आसियान के साथ और मजबूत हुए संबंध

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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 12 से 14 नवंबर के बीच तीन-दिवसीय यात्रा पर फिलीपींस की राजधानी मनीला में रहे। यह श्री मोदी की फिलीपींस की पहली द्विपक्षीय यात्रा थी, जहां प्रधानमंत्री ने आसियान-भारत और पूर्व एशिया शिखर सम्मेलनों में भाग लिया। श्री मोदी की इस भागीदारी से सरकार की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के दायरे में विशेष रूप से आसियान के सदस्य देशों के साथ और सामान्य रूप से एशिया-प्रशांत क्षेत्र के साथ संबंधों को लगातार मजबूती देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता जाहिर होती है।

आसियान व्यवसाय और निवेश शिखर सम्मेलन, मनीला में 13 नवंबर को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और फिलीपींस की अनेक विषयों में समानता है :

-हम दोनों बहुलवादी समाज हैं और आकर्षक लोकतंत्र हैं।

-विश्व में हमारी अर्थव्यवस्थाएं तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाएं हैं।

-हमारे पास नवाचारी और उद्यमी युवा और महत्वाकांक्षी आबादी है।

-भारत की तरह ही फिलीपींस सेवा क्षेत्र का पावर हाउस है।

भारत की तरह ही फिलीपींस में भी सरकार परिवर्तन चाहती है, समावेशी विकास, संरचना विकास और भ्रष्टाचार से लड़ना चाहती है। हमारी अनेक शीर्ष आईटी कंपनियों ने यहां निवेश किया है। ये कंपनियां हजारों रोजगार सृजन कर रही हैं और पूरे विश्व में फिलीपींस के सेवा क्षेत्र को प्रभावित कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि मेरी सरकार की एक्ट ईस्ट नीति इस क्षेत्र को सहयोग के केंद्र में रखती है। आसियान क्षेत्र के प्रत्येक देश के साथ हमारे असाधारण राजनीतिक और जन संबंध हैं। हम इसी स्तर पर अपने आर्थिक और व्यावसायिक संबंधों को लाना चाहते हैं।

श्री मोदी ने कहा कि अप्रत्याशित स्तर पर भारत को बदलने का काम किया जा रहा है। हम सहज, प्रभावी और पारदर्शी शासन संचालन सहित सुशासन सुनिश्चित करने के लिए रात-दिन काम कर रहे हैं। उदाहरण के लिए हमने दूरसंचार स्पेक्ट्रम, कोयला खदानों तथा अन्य खनिजों और यहां तक की निजी रेडियो चैनलों सहित प्राकृतिक संसाधनों के लिए खुली नीलामी की व्यवस्था शुरू की है। इससे राजस्व में 75 बिलियन अमेरीकी डॉलर मिला है। टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए हम दायित्व बढ़ा रहे हैं तथा विवेकाधिकार और भ्रष्टाचार को कम कर रहे हैं। इसके लिए हम वित्तीय लेनदेन और कराधान में यूनिक आईडी सिस्टम का उपयोग कर रहे हैं और इसके परिणाम दिखने लगे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उच्च मूल्य के नोटों को बंद करने के साथ-साथ इन कदमों से हम अपनी अर्थव्यवस्था के बड़े हिस्से को औपचारिक रूप दे रहे हैं। आयकर रिटर्न भरने वाले नए करदाताओं की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है। नकद रहित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने के साथ एक वर्ष में डिजिटल लेन-देन में 34 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हमने टेक्नोलॉजी का उपयोग लोगों तक पहुंचने के लिए किया है। ऑनलाइन नागरिक भागीदारी मंच से 2 मिलियन अति सक्रिय नागरिकों की ओर से सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों के बारे में विचार और सुझाव तथा इनपुट मिले हैं।

श्री मोदी ने कहा कि हमने प्रगति नामक नया मंच प्रारंभ किया है, जो सक्रिय शासन संचालन और समयबद्ध कार्यक्रम क्रियान्वयन के लिए है। मैं इसके अंतर्गत पूरे देश के अधिकारियों के साथ वीडियों कांफ्रेंस के जरिये परियोजना क्रियान्वयन और लोक शिकायत समाधान की समीक्षा कर पाता हूं। न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन पर बल देते हुए तीन वर्षों में 1200 पुराने कानूनों को समाप्त कर दिया गया है।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दिवालियापन और दिवाला और आइपीआर तथा मध्यस्थता के लिए नए कानून और संस्थान बनाए गए हैं। 36 उद्योगों को पर्यावरण मंजूरी की आवश्यकता दायरे से बाहर निकाला गया है। अब कंपनी का निगमीकरण एक दिन की बात हो गई है। हमने औद्योगिक लाइसेंस प्रणाली को सरल बनाया है तथा पर्यावरण और वन मंजूरियों के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया आरंभ की है। इन सभी कदमों से नया कारोबार शुरू करना सहज हो गया है और परिणाम स्पष्ट हैं।

श्री मोदी ने कहा कि भारत ने इस वर्ष विश्व बैंक कारोबारी सुगमता सूचकांक में 32 स्थानों की छंलाग लगाई है। किसी भी देश की यह सबसे बड़ी छलांग है और यह भारत के दीर्घकालिक सुधार मार्ग को मान्यता है।

और विश्व इस पर ध्यान दे रहा है :

-विश्व आर्थिक मंच के वैश्विक स्पर्धी सूचकांक में हम पिछले 2 वर्षों में 32 स्थान आगे बढ़े हैं।

-हम 2 वर्षों में डब्ल्यूआईपीओ के वैश्विक नवाचार सूचकांक में 32 स्थान आगे बढ़े हैं।

-हमने विश्व बैंक के लाजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक 2016 में 19 स्थानों की छलांग लगाई है।

उन्होंने कहा कि अब हमारी अर्थव्यवस्था के अधिकतर क्षेत्र प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए खुले हैं। एफडीआई क्षेत्र का 90 प्रतिशत से अधिक स्वतः मंजूरी दायरे में है। भारत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए अग्रणी रूप में उभरा है। हमें पिछले तीन वर्षों की तुलना में इस वर्ष 67 प्रतिशत से अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुए हैं। अब हम वैश्विक रूप से एकीकृत अर्थव्यवस्था हैं। हाल के कुछ बड़े सुधारों से पहले यह उपलब्धियां हासिल की गई हैं।

श्री मोदी ने कहा कि इस वर्ष जुलाई में हमने पूरे देश में एकरूप वस्तु और सेवाकर प्रणाली लागू की है। पूरे भारत में अनेक राज्य स्तरीय और केंद्र स्तरीय करों को समाप्त कर दिया गया है। हमारे देश की विशालता और विविधता और संघीय स्वभाव को देखते हुए यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। साथ-साथ हम मानते हैं कि यह पर्याप्त नहीं है।

उन्होंने कहा कि भारत की बड़ी आबादी की बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच नहीं थी। इससे यह आबादी बचत के अवसरों तथा संस्थागत ऋण से वंचित हो जाती थी। जन धन योजना से कुछ महीनों के अंदर ही लाखों भारतीयों के जीवन में बदलाव आया है। एक वर्ष में 197 मिलियन बैंक खाते खोले गए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष अगस्त तक भारतीय बैंकों में ऐसे 290 मिलियन खाते खोले गए हैं। सहज नकद रहित लेनदेन के लिए लगभग 200 मिलियन रूपे कार्ड जारी किए गए। बैंकिंग सेवाओं तक गरीब लोगों की पहुंच सरकार में भ्रष्टाचार से निपटने में बड़ी भूमिका निभाई है। अब प्रत्यक्ष लाभ अंतरण रूप में सब्सिडी, गरीबों के खाते में प्रत्यक्ष रूप से जमा कर दी जाती है। इससे चोरी खत्म हो गई है और किसी तरह के विवेकाधिकार की संभावना नहीं रह गई है। केवल रसोई गैस के मामले में बैंक खातों के जरिये 146 मिलियन लोग प्रत्यक्ष नकद सब्सिडी प्राप्त कर रहे हैं। आज सरकार 59 अलग-अलग योजनाओं के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण का उपयोग कर रही है। वांछित लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे 10 मिलियन अमेरीकी डॉलर की सब्सिडी अंतरित की जा रही है।

उन्होंने कहा कि इस शिखर सम्मेलन का प्रमुख विषय उद्यमिता है। हमने ‘मेक इन इंडिया’ नामक अभियान प्रारंभ किया है। उसके माध्यम से हम भारत को वैश्विक वैल्यू चेन में प्रमुख भागीदार के रूप में बदलने के लिए संकल्पबद्ध हैं। हम भारत को वैश्विक मैन्यूफैक्चरिंग केंद्र बनाना चाहते हैं। साथ-साथ हम चाहते हैं कि हमारे युवा रोजगार सृजनकर्ता बनें, न कि महज रोजगार चाहने वाले बनें। इसके लिए हमने स्टार्टअप इंडिया और स्टैंडअप इंडिया अभियान लांच किया है। छोटे उद्यमियों की उद्यमी ऊर्जा को मुक्त बनाने में एक प्रमुख बाधा है कि वित्त के लिए गारंटी की कमी है।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में पहली बार मुद्रा योजना के अंतर्गत गारंटी मुक्त ऋण 90 मिलियन से अधिक छोटे उद्यमियों को दिए गए हैं। यह अर्थव्यवस्था में छोटे उद्यमियों के योगदान को मान्यता देना है और ऐसे व्यक्ति को सशक्त बनाना है जिसके पास कामकाजी कारोबार का विचार है, लेकिन किसी तरह की गारंटी नहीं है।

उन्होंने कहा कि मैं फिलीपींस और आसियान क्षेत्र में उद्यमिता को दिए जा रहे महत्व को देख रहा हूं। इस शिखर सम्मेलन में उद्यमियों के लिए आसियान संरक्षण सराहनीय कदम है। वास्तव में निकट भविष्य में विश्व विकास का इंजन दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया होगा। हम इस क्षेत्र में भूमि, समुद्र और वायु संपर्क बनाना चाहते हैं। दक्षिण-पूर्व एशिया के अन्य देशों को जोड़ने के लिए म्यांमार और थाइलैंड के जरिये त्रिपक्षीय बनाने का काम जारी है।

श्री मोदी ने कहा कि हम भारत और आसियान के बीच समुद्री परिवहन पर समझौता शीघ्र संपन्न कराने के लिए काम कर रहे हैं और अपने निकटतम समुद्री पड़ोसियों के साथ तटीय जहाजरानी सेवाओं की संभावना तलाश रहे हैं। वायु संपर्क के क्षेत्र में आसियान देश भारत के चार मेट्रो शहरों और 18 अन्य स्थानों के लिए दैनिक सेवा प्रदान करते हैं। हमने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रानिक वीजा देने जैसे कदम उठाए हैं।

अंतर्राष्ट्रीय चावल शोध संस्थान और महावीर फिलीपीन फाउंडेशन का दौरा किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 13 नवंबर को फिलीपींस स्थित लॉस बनोस में अंतर्राष्ट्रीय चावल शोध संस्थान (आईआरआरआई) का दौरा किया। आईआरआरआई एक महत्वपूर्ण शोध संस्थान है जो चावल विज्ञान के जरिए गरीबी और भुखमरी में कमी करने, चावल उत्पादकों एवं उपभोक्ताओं का स्वास्थ्य बेहतर करने तथा खुशहाली बढ़ाने और भावी पीढ़ियों के लिए चावल पैदावार हेतु अनुकूल माहौल बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री ने एक फोटो प्रदर्शनी भी देखी। इसमें बाढ़ रोधी चावल किस्मों, सूखा रोधी चावल किस्मों, लवणता रोधी चावल किस्मों और महिला कृषि सहकारी समितियों के साथ आईआरआरआई के कार्यों से जुड़ी फोटो प्रदर्शित की गई थीं।

प्रधानमंत्री ने डूब रोधी चावल किस्मों के रोपण के लिए एक नए भूखंड में प्रतीकात्मक रूप से मिट्टी खोदी। उन्होंने ‘श्री नरेन्द्र मोदी रिसिलिएंट राइस फील्ड लैबोरेटरी’ के उद्घाटन अवसर पर एक पट्टिका का अनावरण किया। उन्होंने आईआरआरआई जीन बैंक को चावल बीज की दो भारतीय किस्में सौंपीं।
प्रधानमंत्री ने मनीला स्थित महावीर फिलीपीन फाउंडेशन का भी दौरा किया। यह भारत और फिलीपींस के बीच दीर्घकालिक मानवीय सहयोग कार्यक्रम है। इसकी स्थापना मनीला के भारतीय मूल के मेयर डॉ. रमन बगटसिंग ने की थी। महावीर विकलांग सहायता समिति के सहयोग से इस फाउंडेशन ने जरूरतमंदों को आवश्यक पैर सुलभ कराने के लिए ‘जयपुर फुट’ की फिटमेंट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

भारत फिलीपींस के बीच हुए चार समझौते

भारत और फिलीपींस ने रणनीतिक साझेदारी की ओर कदम बढ़ाते हुए रक्षा, कृषि एवं लघु उद्योग एवं राजनय के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने के लिए चार अहम समझौतों पर 13 नवंबर को हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और फिलीपींस के राष्ट्रपति श्री रोड्रिगो गुतेत्रे के बीच द्विपक्षीय बैठक के दौरान इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इसके अलावा कृषि, लघु, मध्यम एवं सूक्ष्म उद्यम तथा भारतीय नियंत्रण संबंध परिषद और फिलीपींस के समकक्ष संस्थान के बीच सहयोग के तीन करार पर भी दस्तखत किए गए।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात

 

फिलीपींस में चल रहे आसियान शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति श्री डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। 6 महीनों में दोनों नेताओं के बीच ये दूसरी मुलाकात थी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं और ये रोजाना नयी ऊंचाईयों को छू रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि दोनों देश एशिया और मानवता के हित में काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें खुशी है कि उन्हें अमेरिका के राष्ट्रपति से मिलने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप जहां भी गये हैं; अंतर्राष्ट्रीय मंच पर जहां भी उन्हें भारत के बारे में बात करने का मौका मिला है; वहां पर उन्होंने भारत की तारीफ की है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका मिलकर दुनिया का भविष्य बदल सकते हैं।

यही नहीं, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जापानी समकक्ष श्री शिंजो अबे और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री श्री मैल्कम टर्नबुल के साथ अलग-अलग मुलाकात की। इस दौरान चतुर्भुज गठबंधन (भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका) की उभरती पृष्ठभूमि में भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए एक नई रणनीति बनाने पर फोकस किया गया। इससे पहले 12 नवंबर को भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका ने चतुर्भुज गठबंधन को आकार देने के लिए बैठक हुई। श्री मोदी ने ट्वीट किया कि मेरे दोस्त शिंजो अबे और मैंने भारत-जापान संबंधों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की और हमारी अर्थव्यवस्थाओं व लोगों के बीच सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।

आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान श्री मोदी ने जिन राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की उनमें ब्रुनेई के सुल्तान श्री हसनल बी. ओलकिया, न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री श्री जैकिंद अर्दर्न और वियतनाम के प्रीमियर श्री गुयेन शुआन भी शामिल थे।