पश्चिम बंगाल में कानून का राज नहीं है: सुकांत मजूमदार

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  ‘बंगाल बंद’ सफल

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के जघन्य अपराध के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने 28 अगस्त, 2024 को 12 घंटे का ‘बंगाल बंद’ बुलाया। भाजपा के इस आह्वान को समाज के सभी वर्गों, खासकर महिलाओं का पूर्ण समर्थन मिला, जिससे यह बंद बेहद सफल साबित हुआ। इस दौरान पुलिस ने राज्य भर में हजारों लोगों को हिरासत में लिया, जिनमें कई भाजपा नेता एवं कार्यकर्ता शामिल थे। इस बंद के लिए बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता सड़क पर उतरे। उन्होंने विशाल रैलियां निकालीं और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एवं टीएमसी सरकार के खिलाफ नारे लगाए; जिनके शासन में राज्य की कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने बताया कि यह बंद बेहद सफल रहा और राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह को एक पत्र लिखा गया है।

भारतीय जनता पार्टी ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार एवं नृशंस हत्या मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को धमकाने, पीड़ता को न्याय दिलाने के बदले अपराधियों को बचाने और भाजपा के पश्चिम बंगाल बंद के दौरान कार्यकर्ताओं पर हिंसक हमला कराने के लिए जमकर आलोचना की।

भड़काऊ बयानबाजी कर रही हैं ममता बनर्जी:
सुकांत मजूमदार

बंगाल भाजपा अध्यक्ष श्री सुकांत मजूमदार ने केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह को पत्र लिखकर मेयो रोड पर तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद् की रैली में भड़काऊ भाषण देने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की निंदा की। श्री मजूमदार ने बंगाल के नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए त्वरित एवं निर्णायक कार्रवाई का आह्वान किया।

श्री मजूमदार ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि वह भीड़ को उकसाने की कोशिश कर रही हैं और राज्य मशीनरी बदले की राजनीति से प्रेरित होकर कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर, असम, बिहार, झारखंड, ओडिशा और दिल्ली के बारे में उनकी टिप्पणियां संघीय ढांचे एवं राष्ट्रीय हित के लिए खतरनाक हैं।

श्री मजूमदार ने कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून का राज नहीं है, केवल अराजकता है। यह चौंकाने वाली बात है कि राज्य की मुख्यमंत्री एक महिला हैं, फिर भी जब महिलाओं को निशाना बनाकर किए गए अपराधों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाता है, तो वह लाठीचार्ज, पानी की बौछार और आंसू गैस से जवाब देती हैं।

श्री मजूमदार ने इस बात पर जोर दिया कि पश्चिम बंगाल में कानून का शासन नहीं है। यहां लोक सेवकों, विशेषकर उच्च अधिकारियों का कर्तव्य है कि वे शांति बनाने का प्रयास करें तथा हिंसा को हतोत्साहित करें।

अपनी विफल राजनीति की आड़ में भारत को भड़काने की कोशिश न करें: हिमंत बिस्वा सरमा
असम के मुख्यमंत्री श्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी असम में संभावित अशांति की धमकी देने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना की। श्री सरमा ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी कमियों को छिपाने के लिए पूर्वोत्तर राज्यों में लोगों को भड़का रही हैं। श्री सरमा ने एक्स पर लिखा, ”दीदी, असम को धमकाने की आपकी हिम्मत कैसे हुई? हमें अपना गुस्सा मत दिखाइए।” उन्होंने अपने पोस्ट के साथ उनके भड़काऊ भाषण का 46 सेकंड का वीडियो क्लिप भी पोस्ट किया।
उन्होंने कहा, ”अपनी विफल राजनीति की आड़ में भारत को भड़काने की कोशिश भी मत कीजिए। विभाजनकारी भाषा बोलना आपको शोभा नहीं देता।”

पूर्वोत्तर से सार्वजनिक रूप से माफी मांगें: एन बीरेन सिंह

मणिपुर के मुख्यमंत्री श्री एन बीरेन सिंह ने भी बंगाल की मुख्यमंत्री की आलोचना की। उन्होंने एक ट्वीट कर कहा, ”दीदी की हिम्मत कैसे हुई पूर्वोत्तर को धमकाने की? मैं इस तरह की गैरजिम्मेदाराना टिप्पणियों की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। उन्हें पूर्वोत्तर और देश के बाकी हिस्सों से सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगनी चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, ”ममता जी को तुरंत विभाजनकारी राजनीति के साथ हिंसा और नफरत भड़काना बंद करना चाहिए। किसी राजनीतिक नेता द्वारा सार्वजनिक मंच पर हिंसा की धमकी देना बेहद अनुचित है।”