक्षाएं सर्वोपरि हैं
 मैं उद्योग और भारत के निजी क्षेत्र को विकसित भारत के निर्माण का एक सशक्त माध्यम मानता हूं