उज्ज्वला से उजाला

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उज्ज्वला – गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले (बीपीएल) परिवारों को एलपीजी कनेक्शन और उज्ज्वला से उजाला के तहत सौर प्रकाश व्यवस्था पूरे आतंरिक इलाके को जगमग कर रही है तथा विशेष रूप से महिलाओं को खुश कर रही हैं। इससे बिजली की दरें और व्यापारिक लागतें कम हो रही हैं। मोदी सरकार के तीन सालों को एक नए युग की शुरूआत के रूप में देखा जा रहा है, जो पद दलितों की उम्मीदों और अवसरों को ऊंचा उठा रहा है।

शिवाजी सरकार

श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का एक अपना अनोखा रिकॉर्ड है। इसका तीन साल का कार्यकाल घोटाला मुक्त है। अभी तक किसी भी गलती का पता लगाने वाले व्यक्ति के लिए इसके दामन में कोई दाग खोजना बड़ा मुश्किल काम रहा है। दुनिया की सबसे बड़ी शासन व्यवस्था का प्रबंधन करना कोई आसान कार्य नहीं है। लेकिन इस तंत्र में सच्चाई लाने के संकल्प ने जाहिरा तौर पर कीमत अदा की है।

सरकार द्वारा उठाए गए अनेक कदमों ने घोटालेबाजों के लिए मुश्किल स्थिति पैदा कर दी है। विभिन्न देशों के साथ किए गए अनेक समझौतों ने मॉरीशस, साइप्रस और सिंगापुर से होकर गुजरने वाले काले धन के मार्गों को अवरुद्ध कर दिया हैं। हालांकि मॉरीशस, सिंगापुर और साइप्रस मार्गों के माध्यम से पहले लॉन्डरिंग किए जा चुके धन को अब भारत में वापस नहीं लाया जा सकता है।

सरकार ने स्विट्जरलैंड और अन्य यूरोपीय देशों के साथ वास्तविक समय लेनदेन डेटा अनुबंध किया है। यह अनुबंध सितंबर 2019 से भारत से स्विस बैंकों के साथ हुए किसी भी लेनदेन से संबंधित जानकारी को साझा करना सुनिश्चित करता है। यह मनी लॉन्ड्रिंग की संभावना को भी रोकता है।

सरकार ने विदेशी खाता कर अनुपालन अधिनियम (एफएटीसीए) को लागू करने के लिए अमेरिका के साथ अंतर-सरकारी समझौते पर भी हस्ताक्षर किए हैं। ये सभी अनुबंध स्वत: ही विदेशों से भारतीय लोगों के वित्तीय खातों की जानकारी प्राप्त करने में भारतीय कर अधिकारियों को सक्षम बनाते हैं।
गलत तरीके से कमाया धन या कर-चोरी से की गई बचत अब एक व्यापक और निवारक कानून काला धन, अघोषित विदेशी परिसंपत्तियां तथा कर अधिरोपण अधिनियम के तहत आ गई हैं। इस अधिनियम में कठोर दंड और मुकदमा चलाने का प्रावधान है।

केंद्रीय राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने 2 जुलाई, 2016 को कहा था कि आयकर विभाग ने 2014 से 2016 के बीच जांच पड़ताल के माध्यम से 43,000 करोड़ रूपये की अघोषित आय का पता लगाया है।

अभी तक की सबसे बड़ी आय (काला धन) घोषणा 2016 में एक मुश्त अनुपालन खिड़की में कम से कम 65,250 करोड़ रूपये की अघोषित परिसंपत्तियां की घोषणाएं की गई थीं, जिससे सरकार को करों के रूप में 29,362 करोड़ रुपये की आमदनी हुई।

बेनामी लेनदेन कानून न केवल बेनामी संपत्तियों को भी लक्षित करता है बल्कि ऐसी संपत्तियों को रखने की भी रोकथाम करता है। यह कानून 18 साल पहले बनाया गया था, लेकिन यह मोदी सरकार द्वारा कार्यान्वयन करने के लिए 1 नवंबर, 2016 तक इंतजार करता रहा। बेनामी लेनदेन को अवैध कमाई खपाने का एक सबसे बड़ा मार्ग बताया जाता था। इस कड़े कानून को प्रवर्तन निदेशालय के रूप में कठोरता से लागू किया जा रहा है और आयकर विभाग ने इस प्रणाली को साफ करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं।

विभिन्न खनिज ब्लॉकों का नीलामी के माध्यम से आवंटन किया गया है जिससे गतिविज्ञान ही बदल गया है। कोयला ब्लॉकों, स्पेक्ट्रम और खनिजों की ऑनलाइन नीलामी के मानदंड के अनुसार की गई है। भविष्य में किसी भी सरकार के लिए इसमें बदलाव करना आसान नहीं होगा।

वह शासक संदेह से ऊपर है, जिसने राजनीतिक वित्तपोषण को एक मुश्किल प्रक्रिया के माध्यम से सुनिश्चित किया है। कुछ छोटी पार्टियों ने इस मार्ग को अवैध धन जुटाने का मार्ग बना लिया था। राजनीतिक वित्त पोषण के नए नियम में नकद प्राप्ति की सीमा को घटाकर 2000 रूपये कर दिया गया है। चुनाव बांड की शुरूआत का उद्देश्य राजनीतिक पार्टियों के वित्तपोषण की सफाई करना है।

सफाई की यह प्रक्रिया उसी दिन शुरू हो गई थी जब श्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई थी। जिस दिन नई सरकार ने पद ग्रहण किया था उसी दिन इसने भ्रष्टाचार के मामले पर गौर करने के लिए उच्चतम न्यायालय की देखरेख में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था।
प्रधानमंत्री देश में ही अवैध धन के खिलाफ निशाना साधने तक ही सीमित रहें बल्कि प्रधानमंत्री ने 5 सितंबर, 2016 को महत्वपूर्ण जी-20 की बैठक में यूरोप और अन्य देशों में बन गए सुरक्षित कर शरण स्थलों के मुद्दे को व्यक्तिगत रूप से उठाया था। इसने प्रमुख जी-20 देशों को मनीलॉन्ड्रिंग, काले धन और आतंक वित्तपोषण के विरूद्ध युद्ध छेड़ने के लिए मजबूर किया।

यह संभवतः सिर्फ शुरुआत ही थी। सभी कार्यवाहियों की जननी 8 नवंबर, 2016 को 8 बजे सांय सामने आई थी। प्रधानमंत्री ने काले धन को कोठरी से बाहर निकालने के लिए 15 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 500 और 1000 रुपये के नोटों का विमुद्रीकरण करने की घोषणा की। इससे देश में उतेजना फैल गई और बैंकों के सामने नोट बदलने के लिए लंबी लंबी लाइनें लग गईं। लोगों ने सफाई के उद्देश्य के लिए परेशानियां भी झेली।

आयकर विभाग ने ऐसे 18 लाख लोगों की पहचान की है, जिन्होंने तथाकथित «बेहिसाबी राशियां» जमा कराईं जिन्हें इसका ब्यौरा देने के लिए कहा गया है। यहां तक कि जन-धन जैसे खातों का भी धन जमा करने के लिए भी उपयोग किया गया।

एनडीए सरकार के इन प्रयासों की अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संगठनों द्वारा प्रशंसा की गई है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष अब भारत को व्यापार करने के लिए एक बेहतर स्थान के रूप में देख रहा है। 4 मई, 2017 को एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने वस्तु और सेवा कर अधिनियम को लागू करने के प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी की सराहना की और कहा कि इससे देश में अप्रत्यक्ष कर और दिवालियापन अधिनियम एकीकृ‍त होंगे। एडीबी अध्यक्ष टेकहिको नकाओ का कहना है कि इस वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.4 प्रतिशत और अगले वर्ष 7.6 प्रतिशत की दर से विकास करेगी और इससे देश में बेहतर कारोबार के अनुकूल वातावरण पैदा होगा।

एनडीए सरकार के अनेक प्रयासों से यह सुनिश्चित हुआ है कि भारत, चीन को पीछे छोड़कर सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है और देश में व्यापार और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के अनुकूल वातावरण कायम हुआ है।

वास्तव में अपने कार्यकाल की शुरुआत में सरकार ने कदाचारी और अक्षम कल्याणकारी वितरण प्रणाली को हटाना सुनिश्चित कर लिया था। सरकार ने अपने प्रतिष्ठापन के रूप में जैम (जनधन, आधार और मोबाइल) के साथ प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) की शुरूआत की थी। इसने 65 मंत्रालयों और विभागों में 536 योजनाओं को लक्षित किया था। उज्ज्वला – गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले (बीपीएल) परिवारों को एलपीजी कनेक्शन और उज्ज्वला से उजाला के तहत सौर प्रकाश व्यवस्था पूरे आतंरिक इलाके को जगमग कर रही है तथा विशेष रूप से महिलाओं को खुश कर रही हैं। इससे बिजली की दरें और व्यापारिक लागतें कम हो रही हैं। मोदी सरकार के तीन सालों को एक नए युग की शुरूआत के रूप में देखा जा रहा है, जो पद दलितों की उम्मीदों और अवसरों को ऊंचा उठा रहा है।