‘आपने सिद्धांतों, ईमानदारी, कार्य, संवेदनशीलता और सेवा के उच्चतम मानक निर्धारित किए’

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रामनाथ कोविंद को प्रधानमंत्री मोदी का पत्र

राष्ट्रपति के तौर पर श्री रामनाथ कोविंद के कार्यकाल पूर्ण होने से एक दिन पहले उन्हें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का एक पत्र मिला, जिसमें प्रधानमंत्री ने उनके कार्यकाल के दौरान सिद्धांतों, ईमानदारी, कार्य, संवेदनशीलता और सेवा के उच्चतम मानकों को स्थापित करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति की सराहना की।

पूर्व राष्ट्रपति ने अपने संदेश में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को उनके संवेदनशील शब्दों के लिए धन्यवाद दिया। श्री कोविंद ने ट्वीट किया, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस पत्र ने मुझे गहराई से छुआ है। मैं उनके संवेदनाशील और हृदय को छूने वाले शब्दों को देशवासियों द्वारा मुझ पर बरसाए गए प्यार और सम्मान के प्रतिबिंब के रूप में ग्रहण करता हूं। मैं आप सभी का तहे दिल से आभारी हूं।”

श्री रामनाथ कोविंद को लिखे अपने पत्र में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा, “जैसा कि आपका कार्यकाल समाप्त हो रहा है, इस अवसर पर पूरे देश के साथ मैं भी आपको नमन करता हूं और हमारे गणतंत्र के राष्ट्रपति एवं सार्वजनिक जीवन में एक लंबे और प्रतिष्ठित जीवन में उत्कृष्ट सेवा के लिए अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। आपने सिद्धांतों, ईमानदारी, कार्य, संवेदनशीलता और सेवा के उच्चतम मानकों को निर्धारित किया है।”

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव से राष्ट्रपति भवन तक श्री कोविंद की यात्रा की भी सराहना की। उन्होंने आगे कहा कि पूर्व राष्ट्रपति ने संविधान के आदर्शों और लोकतंत्र की जीवंतता को सुदृढ़ निर्णय, गरिमापूर्ण आचरण और असाधारण नेतृत्व के साथ बनाए रखा और उन्हें मजबूत किया।
उन्होंने कहा कि जब दुनिया महामारी के अभूतपूर्व तनाव और अशांति एवं संघर्ष में फंसी थी, तब आप राष्ट्र प्रमुख के रूप में शांति, एकता और आश्वासन के स्रोत थे और विदेशों में भारत के मूल्यों और हितों को मजबूती के साथ रख रहे थे।

उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति महिलाओं की स्थिति और भूमिका पर विशेष ध्यान देने के साथ ही गरीबों, ऐतिहासिक रूप से बहिष्कृत और उत्पीड़ित एवं हाशिए पर रहनेवाले लोगों के लिए मुखर होकर बात करते थे। श्री कोविंद सामाजिक परिवर्तन और समावेशन के एक दृढ़ और भावुक चैंपियन थे। आपने एक प्रभावी सांसद के रूप में अपनी पहचान बनाई, जिन्होंने अक्सर सामाजिक कल्याण और शिक्षा से संबंधित मुद्दों को उठाया। बिहार में राज्यपाल के रूप में आपका कार्यकाल उत्कृष्ट रहा। आपने राजभवन को एक ऐसा लोकभवन बनाने का अतुलनीय प्रयास किया, जो आम लोगों की पहुंच में हो।

प्रधानमंत्री ने उनके साथ परौंख के दौरे को भी याद किया और कहा, “मैं हमेशा आपकी विनम्रता, अनुग्रह और उदारता से प्रभावित हुआ हूं। मैं कुछ सप्ताह पहले परौंख की अपनी यात्रा को कभी नहीं भूलूंगा। मैं यह देखकर विशेष रूप से प्रभावित हुआ था कि आपने कैसे दूसरों की मदद करने के लिए अपना पारिवारिक आवास को दान दिया, विशेष रूप से समाज के गरीब और हाशिए के वर्गों के लोगों की मदद के लिए। यह देखकर भी उतना ही खुशी हुई कि आपने अपनी जड़ों से गहरा संबंध बनाए रखा और लोगों ने आप पर जो स्नेह बरसाया, वह उतनी ही खुशी की बात है।

पत्र को समाप्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “पिछले पांच वर्षों में आपने हमें हमेशा अपना समय और सलाह दी और मैं सलाह लेने के लिए हमेशा आपकी ओर देखता रहा। राष्ट्रपति जी, आपके प्रधानमंत्री के रूप में काम करना वास्तव में एक सु:खद अनुभव रहा। मैं देशवासियों के साथ आपके लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं। जय हिंद!