विकेंद्रित अर्थव्यवस्था के द्वारा ही मानव मूल्यों की रक्षा संभव
दीनदयाल उपाध्याय भारतीय जनसंघ के पास एक स्पष्ट आर्थिक कार्यक्रम है। किंतु उसका स्थान हमारे संपूर्ण क...
दीनदयाल उपाध्याय भारतीय जनसंघ के पास एक स्पष्ट आर्थिक कार्यक्रम है। किंतु उसका स्थान हमारे संपूर्ण क...
दीनदयाल उपाध्याय औद्योगीकरण की आवश्यकता कृषि के उपरांत हमें उद्योगों का विचार करना होगा। भारत का औद्...
दीनदयाल उपाध्याय घर-गृहस्थी के चक्र में फंसे हुए किसी सामान्य व्यक्ति से जब आप देश, धर्म, साहित्य आद...
दीनदयाल उपाध्याय प्रत्येक व्यक्ति सुख की कामना लेकर कार्य करता है-भौतिक, मानसिक, बौद्धिक और आध्यात्म...
दीनदयाल उपाध्याय समाज की उन्नति का अर्थ क्या है? वैभव का चित्र कौन सा हो, यह कल्पना से रंगा जा...
दीनदयाल उपाध्याय गतांक का शेष पश्चिम ने राज्य के हाथ में ही सब कुछ दे दिया। बाकी संगठन राज्य पर कब्ज...
दीनदयाल उपाध्याय प्रत्येक व्यक्ति सुख की कामना लेकर कार्य करता है- भौतिक, मानसिक, बौद्धिक और आध्यात्...
भारतीय जनसंघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं एकात्म मानवदर्शन के प्रणेता पं दीनदयाल उपाध्याय जी के जन...