युवाओं का बजट

| Published on:

विकास आनन्द

युवाशक्ति हमारे देश की आबादी का बड़ा हिस्सा है। इसलिए, वे देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मोदी सरकार द्वारा संसद में पेश किया गया बजट रोजगार के विभिन्न अवसरों को सुनिश्चित करता है। 2022-23 के बजट में पूंजीगत व्यय में 35.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसे चालू वर्ष के 5.54 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2022-23 में 7.50 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। यह 2019-20 में खर्च की गई राशि के 2.2 गुना से अधिक है और जो 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद का 2.9 प्रतिशत होगा। कैपेक्स के लिए आवंटन के माध्यम से सरकार का इरादा तेजी से विकास करना और रोजगार के नये अवसर पैदा करना है। सरकार बुनियादी ढांचे के विकास पर भी जोर दे रही है, जो उद्यमिता को बढ़ावा देने के साथ रोजगार के नये अवसर भी सृजित करेगा। वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि पीएम गति शक्ति (मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी) आर्थिक विकास और सतत विकास के लिए एक परिवर्तनकारी दृष्टिकोण है। इस दृष्टिकोण के सात इंजन है, जिसमें सड़क, रेलवे, हवाई अड्डे, बंदरगाह, जन परिवहन, जलमार्ग, और लॉजिस्टक ढांचे आदि शामिल है। यह सभी सात इंजन एक साथ अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाएंगे, जिनको ऊर्जा संचरण, आईटी संचार, पानी और सीवरेज एवं सामाजिक बुनियादी ढांचे की पूरक भूमिकाओं द्वारा समर्थित किया गया हैं। जिसको स्वच्छ ऊर्जा और सबका प्रयास—केंद्र सरकार का नजरिया, राज्य सरकारों के प्रयास और निजी क्षेत्र से बल मिलता है। इस पूरे पारिस्थिति तंत्र में युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार और उद्यमशीलता के अवसर पैदा होते हैं। एक्सप्रेसवे के लिए पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान 2022-23 तैयार किया जा रहा है और इसके लागू होने से नागरिकों और वस्तुओं के आवागमन तेज होने के साथ सुविधाजनक भी होगी।

2022-23 में राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में 25,000 किलोमीटर तक का विस्तार किया जाएगा और सार्वजनिक संसाधनों के लिए वित्तपोषण के नवीन तरीकों के माध्यम से 20,000 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को हासिल करने के लिए बजट में प्रोडक्टिविटी लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम का दायरा बढ़ाकर 14 सेक्टरों तक किया गया है। इसमें 60 लाख नए रोजगार सृजित करने की क्षमता है और अगले 5 वर्षों के दौरान 30 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त उत्पादन क्षमता है।
रेलवे में विशेष रूप से स्थानीय स्तर पर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के मद्देनजर सरकार ने ‘वन स्टेशन-वन प्रोडक्ट’ की अवधारणा पर कार्य करना शुरू किया है। यह योजना स्थानीय व्यवसायों और आपूर्ति शृंखलाओं को प्रोत्साहित करने और लोकप्रिय बनाने में सहायक होगी। इसी तरह सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट (CGTMSE) योजना युवाओं को आकर्षित करेगी। आवश्यक राशि के निवेश के साथ इस योजना को नया रूप दिया जाएगा। इससे सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए 2 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त ऋण की सुविधा होगी और रोजगार के अवसरों का विस्तार होगा। वित्त मंत्री ने कहा है कि एमएसएमई क्षेत्र को अधिक लचीला, प्रतिस्पर्धी एवं कुशल बनाने के लिए 5 वर्षों में 6,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ एमएसएमई प्रदर्शन (रैमप) कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जाएगा। उद्यम, ई-श्रम, एनसीएस और असीम पोर्टल को आपस में जोड़ा जाएगा और उनका दायरा बढ़ाया जाएगा।

स्टार्टअप योजना, जो नये उद्यमियों को समर्पित है, को इस नए बजट में विभिन्न अनुप्रयोगों के माध्यम से बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसमें ‘ड्रोन शक्ति’ जैसे कार्यक्रमों को भी प्रमुखता दी गयी है। सभी राज्यों के चुनिंदा आईटीआई में कौशल विकास के लिए जरूरी कोर्स शुरू किए जाएंगे। व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में कौशल को बढ़ावा देने और रचनात्मकता को पैदा करने के लिए विज्ञान और गणित में 750 आभासी प्रयोगशालाएं और 75 कौशल ई-प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी।

बजट में एक डिजिटल विश्वविद्यालय की परिकल्पना की गई है जो देश भर के छात्रों को सुविधाजनक तरीके से सीखने का अनुभव प्रदान करने के साथ विश्व स्तरीय गुणवत्ता वाली सार्वभौमिक शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करेगा।

बजट में एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक (एवीजीसी) प्रमोशन के लिए टास्क फोर्स की स्थापना का भी प्रस्ताव है, क्योंकि इस क्षेत्र में युवाओं के लिए रोजगार के बड़े अवसर पैदा किये जा सकते है। श्रीमती निर्मला सीतारमण ने अपने बजटीय भाषण में कहा कि दूरसंचार क्षेत्र और इसमें भी विशेष रूप से 5जी तकनीक रोजगार के नये अवसर प्रदान कर सकती है। उन्होंने कहा कि निजी दूरसंचार प्रदाताओं द्वारा 2022-23 के भीतर 5जी मोबाइल सेवाओं के रोलआउट की सुविधा के लिए 2022 में आवश्यक स्पेक्ट्रम नीलामी आयोजित की जाएगी। प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम के अतंर्गत 5जी के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम बनाने के लिए एक विनिर्माण योजना शुरू की जाएगी।

रक्षा बजट के माध्यम से भी युवाओं के लिए पर्याप्त रोजगार सृजन की परिकल्पना की गई है। सरकार ने बजट के माध्यम से आयात को कम करने और सशस्त्र बलों के लिए उपकरणों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। सरकार स्वदेशी निर्माताओं को रक्षा निर्माण में अधिक प्राथमिकता देने जा रही है। रक्षा बजट की पूंजीगत खरीद का 68 प्रतिशत 2022-23 में घरेलू उद्योग को आवंटित किया जाएगा, जो 2021-22 में 58 प्रतिशत था। इस आत्मनिर्भर रक्षा बजट में उद्योग, स्टार्टअप और शिक्षा के लिए रक्षा शोध और विकास के लिए बजट का 25 प्रतिशत रखा गया है। ये कदम एमएसएमई के लिए अधिक फायदेमंद होगा।