समाज की सर्वांगीण उन्नति हमारा ध्येय
दीनदयाल उपाध्याय माननीय रज्जू भैया ने हमें यह बताया था कि एक ऐसी परंपरा हम देश में निर्माण करना चाहत...
दीनदयाल उपाध्याय माननीय रज्जू भैया ने हमें यह बताया था कि एक ऐसी परंपरा हम देश में निर्माण करना चाहत...
-दीनदयाल उपाध्याय अधिकांश भारतीय जनता जनतांत्रिक जीवन की आकांक्षी है; किंतु इधर अनेक एशियाई देशों म...
दीनदयाल उपाध्याय गोली का पहला शिकार लोकतंत्रवादी होगा आज समाजवादी खेमे में व्याप्त भ्रमपूर्ण स्थिति...
दीनदयाल उपाध्याय यद्यपि भारत में समाजवादी विचार और समाजवादी पार्टियां उस समय से ही विद्यमान हैं, जब...
दीनदयाल उपाध्याय धर्म का मुख्य तत्त्व है उसका आचार। धर्म और अधर्म का विचार करने पर महाभारत का एक वाक...
दीनदयाल उपाध्याय हमें अपने जीवन के लिए परानुकरण की आवश्यकता नहीं है। हमें तो अपनी ही परंपरा का विचार...
दीनदयाल उपाध्याय वह 23 जून का दिन था, जब डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने तत्कालीन जम्मू-कश्मीर के मुख्यम...
दीनदयाल उपाध्याय भविष्य पुराण में लिखा है कि यह समाज एक ही पिता, प्रजापति, ब्रह्मा या विराट् ने बनाय...
दीनदयाल उपाध्याय केवल अंग्रेजों के जाने मात्र से हम स्वतंत्र हो गए, यह समझना पर्याप्त नहीं होगा तो स...
दीनदयाल उपाध्याय अपना देश आज अत्यधिक कठिन परिस्थितियों से गुजर रहा है। राष्ट्र जीवन का ऐसा कोई क्षेत...
दीनदयाल उपाध्याय वेदों के रचयिता ऋषियों से लेकर आज तक के समस्त आचार्यों ने राष्ट्र का गुणगान किया। स...
दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीयता यद्यपि मूलत: भावात्मक है, तथापि उसके विरोधात्मक स्वरूप की अभिव्यक्ति यद...